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यूनिवर्सिटी में आयोजित वेबिनार का समापन, कोरोना पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा

डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के बायोकमेस्ट्री विभाग में ''लुकिंग इट लाइफ डिफरेंटलीः ए फाॅल आऊट आफ कोविड-19 पेंडेमिक'' विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का समापन आज 8 अगस्त को किया गया।

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Published on: 8 Aug 2020 3:01 PM GMT
यूनिवर्सिटी में आयोजित वेबिनार का समापन, कोरोना पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा
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Online Webinar

अयोध्या: डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के बायोकमेस्ट्री विभाग में ''लुकिंग इट लाइफ डिफरेंटलीः ए फाॅल आऊट आफ कोविड-19 पेंडेमिक'' विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का समापन आज 8 अगस्त को किया गया। समापन सत्र की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविशंकर सिंह ने बताया कि कोविड-19 महामारी से गंभीर संक्रमण फैल रहा है। इसमें सावधानी ही सर्वोत्तम बचाव का उपाय है। कोविड-19 से बचाव के जो उपक्रम चिकित्सा विज्ञानियों के द्वारा बताए जा रहे हैं। उसे बड़े पैमाने पर अपनाए जाने की आवश्यकता है।

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सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए जाने की आवश्यकता

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एचएनबी विश्वविद्यालय उत्तराखंड के कुलपति प्रो हेमचंद पाण्डेय ने कोरोना वायरस से लड़ने के विभिन्न साधनों एवं संसाधनों के उपयोग पर चर्चा करते हुए कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को एक गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय के जीव रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो यूएन द्विवेदी ने कोरोना वायरस के मनोवैज्ञानिक प्रभाव का शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर पढ़ने वाले असर पर व्यापक चर्चा की और कहां कि सभी उम्र के लोगों को अपनी नियमित दिनचर्या में व्यायाम सहित सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए जाने की आवश्यकता है।

Dr. Ram Manohar Lohia Awadh University Dr. Ram Manohar Lohia Awadh University

समापन सत्र के अवसर पर डाॅ गुंजन तिवारी मैनेजर एप्लीकेशन साइंस, यूएसए ने कोविड-19 पर बनने वाली वैक्सीन के संदर्भ में विस्तारपूर्वक चर्चा की और वैक्सीन के निर्माण में आने वाली बाधाओं पर उन्होंने प्रकाश डाला। पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो रजत संधीर ने कोरोना काल में किए गए नए आविष्कारों पर प्रकाश डाला और छात्रों को वायरस के शोध पर केंद्रित होने के लिए प्रेरित किया।

कोविड-19 शोध पत्र पर चर्चा

जैव और रसायन विज्ञान वैज्ञानिक सऊदी अरब के डॉ निखत जमाल ने कोविड-19 पर प्रकाशित शोध पत्र पर चर्चा की। सीएसआईआर के निदेशक डॉ प्रमोद कुमार द्विवेदी ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए औषधीय पौधों पर आधारित उत्पादों पर चल रहे शोधो के संदर्भ में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों से मनुष्य के शरीर के तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने के विभिन्न बिंदुओं पर विचार प्रकट किए। गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रामा शंकर दुबे ने भारत में कोरोना की बीमारी के विभिन्न प्रयासों पर होने वाले प्रभाव की चर्चा की। प्रो सुनील सिंह ने वायरस पर शोध करते हुए अपने अनुभव को साझा किया। डॉ अमिता सरकार मनोवैज्ञानिक मेलबॉर्न ऑस्ट्रेलिया एवं डॉ स्वाति बाजपेई मनोचिकित्सक शिकागो ने भी वायरस के अलग-अलग शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की।

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वेबीनार के समापन सत्र में विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो चयन कुमार मिश्र ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो फारुख जमाल ने तीन दिवसीय कार्यक्रम की रिपोर्टियर प्रस्तुत की। विभाग की प्रो नीलम पाठक ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक एवं प्रतिभागी ऑनलाइन जुड़े रहे।

रिपोर्ट: नाथ बख्श सिंह

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