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इन बहनों के लिए बुरी खबर, रक्षाबंधन पर भाईयों को नहीं बांध पाएंगी राखी

आगामी त्यौहारों को देखते हुए राज्य सरकार ने जेलों में बंदियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए हर तरह की सावधानी बरतनी शुरू कर दी है।

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Published on: 28 July 2020 12:09 AM IST
इन बहनों के लिए बुरी खबर, रक्षाबंधन पर भाईयों को नहीं बांध पाएंगी राखी
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: आगामी त्यौहारों को देखते हुए राज्य सरकार ने जेलों में बंदियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए हर तरह की सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि बाहर से कारागार में आने वाले बंदियों के घर वालों से कहीं संक्रमण न बढ जाए, जिससे जेलों के कर्मचारियों और बंदियों को भी कोरोना का असर हो सकता है।

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इसलिए कारागार प्रशासन ने एक परिपत्र जारी कर कहा है कि रक्षाबन्धन वाले दिन एक हेल्पडेस्क बनाकर रख दी जाए जिसमें बहनें अपने भाइयों के लिए एक लिफाफे में राखी रखकर लाएंगी जिसे कारागार कर्मी उनके बंदी भाइयों तक पहुंचा देगें।

हर साल रक्षाबन्धन बहनें अपने भाइयों को जेल में राखी लेकर आती हैं। कारागार प्रशासन को लग रहा है कि कहीं ऐसा न हो कि इस दौरान कोरोना संक्रमण का असर ऐसे कैदियों पर हो जाए। इसके लिए राज्य सरकार ने आज दिशा निर्देश जारी कर दिए।

जेल के बाहर बनेगा काउंटर

जिसमें कहा गया है कि कारागारों के बाहर ही एक काउन्टर स्थापित कर दिया जाए जिसमें बहने अपनी राखियों को रख देंगी। इस दौरान इन बहनों को सेनेटाइजर आदि की सुविधा देने के साथ ही इस बात का पूरा ख्याल रखा जाए कि उन्होंने मास्क आदि पहन रखा है अथवा नहीं। इस लिफाफे में केवल राखी चन्दन और चावल आदि को ही स्वीकार किया जाएगा तथा मिठाई आदि ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध रहेगा।

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इस लिफाफे में बंदी का नाम और राखी लाने वाली का नाम और पूरा विवरण रहेगा। इस बार बंदियों से उनकी बहनों से मुलाकात भी नहीं हो सकेगी। केवल वह कारागार पर बनी डेस्क पर अपना लिफाफा देकर वापस हो जाएगी।

अपर महानिरीक्षक कारागार प्रषासन एवं सुधार डॉ शरद की तरफ से जारी परिपत्र में कहा गया कि रक्षाबन्धन वाले दिन बंदियों को विशेष भोजन उपलब्ध कराया जाए। जिससे उन्हें इस बात का अहसास न हो कि वह कारागार में हैं।

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