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नकली करेंसी छापने का मास्टरमाइंड, कर रहा था बड़ी प्लानिंग, UP पुलिस ने धर दबोचा
तजेंद्र की बात की जाए तो वो इंटर फेल है और उसके गुर्गे में शामिल लोग भी हाईस्कूल और इंटर फेल हैं। इससे पहले उसने साल 2017 में दक्षिण थाना क्षेत्र को अपना ठिकाना बनाया था। जिसके बाद दक्षिण पुलिस ने जाली नोट छापने के मामले में जेल भी भेजा था। हालांकि गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज न होने की वजह से वो जमानत पर बाहर आ गया।
फिरोजाबाद: जाली नोट छापने वाले गिरोह के सरगना तजेंद्र को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। मामले में बताया गया है कि गिरोह का सरगना पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना नेटवर्क खड़ा करने के ख्वाब देख रहा था। लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे फिरोजाबाद से धर दबोचा। बता दें कि इससे पहले भी Fake Currency छापने के मामले में दक्षिण पुलिस ने उसे जेल भी भेजा था।
पश्चिमी यूपी में खड़ा करना चाहता था नेटवर्क
मिली जानकारी के मुताबिक, तजेंद्र ने 100 करोड़ के जाली नोट छापने के लिए मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा समेत कई जिलों में अपने गुर्गे लगाए हुए थे। वो जिस तरह शिकोहाबाद में एक छोटे से मकान में जाली नोट छापने का कारखाना संचालित कर रहा था, उसी तरह तजेंद्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अपना नेटवर्क खड़ा करना चाहता था। लेकिन उससे पहले पुलिस ने उसे फिरोजाबाद से दबोच लिया।
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लॉकडाउन में जेल से हुआ रिहा
तजेंद्र की बात की जाए तो वो इंटर फेल है और उसके गुर्गे में शामिल लोग भी हाईस्कूल और इंटर फेल हैं। इससे पहले उसने साल 2017 में दक्षिण थाना क्षेत्र को अपना ठिकाना बनाया था। जिसके बाद दक्षिण पुलिस ने जाली नोट छापने के मामले में जेल भी भेजा था। हालांकि गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज न होने की वजह से वो जमानत पर बाहर आ गया।
(प्रतीकात्मक फोटो- सोशल मीडिया)
साथियों से नहीं शेयर करता था ये बातें
जब वो लॉकडाउन में जेल से रिहा होकर आया तो शिकोहाबाद में एक छोटे से मकान में जाली नोट छापने का कारखाना संचालित करने लगा। एसएसपी अजय कुमार पांडेय ने बताया कि भले ही तजेंद्र अपने साथियों को रखता था, लेकिन नोट छापने की बात किसी से शेयर नहीं करता था। उसके साथ काम करने वाले लोगों को वह कटिंग करने के साथ अन्य काम सौंपता था।
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गुर्गे बाजार में चलाते थे नकली नोट
साथियों से काम कराने के बदले में वो उन्हें पैसे दिया करता था। मिली जानकारी के मुताबिक, तजेंद्र द्वारा जो जाली नोट छापे जाते थे, उसको चालीस फीसदी कमीशन पर उसके गुर्गे बाजार में चलाने का काम करते हैं। शिकोहाबाद पुलिस उनके नाम और पते मिले हैं। अब पुलिस इन लोगों की तलाश कर रही है। ऐसा कहा जा रहा ह कि पुलिस जेल में बंद तजेंद्र से पूछताछ करने के लिए उसे रिमांड पर ले सकती है।
बता दें कि जाली नोट छापने के मामले का खुलासा होने के बाद आगरा से एटीएस की टीम शिकोहाबाद पहुंची और शिकोहाबाद पुलिस से संपर्क करके अपनी जांच को आगे बढ़ाया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने उस जगह का भी निरीक्षण किया, जहां पर तजेंद्र द्वारा जाली नोट छापे जाते थे।
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