बड़ी खबर: महिलाओं ने किया डीएसओ का घेराव, राशन लिस्ट से था नाम गायब

दरअसल आज सुबह 10 बजे से ही धीरे-धीरे विभिन्न मोहल्लों से महिलाएं एकत्रित हो रहीं थीं। इनके साथ संबंधित मोहल्लों के कुछ सभासद भी मौजूद थे।

Newstrack
Published on: 6 July 2020 12:24 PM GMT
बड़ी खबर: महिलाओं ने किया डीएसओ का घेराव, राशन लिस्ट से था नाम गायब
X

इटावा: जहां एक ओर देश के प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना काल मे नवम्बर तक गरीबों को मुफ्त राशन बांटने की बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कोरोना काल में शहर की सैकड़ों महिलाओं को अपना राशन पाने के लिए कचहरी में जाकर राशन विभाग के सबसे बड़े अधिकारी ज़िला पूर्ति अधिकारी की गाड़ी रोक नारेबाजी करनी पड़ी। महिलाओं का आक्रोश देख ज़िला पूर्ति अधिकारी विकास कुमार को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में शरण लेनी पड़ी। मामला बढ़ता देख सिविल लाइन पुलिस ने कचहरी जाकर महिलाओं की भीड़ को कचहरी से चलता किया।

राशन लिस्ट से बाहर महिलाओं का नाम

दरअसल आज सुबह 10 बजे से ही धीरे-धीरे विभिन्न मोहल्लों से महिलाएं एकत्रित हो रहीं थीं। इनके साथ संबंधित मोहल्लों के कुछ सभासद भी मौजूद थे। महिलाओं का कहना था कि जब इस महीने का राशन लेने डीलर के यहां पहुँची तो डीलर के द्वारा राशन लिस्ट में नाम न होने का हवाला देते हुए कचहरी जाने की बात कही गई। हालांकि पहली बार ऐसा नहीं हुआ है। राशन लिस्ट में हर महीने कुछ लोगों का नाम या उनके परिवार के सदस्यों का नाम गायब होता रहता है।

ये भी पढ़ें- 100 भाषाओं में अनुवादः दुनिया में बज रहा धौरहरा के संजय का डंका

जिसके बाद दोबारा से उन लोगों को राशन लिस्ट में नाम चढ़वाने के लिए लोकवाणी केंद्र या फिर पूर्ति विभाग कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में लोगो का नाम कटा हो। और इसी नाम कटने के पीछे ही कालाबाज़ारी का सारा खेल होता है। सूत्रों की माने तो जब महीने की शुरुआत में जब शासन से खाद्यान्न मंगवाया जाता है। तब डीलर और संबंधित इंस्पेक्टर के द्वारा शत प्रतिशत लोगो के नाम भेजे जाते हैं।

राशन वितरण में कालाबाज़ारी

इसके बाद जब महीने के अंत मे राशन बटने का वक़्त आता है। तब यहीं पर कालाबाज़ारी का खेल शुरू होता है। और राशन लिस्ट में से लोगों के नाम काट दिए जाते हैं। और डीलर के द्वारा यही कहा जाता है कि तुम्हारा नाम या परिवार के इस सदस्य का नाम लिस्ट में नहीं है। उसका राशन नहीं मिलेगा। जबकि उस व्यक्ति का राशन शासन के द्वारा भेजा जा चुका होता है। अब यहां पर ही इस विभाग के आला अधिकारी सवालों के घेरे में आते हैं।

ये भी पढ़ें- SSP पर कार्यवाही: इस IPS ने डीजीपी को लिखा पत्र, की ये मांग

क्योंकि जब अब राशन वितरण का सारा काम ऑनलाइन हो चुका है। अब बिना अधिकारी की अनुमति के राशन कार्ड बनना या फिर किसी राशन कार्ड में नाम बढ़ना या कटना संभव ही नहीं है। क्योंकिं सारा कुछ बिना अधिकारी की आई डी को खोले बिना हो ही नहीं सकता तो फिर इतनी बड़ी संख्या में लोगो का नाम कटना ज़रूर कुछ अचंभित करने वाली बात है।

रिपोर्ट- उवैश चौधरी

Newstrack

Newstrack

Next Story