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PF घोटाला: अखिलेश के आरोपों पर श्रीकांत शर्मा का जवाब, फंस गए हैं सपा प्रमुख
यूपी पॉवर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के भविष्य निधि (पीएफ) में घोटाले को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश के आरोप तथ्यों से परे हैं।
लखनऊ: यूपी पॉवर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के भविष्य निधि (पीएफ) में घोटाले को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश के आरोप तथ्यों से परे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश सरकार में ही 21 अप्रैल 2014 को फैसला लिया गया था।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 17 मार्च 2017 को DHFL में पहला निवेश हुआ। कर्मचारियों के पीएफ का पैसा कहां जमा होगा ये ट्रस्ट तय करता है। ऊर्जा मंत्री की इस ट्रस्ट में कोई भूमिका नहीं होती है।
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ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि हमारी संज्ञान में आते ही इस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई। सबसे पहले विजिलेंस जांच कराकर प्रथम दृष्टया दोषियों को जेल भेजा गया। अब इस मामले की मैंने की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की है। घोटाले की पटकथा लिखने वाले पूर्व और मौजूदा लोगों पर कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि हर गरीब के घर बिजली पहुंचने से अखिलेश यादव बौखला गए हैं। अखिलेश जी उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं।
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श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस को जवाब देना है। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी फंस गए हैं। अखिलेश जी ने गलत नम्बर डायल किया है। अखिलेश के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के पीएफ पर डाका डालने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को योगी सरकार पर निशाना साधा था।
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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार डर रही है और इसीलिए वह सच्चाई को छिपा रही है। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद बिजली कर्मचारियों के ईपीएफ का पैसे को डीएचएफएल में निवेश किया गया। उससे पहले ईपीएफ राशि को डीएचएफएल में निवेश नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। अखिलेश यादव ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की।