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अंक पत्रों में फर्जीवाड़ा: मण्डलायुक्त ने की कड़ी कार्रवाई, BTC में लिया ऐसे एडमिशन

 जिले में कूटनीति अंकपत्रों के आधार पर मेरिट बढ़ाकर प्रवेश लिये जाने का मामला प्रकाश आया है। आज़मगढ़ मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी के निर्देश पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मऊ में साल 2015 में बीटीसी में हुए प्रवेश की हुई जांच में वहां पर 9 अभ्यर्थियों द्वारा है।

suman
Published on: 5 Jun 2020 10:16 PM IST
अंक पत्रों में फर्जीवाड़ा: मण्डलायुक्त ने की कड़ी कार्रवाई, BTC में लिया ऐसे एडमिशन
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मऊ: जिले में फर्जी अंकपत्रों के आधार पर मेरिट बढ़ाकर प्रवेश लिये जाने का मामला प्रकाश आया है। आज़मगढ़ मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी के निर्देश पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मऊ में साल 2015 में बीटीसी में हुए प्रवेश की हुई जांच में वहां पर 9 अभ्यर्थियों द्वारा है।

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50 अभ्यर्थियों के अंकपत्रों की जांच

बता दें कि केवल 2015 में प्रवेश पाये अभ्यर्थियों में से 50 अभ्यर्थियों के अंकपत्रों की जांच में 9 अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी अंकपत्र के आधार पर प्रवेश लिये जाने का मामला सामने आया है। मण्डलायुक्त के निर्देश दिये जाने के बाद साल 2015, 2016, 2017 में 2018 में प्रवेश लेने वाले समस्त अभ्यर्थियों का सत्यापन न कराये जाने के लिए साल 2015 से 2020 तक डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) मऊ में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य राजीव रंजन मिश्रा, उप प्राचार्य उदय प्रकाश मिश्र व रामचन्द्र सिंह यादव, वरिष्ठ प्रवक्ता वीरेन्द्र सिंह, शिव प्रसाद यादव, व केशरी नारायण कपूर के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित किये जाने हेतु शासन को संस्तुति भेज दी है। इसके अलावा उन्होंने मण्डल के तीनों जनपदों में बीटीसी में प्रवेश लेने वाले सभी प्रशिक्षुओं के अंकपत्रों का सत्यापन कराये जाने की भी संस्तुति की है।

मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने मामले में बताया कि मऊ में स्टाफ द्वारा बीटीसी बैच 2015 में एक छात्राध्यापक अभय कुमार मौर्य को फर्जी अंकपत्र द्वारा ज्येष्ठता उच्चकर प्रवेश दिलाया गया है। इसके अलावा भी उक्त प्रार्थना पत्र में कई अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था। संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा उपलब्ध कराई रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सतत् अनुश्रवण किये जाने पर डायट मऊ के प्राचार्य द्वारा साल 2015 बैच के 200 में से केवल 50 अभ्यर्थियों के हाईस्कूल, इण्टर मीडिएट तथा स्नातक के अंकपत्रों का सत्यापन कर प्रेषित की गयी जिसमें से 9 अभ्यर्थियों प्रमोद यादव, सीमा यादव, रूबी यादव, रागिनी यादव, सोनम यादव, धर्मेन्द्र यादव, अभय कुमार मौर्य, अन्जली सिंह तथा गौरव सिंह द्वारा जो अंक पत्र काउन्सिलिंग के समय दिये गये हैं वेबसाइट पर उपलब्ध अंकपत्रों काफी अलग है, इस प्रकार फर्जी अंकपत्रों के आधार पर मेरिट बढ़ाकर बीटीसी में प्रवेश लिये जाने की पुष्टि हुई।

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मण्डलायुक्त ने कहा कि जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि डायट के प्राचार्य द्वारा बैच 2016, 2017 एवं 2018 के प्रशिक्षुओं के अंकपत्रों का भी सत्यापन नहीं कराया गया है। उन्होंने कहा कि साल 2015 के अन्य अभ्यर्थियों द्वारा तथा 2016, 2017 एवं 2018 के अभ्यर्थियों द्वारा भी खुद से बनाए अंकपत्र के आधार पर मेरिट बढ़ाकर प्रवेश लिये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि समस्त प्रशिक्षुओं का सत्यापन अवधि न कराये जाने से मामला संदिग्ध है।



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