शर्मनाक: तीन दिन से भूखी महिला महुआ और चने की पत्ती खाकर जीवित

ताजा मामला मानिकपुर विकासखण्ड के गढ़चपा ग्राम के बड़ाहार गांव का है जहां कल्ली देवी नाम की महिला तीन से दिन से भूखी है और वो इस समय महुआ और चना की पत्ती खाकर जीवन जी रही है । कुछ ही वर्षो पहले पति ने साथ छोड़ दिया ।

SK Gautam
Published on: 30 Nov 2019 4:32 PM GMT
शर्मनाक: तीन दिन से भूखी महिला महुआ और चने की पत्ती खाकर जीवित
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अनुज हनुमत

चित्रकूट: अंत्योदय की बात करने वाला सिस्टम या सियासत कितने भी वादें कर ले जनता से लेकिन सब फेल नजर आता है। ताजा मामला मानिकपुर विकासखण्ड के गढ़चपा ग्राम के बड़ाहार गांव का है जहां कल्ली देवी नाम की महिला तीन से दिन से भूखी है और वो इस समय महुआ और चना की पत्ती खाकर जीवन जी रही है । कुछ ही वर्षो पहले पति ने साथ छोड़ दिया ।

राशन जितना मिलता है उतना महीने भर के लिए नही हो पाता और कोटेदार को इतनी दया भी नही आती की ज्यादा दे दिया जाए। उसे तो अपना पेट भी देखना है शायद गरीबो के पेट पर लात मारककर ही भरेगा ।

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अंत्योदय की बात करने वाली सरकार पेट भर खाना नही उपलब्ध करा सकती

खैर उस सिस्टम या सियासत को कल्ली देवी जैसी महिलाओं के जिंदगी की फिक्र होगी भी क्यों जहां आज तक कोई हालचाल लेने तक नही गया । जी हां कल्ली देवी जिस बड़ाहार गांव की निवासी है वहां तो आज भी लोग जिंदगी अपनी जिद में जीने को मजबूर हैं ।

कहने को तो शहर से कुछ मील की दूरी पर गांव है लेकिन सड़क न होने के कारण ये दूरी भी कई सौ किमी जैसी प्रतीत होती है । कल्ली देवी उस महान और ऐतिहासिक संस्कृति की जीती जागती सबूत हैं जो जंगल के खाने पर जीवित है । अंत्योदय की बात करने वाली सरकार अगर पेट भर खाना उपलब्ध नही करा सकती तो बाकी की अपेक्षाएं तो बेमानी ही है । कल्ली देवी को आवास भी नही मिला और शायद ही वृद्धा पेंशन मिलती हो ।

सरकारी योजनायों का फायदा कल्ली देवी को नसीब भी क्यों हो ,जब गांव विकास के नक्शे और नेता जी के दिमाग मे है ही नही तो फिर योजनाएं गांव पहुचेगी ही क्यों । अब खबर चली है तो ये भी पक्का है कि कल्ली देवी को पेटभर अनाज रातोरात मुहैया करा दिया जॉयेगा लेकिन क्या हम तय कर पाएंगे कि अब फिर कोई फूलकली या कल्ली देवी जीवंत उदाहरण बनकर सामने न आएंगी ?

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शायद नही क्योंकि हम सिर्फ अंत्योदय की बात करना जानते हैं हमें धरातल पर काम करना ही नही है । इस दृश्य को देखकर सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है 'शर्मनाक' । इस सम्बंध में जब बीडीओ डीके अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने आनन फानन में सचिव से बात करके जल्द से जल्द कल्ली देवी को मदद देने की बात कही । लेकिन बीडीओ साहेब यह स्पस्ट नही कर पाए कि आखिर इसके पीछे गलती किसकी थी ?

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तीन दिन से भूखी कल्ली देवी का कहना है कि-

वह पिछले तीन दिन से भूखी है जो अनाज था वो खप गया । पति को मरे कई वर्ष हो गए हैं । अब राशन में उतना अनाज नही मिलता की महीनेभर भी चल पाए । इसीलिए अब दिक्कत बढ़ रही है । चना की पत्ती और महुआ खाकर जी रहे हैं । क्या करें गरीब की सुनने वाला कौन है। (देहाती भाषा का खड़ी बोली में अनुवाद)

कोटेदार से जब इस सम्बंध में सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन उठा ही नही । खबर लिखने तक उनसे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है कि जिससे उनका पक्ष सामने आ सके

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कर्मचारी की गलती सामने आएगी तो उस पर कार्यवाही की जाएगी-खाद्य आपूर्ति इंस्पेक्टर प्रदीप त्रिपाठी

वहीं जब इस मामले में खाद्य आपूर्ति इंस्पेक्टर प्रदीप त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है । मैंने कोटेदार को निर्देशित कर दिया है कि पहले तत्काल कल्ली देवी को कल अनाज की व्यवस्था कर दी जाएगी और जल्द ही जांच करके उनका लाल कार्ड बनवा जॉयेगा । अगर इस मामले में कोटेदार या सम्बंधित किसी भी कर्मचारी की गलती सामने आएगी तो उस पर कार्यवाही की जाएगी ।

गौरतलब हो कि भारत सरकार ने शहरी और ग्रामीण गरीबों के लिए दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना का आरंभ 25 सितंबर 2014 को किया था । इस योजना का उद्देश्य कौशल विकास और अन्य उपायों के माध्यम से आजीविका के अवसरों में वृद्धि कर शहरी और ग्रामीण गरीबी को कम करना है।

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