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सहायता न मिलने पर निराश प्रवासी मजदूरों ने घेर लिया तहसील

योगी सरकार प्रवासी लोगों को रोजगार देने व अन्य कोई असुविधा न हो इसके लिए लगातार कदम उठा रही है, लेकिन राजस्व कर्मियों की लापरवाही के कारण

Newstrack
Published on: 16 July 2020 1:27 AM IST
सहायता न मिलने पर निराश प्रवासी मजदूरों ने घेर लिया तहसील
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बलिया: योगी सरकार प्रवासी लोगों को रोजगार देने व अन्य कोई असुविधा न हो इसके लिए लगातार कदम उठा रही है, लेकिन राजस्व कर्मियों की लापरवाही के कारण प्रवासी लोगों तक सरकार की योजनाओं का लाभ नही पहुंच पा रहा है।

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बैरिया इलाके में बुधवार को इसको लेकर प्रवासी मजदूर सड़क पर उतर आये और उन्होंने बैरिया तहसील पर प्रदर्शन किया। बता दें कि प्रवासी मजदूरों को ग्राम स्तर पर ही सुविधा देने को लेकर योगी सरकार लगातार कदम उठा रही है, लेकिन राजस्वकर्मी सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ मिलने में सबसे बड़े बाधक बन गए हैं। जिले के बैरिया इलाके के मुरलीछपरा ब्लाक अंतर्गत इब्राहिमाबाद ऊपरवार ग्राम पंचायत के प्रवासी मजदूर राशन किट व खाते में एक हजार रुपये न मिलने से काफी आक्रोशित हैं।

जिम्मेदारों के लगा रहे चक्कर

इसी बात को लेकर शिवनटोला ग्राम के सैकड़ों प्रवासी मजदूरों का धैर्य आज आखिरकार टूट ही गया। आक्रोशित प्रवासी मजदूर सड़क पर उतर गये तथा लामबंद होकर बैरिया तहसील पहुंच गये। प्रवासी मजदूरों ने बैरिया तहसील के मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन किया। प्रवासी मजदूरों का नेतृत्व कर रहे बलराम यादव व अजय कुमार यादव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आए कुल 722 प्रवासी श्रमिकों में से एक भी प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप न तो खाद्यान्न किट मिला है और न ही उनके खाते में निर्धारित धन आया। परेशान प्रवासी श्रमिक तहसील के लेखपाल और प्रधान के यहां चक्कर लगा रहे हैं।

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किसी को मिल रहा लाभ, कोई अभी खाली हाथ

इब्राहिमाबाद ऊपरवार के प्रधान प्रतिनिधि सुशील कनौजिया ने बताया कि ग्राम पंचायत में कुल 722 प्रवासी श्रमिक आए थे। ग्राम निगरानी समिति के रजिस्टर पर एक-एक आदमी का नाम व ब्यौरा नोट कर बैरिया तहसील पर उपलब्ध करा दिया गया, लेकिन बैरिया तहसील में पंजीकरण के दौरान ग्राम पंचायत के 722 प्रवासी श्रमिकों में से केवल 132 श्रमिकों का ही पंजीकरण किया गया।

शेष लोगों का नाम दर्ज नहीं किया गया है। प्रवासी मजदूर राघवेंद्र यादव, सत्येंद्र यादव, मनजी यादव, कन्हैया कुमार, मनु आदि ने कहा कि अगल-बगल के लगभग सभी ग्राम पंचायतों में बाहर से आए अधिकांश प्रवासी श्रमिकों को खाद्यान्न किट मिल चुका है तथा खाते में भी धन आया है, लेकिन हमारे साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। इस मौके पर अन्य ग्राम पंचायतों से भी कई प्रवासी मजदूर तहसील पहुंचे थे। इनका आरोप है कि ग्राम पंचायत में प्रवासी मजदूरों के सुविधाओं के नाम पर भेदभाव किया गया है।

722 में 132 मजदूरों का ही हुआ रजिस्ट्रेशन

प्रवासी मजदूरों के संघर्ष का रास्ता अख्तियार करने के बाद उपजिलाधिकारी सुरेश कुमार ने सम्बंधित लेखपाल मोतीलाल गुप्ता को मौके पर तलब कर पूछताछ किया। लेखपाल ने जानकारी दी कि निगरानी समिति से समय पर सूची नहीं मिली है। केवल 132 प्रवासी मजदूरों का सूची ही प्राप्त हुआ है , जिसे अपलोड किया गया है । सूची में शामिल प्रवासी मजदूरों को राशन कीट एक दो दिन में उपलब्ध करा दिया जायेगा। उन्होंने जानकारी दी कि वेबसाइट लॉक हो गयी है, इसलिए अन्य प्रवासियों का डाटा फीड नहीं हो पायेगा। उपजिलाधिकारी ने इस मामले में आवश्यक कार्यवाही का भरोसा दिलाया।

रिपोर्ट: अनूप कुमार हेमकर

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