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अब भी न चेते तो हो जायेगा विनाश

तो क्या हम यह मान ले कि ग्रीन जोन वाले जिलों में जिंदगी पुराने ढर्रे पर लौट आयेगी। नहीं ऐसा नहीं है, अब लाकडाउन खुलने के बाद आपका व आपके परिवार का भविष्य आपके हाथ में होगा। सरकार 24 घंटे या 365 दिन चैकीदारी नहीं करेगी।

SK Gautam
Published on: 3 May 2020 4:40 PM IST
अब भी न चेते तो हो जायेगा विनाश
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कल यानि सोमवार 04 अप्रैल से यूपी के ग्रीन जोन के जिलों में लाकडाउन समाप्त हो जायेगा, आरेंज जोन के जिलों में भी कुछ ढ़ील दी जायेगी और रेड़ जोन में लाकडाउन पहले की तरह ही लागू रहेगा। उत्तर प्रदेश में 19 जिले रेड जोन में हैं, जबकि 36 जिले ऑरेंज जोन में रखे गए हैं। वहीं, 20 जिले ऐसे हैं, जिन्हें ग्रीन जोन में रखा गया है।

तो क्या हम यह मान ले कि ग्रीन जोन वाले जिलों में जिंदगी पुराने ढर्रे पर लौट आयेगी। नहीं ऐसा नहीं है, अब लाकडाउन खुलने के बाद आपका व आपके परिवार का भविष्य आपके हाथ में होगा। सरकार 24 घंटे या 365 दिन चैकीदारी नहीं करेगी। इसलिए लाकडाउन खुलने के बाद सोच समझ कर घर से निकलें और काम पर जायें।

उत्तर प्रदेश में 19 जिले रेड जोन में

उत्तर प्रदेश में 19 जिले रेड जोन में है। जिसमे आगरा, लखनऊ, सहारनपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मेरठ, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा, बरेली शामिल है। यहां लाकडाउन 17 मई तक चलेगा।

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इसी तरह 36 जिले आरेंज जोन में है। जिनमे गाजियाबाद, हापुड़, बागपत, बस्ती, बदायूं, संभल, औरैया, शामली, सीतापुर, बहराइच, कन्नौज, आजमगढ़, मैनपुरी, श्रावस्ती, बांदा, जौनपुर, एटा, कासगंज, सुल्तानपुर, प्रयागराज, जालौन, मिर्जापुर, इटावा, प्रतापगढ़, गाजीपुर, गोंडा, मऊ, भदोही, उन्नाव, पीलीभीत, बलरामपुर, अयोध्या, गोरखपुर, झांसी, हरदोई, कौशाम्बी शामिल है।

20 जिलें ही ग्रीन जोन में शामिल

जबकि 20 जिलें ही ग्रीन जोन में शामिल है, जहां 4 मई से लाकडाउन खत्म हो जायेगा। इसमे बाराबंकी, खीरी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अंबेडकर नगर, बलिया, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, अमेठी शामिल है।

जान लें कि सरकार एक निश्चित समय तक ही लाकडाउन रख सकती है। धीरे-धीरे लाकडाउन खत्म हो जाएगा। सरकार भी इतनी सख्ती नहीं दिखाएगी क्योंकि इससे देश की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। इस बीच सरकार ने देश में सभी को कोरोना बीमारी के बारे में अवगत करा दिया है, सोशल डिस्टैंसिंग, हैण्ड सेनिटाइजेशन समेत कोरोना से बचाव के सभी तरीके समझा दिए है। कोरोना संक्रमित होने के बाद की स्थिति भी लोग देश में देख ही रहे हैं।

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हमें अपनी जीवन शैली और दिनचर्या को बदलना होगा

अब लाकडाउन खत्म होने के बाद कोरोना वायरस एकदम से गायब नहीं हो जायेगा। यह हमारे बीच ही रहेगा और हमें अपनी जीवन शैली और दिनचर्या को बदल कर इससे लगातार बचाव करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि अब आगे लंबे समय तक अपनी दिनचर्या, काम करने का तरीका समझना होगा। इसके लिए सबसे पहले तो हमे सरकार और स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

इसके साथ ही हमे अपनी इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करनी होगी। हालांकि हम भारतीयों को इसके लिए कुछ ज्यादा नहीं करना है। बस, अपनी जीवन शैली को अपने दो पीढी पहले के बुजुर्गों की तरह जीना होगा। शुद्ध आहार लेना होगा यानी फास्ट फूड की दीवानगी कम करनी होगी। अपने आहार में पित्जा-बर्गर जैसी आयातित डिशों की जगह देशी व्यंजनों व कोल्ड ड्रिंक की जगह लस्सी-मठ्ठा जैसे पेय पदार्थों को अपनाना पड़ेगा।

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खाना पकाने के बर्तनों को भी बदलना होगा

अजीनोमोटो, आरेगोनो जैसे मसालों की जगह दालचीनी, जावित्री, काली मिर्च और लौंग जैसे पुराने भारतीय मसालों को अपनी रसोई में उपयोग में लाना होगा। आंवला, एलोवीरा, गिलोय, त्रिफला जैसी औषधियों को दैनिक प्रयोग में लाना होगा। हमें अपने खाना पकाने के बर्तनों को भी बदलना होगा। अल्युमिनियम, स्टील के बर्तनों को दूर करके हमें भारी बर्तन जैसे पीतल, कांसा, तांबा को अपनाना होगा जो प्राकृतिक रूप से वायरस को खत्म करते हैं। हमे दूर रहना होगा लोगों के शारीरिक स्पर्श से और नमस्ते करने की अपनी भारतीय संस्कृति को अपनाना होगा।

श्रेष्ठ यही होगा कि हम स्वयं ही बदल जाए

हमे याद रखना चाहिए कि कोरोना वायरस का कहर प्रकृति की चेतावनी है हमें, अगर हम अब भी नहीं बदले तो प्रकृति स्वयं बदलाव लाने में सक्षम है। लेकिन प्रकृति द्वारा बदलाव लाने के तरीकों को भी हम अच्छी तरह से देख चुके है। इसलिए श्रेष्ठ यही होगा कि हम स्वयं ही बदल जाए, अपने लिए और अपने बच्चों के लिए। क्योंकि प्रकृति का कोप सहन करने की क्षमता अभी मानव में नहीं है।

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