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जल्द घोषित होंगी UP में बिजली दरें, दीपावली तक आने की संभावना

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा है कि यूपी में बिजली दरे जल्द ही घोषित की जायेंगी। शुक्रवार को नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की आनलाइन बैठक में आयोग अध्यक्ष ने इसके दीपावली से पहले घोषित किए जाने के संकेत भी दिए।

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Published on: 6 Nov 2020 3:39 PM
जल्द घोषित होंगी UP में बिजली दरें, दीपावली तक आने की संभावना
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जल्द घोषित होंगी UP में बिजली दरें, दीपावली तक आने की संभावना

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा है कि यूपी में बिजली दरे जल्द ही घोषित की जायेंगी। शुक्रवार को नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की आनलाइन बैठक में आयोग अध्यक्ष ने इसके दीपावली से पहले घोषित किए जाने के संकेत भी दिए।

छाया रहा स्मार्ट मीटर का मुद्दा

बैठक में स्थित तब असहज हो गयी जब नियामक आयोग चेयरमैन ने पावर कार्पोरेशन चेयरमैन से कहा कि वह स्वयं भी स्मार्ट मीटर उपभोक्ता है और बीते 2 माह से बिजली बिल नहीं आया। हालांकि कुछ समय बाद ही प्रबंध निदेशक पावर कार्पोरेशन ने आयोग अध्यक्ष को उनका बिजली बिल भेज दिया। इसके अलावा बैठक में स्मार्ट मीटर का मुद्दा छाया रहा। बैठक में ज्यादातर सदस्यो ने कोरोना काल को देखते हुए बिजली दरों में कमी किए जाने पर आयोग से गम्भीरता से विचार करने तथा स्लैब परिवर्तन को भी अभी लागू न किए जाने का अनुरोध किया। इस दौरान बैठक में उपस्थित अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविन्द कुमार चुप्पी साधे रहे।

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बैठक में स्मार्ट मीटर का मुद्दा उठाते हुए उपभोक्ता परिषद् अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि जब उपभोक्ता मीटर के तेज चलने या जम्पिंग की शिकायत लेकर जाते है तो उनकी कोई नहीं सुनता। सभी लाबिंग करके केवल मीटर निर्माता कम्पनियो के साथ खड़े हो कर होते है। उन्होंने बताया कि कल उनकी गुजरात के नियामक आयोग चेयरमैन से बात हुई तो उन्होने बताया कि गुजरात में एक भी स्मार्ट मीटर नहीं लगा है, वैसे ही सुधार हो रहा है।

...आये दिन मीटर बदलना ठीक नहीं

ऐसे में पारदर्शी व्यवस्था लागू करना बहुत जरूरी है, आये दिन मीटर बदलना ठीक नहीं है। इसके अलावा परिषद अध्यक्ष ने आयोग से राज्य की बिजली कम्पनियो पर वर्ष 2017-18 तक उपभोक्ताओं के बकाया 13 हजार 337 करोड़ रुपये का हवाला देते हुए बिजली दरों में कमी किए जाने का अनुरोध किया। वर्मा ने स्लैब परिवर्तन को असंवैधानिक और विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधानों के विपरीत बताते हुए कहा कि छोटे उपभोक्ताओ पर इसका ज्यादा भार पड़ेगा, यह चोर दरवाजे से दरों में बढ़ोतरी है।

बैठक में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएसन के पंकज गुप्ता ने बिजली दरों में कमी किए जाने का समर्थन करते हुए कहा कि कोरोना काल में स्लैब परिवर्तन लाना ठीक नहीं, इंडस्ट्रीज संकट में है उसका ख्याल रखना जरूरी है। जेके जूट मिल के प्रमोद कुमार मसकरा ने ओपन एक्सेस का मुद्दा व बिलिंग में आ रही मुश्किलों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिजली दरों में इजाफा ठीक नहीं जिन उपभोक्ता का बिल कोई अभियंता गलत बनाए उस पर पेनाल्टी लगाई जाए।

इंडियन स्मार्ट ग्रिड फोरम के चेयरमैन रेजी कुमार पिलाई ने भी अन्य विकल्पों सोलर और गैस पर जोर दिया और कोरोना काल में राहत दिये जाने को जरूरी बताते हुए बिजली दरों में कमी की बात कही। जबकि मीडिया प्रतिनिधि अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि स्मार्ट मीटर में आ रही कमिया गंभीर है, आये दिन मीटर बदलना ठीक नहीं। स्लैब परिवर्तन जरूरी न हो तो अभी कोरोना काल में न लागू किया जाए। सभी वर्ग के लोग परेशान है बिजली दरों में कमी करके उनको राहत दी जा सकती है।

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