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इस यूनिवर्सिटी में हड़कंपः गायब हो गई भुगतान की हस्ताक्षर वाली फाइल

विश्वविद्यालय में नए खेल क्लाइंबिंग वॉल को शामिल किया गया था जिस की सुविधा के लिए सारे काम कराए गए जिसमें लगभग 12 लाख रुपए खर्च हुए भुगतान की प्रक्रिया के लिए जब पत्रावली विश्वविद्यालय में आवासीय खेल विभाग के जिम्मेदार लोगों ने कुलपति के हस्ताक्षर के लिए अग्रसारित किया तो भुगतान कौन कहे पत्रावली ही गायब हो गई।

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Published on: 16 July 2020 12:12 PM IST
इस यूनिवर्सिटी में हड़कंपः गायब हो गई भुगतान की हस्ताक्षर वाली फाइल
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अयोध्या: डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर मनोज दीक्षित को 12 लाख के भुगतान के संबंध में हस्ताक्षर करने के लिए गई फाइल गायब हो गई जिससे विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया | महीनों पहले प्रकरण संज्ञान में आने के बाद भी अभी तक एफ आई आर दर्ज नहीं कराई , गई मामले मैं लीपापोती करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर मनोज दीक्षित ने हाई प्रोफाइल जांच बैठा दी और जांच कमेटी में विश्वविद्यालय के दागी लोगों को जिम्मेदारी सौंप दी है!

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जांच कमेटी बैठाई

उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में नए खेल क्लाइंबिंग वॉल को शामिल किया गया था जिस की सुविधा के लिए सारे काम कराए गए जिसमें लगभग 12 लाख रुपए खर्च हुए भुगतान की प्रक्रिया के लिए जब पत्रावली विश्वविद्यालय में आवासीय खेल विभाग के जिम्मेदार लोगों ने कुलपति के हस्ताक्षर के लिए अग्रसारित किया तो भुगतान कौन कहे पत्रावली ही गायब हो गई।

जिसके लिए एफ आई आर दर्ज कराने की बात तुरंत सामने आई थी, लेकिन महीनों बीत गया एफ आई आर नहीं दर्ज हुई और मामले पर लीपापोती करने के लिए जांच कमेटी बैठा दी गई जबकि उस जांच जांच कमेटी में विश्वविद्यालय के दागी लोगों को शामिल किया गया है जिनसे क्या उम्मीद की जा सकती है बताया जाता है कि पत्रावली जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यालय से गायब हुई!

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कुलपति सेवानिवृत्त के कगार पर पहुंचे

विश्वविद्यालय के कुलपति सेवानिवृत्त के कगार पर पहुंच चुके हैं किसी दिन भी नए कुलपति की घोषणा महामहिम राज्यपाल द्वारा की जा सकती है सारी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है जिस कारण कुलपति मामले को लटकाने का प्रयास कर रहे हैं जबकि कुलपति पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं जिसकी जांच भी कहीं न कहीं अधर में लटकी हुई है !

खुलेआम कुलपति के संरक्षण में टहल रहे

इसके पूर्व भी कुलपति द्वारा परीक्षा ना देकर उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के प्रकरण में एक कमेटी का गठन हाई कोर्ट के रिटायर न्यायाधीश, इम्तियाज मुर्तजा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी किया था जिसको 3 महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना था उस समय भी आरोप लगा था कुलपति स्वयं दोषी हैं और दोषी व्यक्ति ही कैसे जांच कमेटी का गठन कर रहा है लेकिन यह सब प्रकरण हवा में तैरता रह गया और महामहिम राज्यपाल द्वारा कुलपति को निर्देश भी दिया दिया गया दिया गया कि प्रकरण को जल्दी निस्तारित किया जाए लेकिन आज तक न्यायाधीश इम्तियाज मुर्तजा की रिपोर्ट नहीं आ सकी और दूसरी खुलेआम कुलपति के संरक्षण में टहल रहे हैं !

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मामले की जांच शुरू की

पत्रावली गुम होने के प्रकरण में भी विश्वविद्यालय के दो गुटों का मामला प्रकाश में आ रहा है जिसमें एक गुट को कुलपति स्वयं संरक्षण प्रदान कर रहे हैं इसी कारण जांच कमेटी में ऐसे लोगों को रखा गया है जो कुलपति के चहेते है!

संबंधित पत्रावली प्रकरण में दो गुट आमने-सामने हो गए गए जांच कमेटी ने फिलहाल 5 लोगों को नोटिस देकर मामले की जांच शुरू कर दिया है! सितंबर में विश्वविद्यालय, कार्य परिषद का कार्यकाल समाप्त होने के कगार पर पहुंच रहा है 3 माह पूर्व कार्य परिषद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर देना चाहिए लेकिन कुलपति द्वारा अभी तक प्रक्रिया नहीं शुरू की गई और निर्वाचित कार्य परिषद के सदस्य कुलपति के चहेते बने हुए हैं!

रिपोर्टर- नाथ बख्श सिंह, अयोध्या

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