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रोजगार अभियान: अटकी सरकारी नौकरियों, पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी ने यूपी की योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। समाजवादी पार्टी ने जहां योगी सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले मेगा रोजगार अभियान पर कटाक्ष किया है तो वहीं सरकारी नौकरियों को अटकाने का आरोप भी लगाया है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने यूपी की योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। समाजवादी पार्टी ने जहां योगी सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले मेगा रोजगार अभियान पर कटाक्ष किया है तो वहीं सरकारी नौकरियों को अटकाने का आरोप भी लगाया है। सपा ने सरकार से पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि को रोकने की मांग करते हुए कहा है कि इस मूल्य वृद्धि से युवाओं, गरीबों और मध्यम वर्ग पर सरकार द्वारा निरंतर आर्थिक अत्याचार किया जा रहा है।
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सपा ने बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल से तीन ट्वीट किए है
समाजवादी पार्टी ने बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल से तीन ट्वीट किए है। सपा ने आगामी 26 जून को प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में एक साथ एक करोड़ लोगों को रोजगार देने के लिए आयोजित अभियान पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि रोगी सरकार ने सिर्फ युवाओं को ठगने का काम किया है। वर्ष 2017 से 2020 तक एक भी नौकरी भर्ती बिना भ्रष्टाचार के पूरी ना कर सके। यूपी में झूठ बोलने में नंबर-1 सीएम इन्वेस्टमेंट मीट में अरबों रुपए फूंक कर एक सुई का कारखाना तक ना लगा सके एक करोड़ नौकरी देने का भ्रामक प्रचार करवा रहे।
सपा ने एक अन्य टवी्ट में कहा है कि 12 हजार सरकारी नौकरियों पर कुंडली मारे बैठे सीएम लाखों युवाओं का भविष्य कर रहे चैपट। एसपी सरकार में यूपीएसएससी में निकाले गए 11 अलग-अलग विज्ञापनों समेत बीजेपी सरकार में निकाले गए 12 विज्ञापनों की भर्तियों को बीजेपी सरकार ने अलग-अलग स्तर पर अटका रखी है। सपा ने योगी सरकार को नौकरी विनाशक बीजेपी सरकार करार दिया है।
ट्वीट कर पेट्रोल-डीजल के बारे में लिखा ये
इसी तरह एक और ट्वीट करके सपा ने डीजल-पेट्रोल मूल्य वृद्धि को देश के युवाओं, गरीबों तथा मध्यम वर्ग पर आर्थिक अत्याचार करार देते हुए लिखा है कि भारत के इतिहास में पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से भी पार। देश में है भाजपा सरकार जो कर रही युवाओं, गरीबों और मध्यम वर्ग पर निरंतर आर्थिक अत्याचार। पेट्रोल डीजल के दाम बांधे सरकार।
बता दे कि इससे पहले बीते मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि मुख्यमंत्री करोड़ों को रोजगार देने का दावा तो कर रहे है पर कहां किसको रोजगार मिल रहा है, इसका आंकड़ा नहीं है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग बाहर से आए हैं वे सभी अकुशल श्रमिक नही हैं, कुशल कारीगरों को कहां रोजगार मिल रहा है? जबकि प्रदेश में उद्योग अभी चल नहीं रहे हैं, नए उद्योग लग नहीं रहे है।
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उन्होंने कहा कि पूंजी निवेश की कहानियां तो बताई जाती हैं पर जमीन पर कुछ अता पता नहीं है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लोगों के पास काम-कारोबार नही है, रोजगार नही है। बहुत से श्रमिक फिर वापस जाने को बेताब हैं। रोजगार न मिलने से इटावा में मुम्बई से लौटे युवक ने खुदकुशी कर ली। उसका शव पेड़ पर लटका मिला। बांदा में भी एक मजदूर ने फांसी लगा ली। विधूना में 35 वर्षीय प्रिंस एक दुकान में काम करता था, नौकरी छूटने पर उसने आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उसका एक साल का बेटा है। ये घटनाएं मुख्यमंत्री के रोजगार के दावों की पोल खोलती है और जनमानस को विचलित करती हैं।
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