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मोदी और योगी सरकार ने एक्सप्रेस-वे से बढ़ाई विकास की रफ्तार

seema
Published on: 6 March 2020 12:46 PM IST
मोदी और योगी सरकार ने एक्सप्रेस-वे से बढ़ाई विकास की रफ्तार
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ। हाईवे और एक्सप्रेस वे के निर्माण से किसी भी सूबे व देश के विकास में तेजी आती है। उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में हाईवे और एक्सप्रेस वे के निर्माण के काम में तेजी आई है। माना जा रहा है कि इससे सूबे में रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ ही अर्थव्यवस्था की सेहत भी सुधरेगी। इससे लोगों को आवागमन में भी सुविधा होगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस वे, ये सभी उत्तर प्रदेश में सड़क संपर्क बढ़ाने के साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगे। प्रदेश सरकार के इस बार के बजट में प्रदेश में रक्षा कॉरिडोर के लिए भी 3700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पूरी उम्मीद है कि इन सभी एक्सप्रेस वे के निर्माण से प्रदेश को एक नई दिशा मिलने जा रही है।

हाईवे और एक्सप्रेस वे में फर्क

नगरों के सीमावर्ती क्षेत्र से गुजरने वाले चौड़े मार्गों को हाईवे कहा जाता है जहां से भारी वाहन ट्रक,बस, कार आदि गुजरते हैं। ये मार्ग एक शहर से दूसरे शहर को जोडऩे का काम करते हैं और इनकी चौड़ाई शहरों की सड़कों से कुछ अधिक होती है। यह अक्सर दो लेन अथवा चार लेन के ही होते हैं। इन राजमार्गों पर गति सीमा भी 65 किलोमीटर ही होती है। जबकि एक्सप्रेस वे शहर और नगरों के बाहर निकलने वाले मार्ग होते हैं। एक्सप्रेस वे उच्च क्वालिटी की सड़कें होती हैं और यह चार लेन से आठ लेन की होती हैं। देश में इस समय लगभग 50 एक्सप्रेस वे हैं जहां भारी वाहन 100 से ऊपर की स्पीड में चलते हैं। मूल रूप से एक्सप्रेसवे आधुनिक सुविधाओं से युक्त होते हैं, जिनमें एक्सेस रैंप, ग्रेड सेपरेशन, लेन डिवाइडर और एलिवेटेड सेक्शन जैसी आधुनिक सुविधाएं होती हैं। यूपी का आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे यूपी की शान कहा जाता

मायावती ने बनाया था चुनावी मुद्दा

2007 में हुए विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री मायावती ने यमुना एक्सप्रेस वे को चुनावी मुद्दा बनाया था। वहीं तीन साल पुरानी यूपी की योगी सरकार फिलहाल चार बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिन्हें वह 2022 में होने वाले चुनावों से पहले पूरा करना चाहती है। इन प्रोजेक्ट्स में सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे है।

ये होगा फायदा

कहा जा रहा है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे हो, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हो या फिर प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस वे, ये सभी उत्तर प्रदेश में सड़क संपर्क बढ़ाने के साथ ही रोजगार के अनेक अवसर भी पैदा करेंगे। इस साल के बजट में उत्तर प्रदेश रक्षा कॉरिडोर के लिए 3700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण कर रही है, जो चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जिलों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेस वे बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेस वे के रास्ते से जोड़ेगा। साथ ही बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे

यूपी में सबसे पहले बनने वाले एक्सप्रेस वे के तौर पर आगरा एक्सप्रेस वे का ही नाम आता है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का निर्माण पिछली सरकार में किया गया था। हालांकि कुछ काम जो अधूरा रह गया था, उसे योगी सरकार के समय पूरा कराया गया। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की लम्बाई 302.222 किलोमीटर है। छह लेन वाला यह एक्सप्रेस वे भविष्य में आठ लेन भी किया जाएगा।

आगरा-लखनऊ प्रवेश नियंत्रित (ग्रीनफील्ड) एक्सप्रेस वे आगरा (आगरा इनर रिंग रोड) से प्रारम्भ होकर फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, हरदोई, कानपुर नगर, उन्नाव होते हुए लखनऊ में मोहान रोड पर ग्राम सरोसा-भरोसा में समाप्त होता है। एक्सप्रेस वे पर कुल 13 लम्बे पुलों का निर्माण किया गया है, जिनमें गंगा नदी पर 750 मीटर लम्बाई तथा यमुना नदी पर 515 मीटर लम्बाई का पुल भी शाामिल है। एक्सप्रेस वे पर लखनऊ एवं आगरा के निकट दो मुख्य टोल प्लाजा का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त इंटरचेंज पर रैम्प प्लाजा का निर्माण किया गया है।

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लोगों को ये सुविधाएं

एक्सप्रेस वे की पूर्ण लम्बाई में स्थानीय जनता की सुविधा के लिए एक्सप्रेस वे के एक तरफ स्टैगर्ड रूप में सर्विस रोड का निर्माण किया गया। एक्सप्रेस वे पर यात्रियों की सुविधा के लिए लखनऊ से 75 किलोमीटर एवं 198 किलोमीटर की दूरी पर तथा आगरा से 101 किलोमीटर एवं 218 किलोमीटर की दूरी पर कुल चार वेसाइड एमेनिटीज एरिया विकसित किए गए हैं। प्रत्येक वेसाइड एमेनिटीज एरिया पर खान-पान, पेयजल एवं शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा वाहनों की पार्किंग व मरम्मत एवं यात्रियों के विश्राम की सुविधा भी उपलब्ध है। ट्रैफिक को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए एक्सप्रेस वे पर एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत हर चार किलोमीटर पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स (कुल-152), 50 सीसी टीवी कैमरा, 10 गति मापक एवं नम्बर प्लेट रिकार्ड करने वाले कैमरे तथा 34 एटीसीसी लगाए गए हैं।

पूर्वांचल एक्सपे्रस वे

पूर्वांचल के विकास के लिए राज्य सरकार ने राजधानी लखनऊ से एक और एक्सप्रेस वे बनाने की परियोजना तैयार की है जो आजमगढ़ से होते हुए पूर्वी क्षेत्रों से जुड़ा होगा। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के साथ ही प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र न सिर्फ प्रदेश के अन्य शहरों से जुड़ जाएंगे बल्कि अन्य एक्सप्रेस वे के माध्यम से देश की राजधानी से भी जुड़ जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार गठन होने के बाद अफसरों से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनाने के काम में तेजी लाने को कहा। इसके बाद इसके काम में तेजी आई है।

कहां से कहां तक होगा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर स्थित ग्राम चांदसराय से शुरू होकर यूूपी-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पहले गाजीपुर के ग्राम हैदरिया तक बनेगा। इसकी लम्बाई 340.824 किमी है। यह एक्सप्रेस वे आठ लेन का होगा। 22,494.66 करोड़ की लागत से बनने वाले यह एक्सप्रेस वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ होते हुए गाजीपुर तक जाएगा। 120 मीटर चौड़ाई वाला यह एक्सप्रेस वे फिलहाल छह लेन का बन रहा है पर इसे इस हिसाब से बनाया जा रहा है कि भविष्य में जरुरत पडऩे पर आठ लेन का किया जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि इस वर्ष दीपावली तक इसका काम पूरा हो जाएगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सपे्रस वे का शिलान्यास किया है। केन्द्र और राज्य सरकार का बुंदेलखंड के विकास पर विशेष फोकस है। राज्य सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र के साथ ही चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर व जालौन जैसे आर्थिक रूप से कम विकसित जिलों के विकास में तेजी लाने के लिए इसे बनवाने का फैसला लिया है। यह एक्सप्रेस वे प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को देश की राजधानी दिल्ली से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे एवं यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से जोड़ेगा तथा बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। भरतकूप के पास चित्रकूट जिले से शुरू होने वाले इस एक्सप्रेस वे में चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरेया, इटावा जिले शामिल होंगे और यह एक्सप्रेस वे इटावा के ग्राम कुदरैल से आगरा एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएगा। 296.070 किमी लम्बे इस एक्सप्रेस वे को फोर लेन का बनाया जा रहा है, लेकिन बाद में इसे छह लेन का भी किया जाएगा। बागेन, केन, श्यामा, चन्दावल, बिरमा, यमुना, बेतवां एवं सेंगर नदी से गुजरने वाले इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में कुल चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 6 टोल प्लाजा, 7 रैम्प प्लाजा, 266 लघु पुल तथा 18 फ्लाई ओवर का निर्माण भी किया जाएगा।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे

योगी सरकार की दीर्घकालीन योजना के तहत फोरलेन का गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई 91.352 किलोमीटर रखी गयी है। इसके निर्माण की अनुमानत: लागत 5876.67 करोड़ है और इसकी शुरुआत जैतपुर (गोरखपुर) बाईपास से होने के बाद सलारपुर (आजमगढ़) तक रखी गई है। यह एक्सप्रेस वे गोरखपुर, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, संत कबीरनगर से गुजरेगा। अभी इसे फोरलेन का बनाया जा रहा है, लेकिन भविष्य में इसे छह लेन का भी किया जा सकेगा।

दो पैकेज में परियोजना

परियोजना के क्रियान्वयन के लिए परियोजना को दो पैकेजों में बांटा गया है। गोरखपुर तथा आजमगढ़ के बीच सांस्कृतिक तथा व्यावसायिक मूल्यों के तेजी से आदान-प्रदान के लिए सरकार ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे निर्मित करने का निर्णय लिया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे तीव्र संपर्क तथा बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। साथ ही साथ संबंधित क्षेत्र के जनमानस को भी एक-दूसरे के और निकट लाने में मदद करेगा। योजना के तहत यह पूरी तरह से एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेस वे होगा तथा इसमें पदयात्रियों, वाहनों और जानवरों के लिए अंडरपास का प्रावधान रखा गया है।

डिंफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, लखनऊ एवं कानपुर को चिन्हित किया जा चुका है और इसके लिए 5125.348 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की जा चुकी है। आईआईटी कानपुर एवं आईआईटी, बीएचयू में डिफेंस कॉरिडोर से संबंधित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार से आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू को दो करोड़ की धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है।

डिफेंस पार्क भी बनेगा

डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के कानपुर नोड में आईआईटी कानपुर द्वारा संस्थान के निकट शिवली में 30 एकड़ भूमि पर यूपीडा के साथ संयुक्त रूप से डिफेंस पार्क स्थापित किए जाने की भी योजना है। कॉरिडोर की खास बात यह है कि यह सड़क, रेल और हवाई मार्ग तीनों से जुड़ा रहेगा। यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के माध्यम से लखनऊ से, एनएच 509 के माध्यम से अलीगढ़ से, एनएच 44 के माध्यम से झांसी से तथा आगरा एनएच 27 द्वारा लखनऊ से चित्रकूट रेल मार्ग से सुनियोजित रूप से जुड़ा रहेगा। आगरा में संचालित एयरपोर्ट के अतिरिक्त जेवर (नजदीक में) में एयरपोर्ट प्रस्तावित है।

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गंगा एक्सप्रेस वे

गंगा एक्सप्रेस वे गाजियाबाद-मेरठ प्रारम्भ होकर प्रयागराज तक जाएगा। यह इलाहाबाद बाईपास (एनएच-2) पर ग्राम खेेमानन्दपुर, सोरांव के पास खत्म होगा। अनुमानित 628 किलोमीटर की इस परियोजना से मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदांयू, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज को लाभ मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे छह लेन चौड़ा बनाया जा रहा है, लेकिन भविष्य में इसे आठ लेन तक किया जा सकेगा। एक्सप्रेस वे के राइट ऑफ वे की चौड़ाई 130 मी. प्रस्तावित है।

बदल जाएगा जनजीवन

एक्सप्रेस वे के एक ओर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के शिलान्यास के दौरान कह चुके हैं कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इस क्षेत्र के जनजीवन को बदलने वाला सिद्ध होगा और करीब 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस वे क्षेत्रीय लोगों को रोजगार के तमाम अवसर मुहैया कराएगा। गंगा एक्सप्रेस वे की डीपीआर बनाने के लिए एक्सप्रेस वे परियोजना में आने वाले गांव, भूमि और खेतों का ब्योरा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए सोलाना, बहादरपुर सहित हापुड़ रोड पर बिजौली, गोविंदपुर, कौल में जमीन पर निशान लगाने का काम भी शुरू हो गया है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वेे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। यह बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। यह एक्सप्रेस वे बुंदेलखंड क्षेत्र को सड़क मार्ग के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगा। इसका निर्माण कार्य शुरू होने से लगभग 60 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे व अन्य एक्सप्रेस वे यूपी में व्यापार कनेक्टिविटी बढ़ाएंगे। बुंदेलखंड क्षेत्र मेक इन इंडिया का बहुत बड़ा सेंटर बनने वाला है। इससे रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ ही हर परिवार की आय में बढ़ोतरी होगी।

नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले दो डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा की थी और उनमें से एक उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगा। यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है। बुंदेलखंड के लोग पहले विकास की बात सोच नहीं पाते थे। अब उन्हें विकास पथ पर दौडऩे के लिए एक्सप्रेस वे दिया जा रहा है।

योगी आदित्यनाथ,मुख्यमंत्री

केंद्र और प्रदेश सरकार के आपसी तालमेल से शीघ्र ही उत्तर प्रदेश में उद्योग के क्षेत्र में तस्वीर बदली नजर आएगी। गंगा एक्सप्रेस वे का खाका तैयार हो चुका है। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर काम तेजी से चल रहा है। एक्सप्रेस वे पर बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एडवांस ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया है। रंबल-स्ट्रिप और कैमरे भी लगाए गए हैं। इससे दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी। लोगों को भी नियमों के पालन की दिशा में भी सहयोग करना होगा।

सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री



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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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