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कानपुर देहात खुले में कूड़ा जलाने वाले विभागों पर जिला प्रशासन मेहरबान

जहां एक और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के कड़े तेवरों के बाद केंद्र और प्रदेश सरकारो ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए पराली से लेकर खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं।

Roshni Khan
Published on: 17 Dec 2019 10:37 AM GMT
कानपुर देहात खुले में कूड़ा जलाने वाले विभागों पर जिला प्रशासन मेहरबान
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कानपुर: जहां एक और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के कड़े तेवरों के बाद केंद्र और प्रदेश सरकारो ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए पराली से लेकर खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं। जिसके बाद जहाँ एक ओर जिला प्रशासन खेतों पर पराली जला रहे किसानों पर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा रहा है। वहीं दूसरी ओर खुले में कूड़ा और पतावर जलाने वाले सरकारी विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर मेहरबान दिख रहा है। न तो उन मामलों की जांच हो रही है और न ही कोई कार्यवाही।

ऐसा ही कुछ नजारा यूपी के जनपद कानपुर देहात में देखने को मिला जहां जिला प्रशासन ने खेतों में पराली जला रहे किसानों पर मुकदमा से लेकर जुर्माना वसूली तक की सख्त कार्रवाई कर दी है। लेकिन जिला प्रशासन खुले में कूड़ा जला रहे नगर पंचायत और पतवार जला रहे नहर विभाग पर मेहरबान दिख रहा है। न तो इन विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही हुई और न ही इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए गए है।

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क्या है पूरा मामला

दरअसल मामला है कानपुर देहात के अकबरपुर नगर पंचायत और रूरा-झींझक नहर मार्ग का। जहां दोनों विभाग खुलेआम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ना तो इन विभागों को सुप्रीम कोर्ट का भय है और ना ही सरकारों का। वही दूसरी ओर इन विभागों पर जिला प्रशासन भी मेहरबान दिख रहा है। जानकारी होने के बावजूद भी जिला प्रशासन इन विभागो के इस कार्यो की ना तो कार्रवाई की और ना ही जांच कराना मुनासिब समझा।

बताया जा रहा है कि जनपद कानपुर देहात के जिला मुख्यालय से चंद कदमो की दूरी पर अकबरपुर नगर पंचायत के कर्मचारी खुलेआम खुले में कूडे को जला रहे हैं। इन्हें ना तो सर्वोच्च न्यायालय का भय है और ना ही सरकारों का। यही नहीं नगर पंचायत अकबरपुर नगर पंचायत के जिम्मेदारो पर जिला प्रशासन भी मेहरबान दिख रहा है। न तो जिला प्रशासन ने खुले में कूड़ा जलाने की मामले की जांच कराई और न ही कार्यवाही की। वही मीडिया के कैमरे चलने के बाद नगर पंचायत कर्मी बचता नजर आया।

वही ऐसा ही हाल नहर विभाग में देखने को मिला। जहां नहर विभाग के कर्मचारी खुलेआम रूरा-झींझक मार्ग पर पतवार को जला रहे हैं।

जिलाधिकारी ने कहा...

वहीं जिला प्रशासन की माने तो पराली जलाने के मामले में कड़ाई से कार्रवाई की गई है। साथ ही भारी मात्रा में जुर्माना वसूला गया है। यही नहीं कई किसानों और लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है। वहीं नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा खुले में कूड़ा जलाए जाने के मामले में कार्रवाई किए जाने की बात कही है।

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बताते चलें कि अब देखने की बात यह होगी की कब जिला प्रशासन नगर पंचायत अकबरपुर और नहर विभाग के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही करेगा और कब किसानों की तरह इन दोनों विभागों से प्रदूषण फैलाने के मामले में जुर्माना वसूला जाएगा। कब तक सरकारी विभागों पर जिला प्रशासन प्रदूषण फैलाने के मामले में मेहरबान रहेगा।

Roshni Khan

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