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गुरु पूर्णिमा मेला स्थगित, जिला प्रशासन ने कोरोनावायरस के चलते लिया फैसला

इस पर्व पर देश विदेश से श्रद्धालु गोवर्धन परिक्रमा कर पूण्य लाभ अर्जित करते है । लेकिन अबकी बार देश मे व्याप्त कोरोना महामारी के चलते लाखो श्रद्धालुओ की भीड़ तो परिक्रमा मार्ग में नजर आई, राधा श्याम सुंदर मंदिर के महंत एवम मुड़िया संत राम कृष्ण दास की अगुवाई में आज गुरुपूर्णिमा के पर्व पर मुड़िया सोभा यात्रा का आयोजन बड़ी धूम धाम से किया गया

Newstrack
Published on: 5 July 2020 9:58 AM GMT
गुरु पूर्णिमा मेला स्थगित, जिला प्रशासन ने कोरोनावायरस के चलते लिया फैसला
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मथुरा: कान्हा की नगरी गोवर्धन धाम में इस समय कोरोना वायरस के चलते जहां गुरु पूर्णिमा मेले को जिला प्रशासन ने स्थगित कर दिया है । लेकिन लगभग 500 वर्षो से चली आरही मुड़िया परम्परा का आज सनातन पाद गोस्वामी के अनुयाइयों ने अपने अपने सर मुंडन करा कर बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मुड़िया शोभा यात्रा गोवर्धन धाम में निकाली, वही इस दौरान सॉशल डिस्टनसिंग के साथ सेनेटाइजिंग कि व्यवस्था की गई , मान्यता है कि आज से लगभग 500 वर्ष पूर्व सनातन पाद गोस्वामी महाराज के गोलोक धाम सिधारने पर ब्रज बासियो और उनके अनुयाइयो ने मुंडन करा कर गिरिराज परिक्रमा की थी ।

तब से लेकर आज तक मुड़िया पूर्णिमा का पर्व बड़े ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है । मुड़िया पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु जनो के आश्रम में पहुच कर गुरु पुजा कर गिरिराज परिक्रमा करते है । वही आज भी इस प्राचीन परम्परा का निर्वाह गोडिया सम्प्रदाय के लोग सैकङो वर्षो से करते आ रहे है ।

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ऐसे मनाते है गुरु पूर्णिमा

डोल मृदंगो की झंकार और मुख पर राधे कृष्ण का जाप अपनी धुन व् मस्ती में नृत्य करते ये संत गौड़ीय सम्प्रदाय से ताल्लुक रखते है । ये वही सम्प्रदाय है जिसके कृष्ण भक्त सनातन पाद गोस्वामी हुए थे। जिन्होंने कान्हा की लीला स्थली गोवर्धन धाम के मानसी गंगा के निकट तमस्या की थी । जहाँ आज भी मानसी गंगा के निकट चकरलेश्वर महादेव मंदिर समीप सनातन पाद गोस्वामी की भजन कुटी है ।

सनातन पाद गोस्वामी जी महाराज के गोलोक वास के बाद ब्रज बासी और उनके अनुयाइयो ने उनकी याद में अपने सर मुंडन करा कर गोवर्धन मानसी गंगा की परिक्रमा की थी ये बात लगभग 500 वर्ष पुरानी है तभी से गुरु पूर्णिमा का पर्व मुड़िया पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने लगा । इस दिन मुड़िया संत अपने अपने मुंडन करा कर श्री पाद सनातन गोस्वामी की याद में विशाल मुड़िया संकीर्तन निकलते है । ये मुड़िया मेला पञ्च दिवसीय होता है ।

पूण्य लाभ अर्जित किया

इस पर्व पर देश विदेश से श्रद्धालु गोवर्धन परिक्रमा कर पूण्य लाभ अर्जित करते है । लेकिन अबकी बार देश मे व्याप्त कोरोना महामारी के चलते लाखो श्रद्धालुओ की भीड़ तो परिक्रमा मार्ग में नजर आई, राधा श्याम सुंदर मंदिर के महंत एवम मुड़िया संत राम कृष्ण दास की अगुवाई में आज गुरुपूर्णिमा के पर्व पर मुड़िया सोभा यात्रा का आयोजन बड़ी धूम धाम से किया गया , जिसमे गोवर्धन क्षेत्र के विधायक कारिंदा सिंह सहित दर्जनों समाजसेवियों ने मुड़िया संतो के अपनी सहभागिता दिखा कर पूण्य लाभ अर्जित किया है । ये मुड़िया शोभा यात्रा गोवर्धन कस्वे के चक्रलेश्वर महादेव मंदिर स्थित श्री राधा श्याम सुंदर मंदिर से निकल कर गोवर्धन दासविसा, सौख अड्ड़ा, डीग गेट होते हुए पुनः राधा श्याम सुंदर मंदिर पहुची जहां भक्तो ने अपने अपने गुरु जनो की सेवा कर पूण्य लाभ अर्जित किया ।

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द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया

स्वामी भक्ति वेदांत मार्ग स्थित अक्षय पात्र फाउण्डेशन एवं वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर के प्रांगण में आज दिनांक 5 जुलाई 2020 दिन रविवार, गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रभागीय निदेशक, वन विभाग मथुरा श्री रघुनाथ मिश्रा ने कहा कि “भगवान श्रीकृष्ण ने भगवत गीता के 10वें अध्याय में कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल हूँ अतः मेरा विश्वास है कि अन्य वृक्षों में भी अन्य देवी देवताआंे का वास होता है। इसलिए जहाँ हरियाली होगी, वहीं खुशहाली होगी।“

कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्रीय प्रबंधक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मथुरा श्री अरविन्द शर्मा, अक्षय पात्र फाउण्डेशन उ0प्र0 के अध्यक्ष श्री भरतर्षभा दास, अक्षय पात्र फाउण्डेशन वृन्दावन के उप उपाध्यक्ष श्री सुरेश्वर दास, श्री अनंतवीर्य दास, लोई बाजार वृन्दावन के पार्षद श्री वैभव अग्रवाल जी के द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

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विभिन्न स्थानों पर 11 हजार पौधों का रोपण किया

कार्यक्रम की विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए अक्षय पात्र फाउडेशन उ0प्र0 के अध्यक्ष श्री भरतर्षभा दास ने कहा कि “अक्षयपात्र फाउण्डेशन एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मथुरा के संयुक्त तत्वावधान में हम ब्रज क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर 11 हजार पौधों का रोपण कर उनका संरक्षण व संवर्धन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस्काॅन सोसायटी के संस्थापक श्रील प्रभुपाद जी सपना था कि ब्रज भूमि में भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय पौधों (कदम्ब, तमाल आदि) का रोपड़ कर इसे वैसा ही स्वरूप प्रदान किया जाए जैसा कि भगवान श्री कृष्ण के समय था। उन्होंने बताया कि हमारे आगामी प्रकल्प चंद्रोदय मंदिर के आस-पास हम भगवान कृष्ण के समय के द्वादश कानन वन के प्रतिरूप को स्थापित करेंगे। जिसमें वट वृक्षों से घिरा भांडीर वन, ताड के वृक्षों से घिरा ताल वन और कमल पुष्पों के जलाशयों से सजा कुमुदवन आदि शामिल होगा।“

अलग-अलग देवों ने ग्रहण किया

वहीं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मथुरा श्री अरविन्द शर्मा ने समुन्द्र मंथन का दृष्टांत देते हुए कहा कि “जब समुन्द्र मंथन हुआ तो उससे उत्पन्न विष को ग्रहण कर भगवान शिव नीलकंठ कहलाये, उसके अतिरिक्त अन्य रत्न एवं वस्तुऐं उत्पन्न हई जिन्हें अलग-अलग देवों ने ग्रहण किया। उसी प्रकार से वृक्ष हमारे समाज द्वारा उत्पन्न प्रदूषण रूपी विष को ग्रहण करते हैं और हमें जीवित रहने हेतु प्राण वायु रूपी अमृत प्रदान करते हैं।

रिपोर्टर- मुहम्मद उमर कुरैशी, मथुरा

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