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Meerut News: अब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे हाईवे पर चलना हुआ 10 फीसदी महंगा
Meerut News: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) गाजियाबाद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार ने आज बताया कि उन्होंने बताया कि 31 मार्च रात 12 बजे से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे पर टोल टैक्स में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
Meerut News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे हाईवे समेत दो प्रमुख राजमार्गो पर सफर महंगा होने जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) गाजियाबाद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार ने आज बताया कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की नई रेट लिस्ट जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि 31 मार्च रात 12 बजे से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे पर टोल टैक्स में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
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बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इन दोनों हाईवे पर रोजाना करीब 1.20 लाख वाहन चलते हैं। यानी अब इतने वाहनों पर बढ़ा हुआ टोल चुकाना होगा। अकेले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे हाईवे पर ही टोल बढ़ने से पहले साल सरकार को 10.95 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे हाईवे पर बढ़ने वाली टोल दरों की सूची प्राप्त हो गई है। इसे परतापुर(मेरठ) के काशी टोल प्लाजा पर चस्पा कराया जा रहा है। ताकि वाहन चालकों को पहले से ही बढ़े हुए रेट मालूम हो सकें। उन्होंने बताया कि निजी वाहनों पर 5 रुपये और कॊर्मशियल वाहनों पर 15 से 20 रुपये तक टोल बढ़या गया है।
155 नहीं अब चुकाने होंगे 160 रुपए
दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक अब कार वालों को 160 रुपये टोल चुकाना होगा, जो कि पहले 155 रुपये था। साथ ही व्यावसायिक वाहनों को अब 260 रुपये चुकाने होंगे जो पहले 245 रुपये थे। वहीं, 6 पहिया ट्रक व बसों को 520 रुपये की जगह 545 रुपये चुकाने होंगे। इसके अलावा 10 पहियों वाले बड़े ट्रक के लिए 565 की जगह अब 595 रुपये चुकाने होंगे।
12 पहियों वाले कमर्शियल वाहनों को अब 815 रुपये की जगह 855 रुपये चुकाने होंगे। जबकि ट्रॉली ट्रक को अब 990 रुपये की जगह 1040 रुपये चुकाने होंगे। विपक्षी दलों ने हाईवे पर टोल दरें बढ़ाए जाने का विरोध किया है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व सचिव चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि ऐसे में जबकि आम जनता पहले ही महंगाई से त्रस्त हैं। लोंगो के पास रोजगार नहीं है। टोल दरों का बढ़ाया जाना किसी भी तरह से उचित नहीं कहा सकता है।