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Meerut News: बाढ़ पर प्रशासन अलर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी की एडवाइजरी, विशेषज्ञ ने किया जागरूक
Meerut News: जिला आपदा विशेषज्ञ दीपक कुमार ने बताया, यदि बाढ़ की आशंका से आपको अपना स्थाई स्थान छोड़ना पड़े तो बिजली के मेन स्विच और गैस वाल्व को तुरंत बंद कर दें। बिजली के उपकरणों को हटाकर अलग रख दें एवं जरूरी चीजों को किसी ऊपरी जगह पर रख दें।
Meerut News: मेरठ जनपद के मवाना में बाढ़ के खतरे को देखते हुए आज जिलाधिकारी दीपक मीणा एवं उनकी अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मेरठ में तैनात जिला आपदा विशेषज्ञ दीपक कुमार द्वारा उपरोक्त आपदाओं के संबंध में स्थानीय ग्रामीणों को बाढ़ कैसे आती है और बाढ़ के आने पर क्या किया जाए इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
जिला आपदा विशेषज्ञ दीपक कुमार ने बताया कि बाढ़ अत्यधिक वर्षा, बादल फटने, बांध टूटने, वनों की कटाई एवं नदी की धारा में परिवर्तन जैसे कारणों से आती है। यदि बाढ़ की आशंका से आपको अपना स्थाई स्थान छोड़ना पड़े तो बिजली के मेन स्विच और गैस वाल्व को तुरंत बंद कर दें। बिजली के उपकरणों को हटाकर अलग रख दें एवं जरूरी चीजों को किसी ऊपरी जगह पर रख दें।
ग्रामीणों को बताया गया कि बाढ़ से बचाव हेतु बाढ़ से पूर्व, ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें, जरूरी कागजात जैसे राशन कार्ड, पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि को वाटरप्रूफ बैग में इकट्ठा रखें। आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री जैसे बिस्कुट, लाई, चना, गुड़, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें। बीमारी से बचाव हेतु क्लोरीन, ओआरएस तथा आवश्यक दवाइयां प्राथमिक उपचार किट में रखें। जैरी कैन, छाता, त्रिपाल, रस्सी, हवा से भरी ट्यूब प्राथमिक उपचार किट, मोबाइल व चार्जर, बैटरी चालित रेडियो, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें। सूखे अनाज व मवेशियों के चारे को किसी ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखंे एवं पशुओं में होने वाली बीमारी की रोकथाम हेतु पशुओं का समय से टीकाकरण कराएं।
बाढ़ के दौरान, बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्ध, दिव्यांगजनों एवं बीमार व्यक्ति को तुरंत सुरक्षित ऊंचे स्थान पर पहुंचाएं। घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैस रेगुलेटर को बंद करें एवं शौचालय सीट की बालू से भरी बोरी से ढकें। उबला हुआ या क्लोरीन युक्त पानी का उपयोग करें, बिजली के तार व ट्रांसफार्मर से दूर रहें, डंड़े से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता ना होने पर उसे पार करने की कोशिश ना करें, विषैले प्राणियों जैसे सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहंे, सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र लें जाएं, गर्भवती महिलाओ हेतु आशा एवं एएनएम की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें। बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का सेवन ना करंे, बाढ़ के पानी के संपर्क से आई खाद्य सामग्रियों का सेवन ना करें, क्षमता से अधिक लोग नाव पर ना बैठें एवं लाइफ जैकेट जरूर पहनंे, बच्चों को पानी में ना खेलने दें।
बाढ़ के बाद बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में प्रवेश ना करंे, क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग ना करें, क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को पार करने की कोशिश ना करें, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित घोषित करने पर ही बाढ़ में डूबे हैंडपंप के पानी का उपयोग करें, महामारी की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें, संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु मरे हुए पशुओं एवं गलबो को एक जगह एकत्र कर जमीन में दबाएं, डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।