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प्रसिद्ध तबला वादक सुरेंद्र ने Newstrack के साथ साझा किए विचार, पढ़ें पूरी बातचीत
कहते हैं कि 4 वर्ष की उम्र में कोई भी बच्चा इतनी मेहनत नहीं करता जितनी कि आज प्रसिद्ध हो चुके तबला वादक सुरेंद्र सिंह ने की होगी। रविवार को शहर में न्यूज़ ट्रैक की टीम के साथ विशेष वार्ता के दौरान तबला वादक द्वारा बताया गया कि 4 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने तबला सीखने का प्रयास प्रारंभ कर दिया था।
औरैया: कहते हैं कि 4 वर्ष की उम्र में कोई भी बच्चा इतनी मेहनत नहीं करता जितनी कि आज प्रसिद्ध हो चुके तबला वादक सुरेंद्र सिंह ने की होगी। रविवार को शहर में न्यूज़ ट्रैक की टीम के साथ विशेष वार्ता के दौरान तबला वादक द्वारा बताया गया कि 4 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने तबला सीखने का प्रयास प्रारंभ कर दिया था। जिसका परिणाम यह है कि वह करीब 30 वर्षों से तबले के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ रहे हैं।
न्यूज़ट्रैक की टीम के समक्ष रखे अपने विचार
देश के कई हास्य शो एवं कई चैनलों पर तबले के माध्यम से अपनी धाक जमाने वाले सुरेंदर सिंह रविवार को जनपद औरैया में अपने एक मित्र के यहां पर आए। जहां पर उन्होंने न्यूज़ ट्रैक की टीम के समक्ष अपने कुछ विचार रखे। इस दौरान उन्होंने हास्य के माध्यम से कुछ अपना हुनर भी दिखाया।
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गुरुओं से तबले की बारीकियां सीखीं
मूलता: हिमांचल के मंडी निवासी सुरेंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने उस्ताद हरभजन सिंह, उस्ताद महिंंदर सिंह, पंडित देवकी नंदन, पंडित रामनरायन, पंडित सुरेश तलवार व उस्ताद अल्ला रखा खान से तबले की बारीकियां सीखीं। सबसे पहले अन्नू मलिक के साथ अंताक्षरी फिर दूरदर्शन के सप्तक चैनल, मेरी आवाज सुनो, लाफ्टर चेलेंज आदि कार्यक्रमों में अपनी कला का लोहा मनवाया। सुरेंदर सिंह कहते हैं कि तब से यह सिलसिला आज भी जारी है।
बताया कि अब तक उन्होंने हांगकांग, बैंकाक, दुबई, लंदन, अमेरिका, कनाडा, इंडोनेशिया, ओमान, स्वीडन, सिंगापुर, नेपाल, हालैंंड आदि देशों में भारत का परचम फहरा चुके हैं। अब तक कई फिल्मों के गानों में संगीत कर चुके हैं। कई म्यूजिक एलबम भी बना चुके हैं।
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शहीदी दिवस पर गुरूद्वारा जाकर मत्था टेका
कानपुर में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में जाते समय औरैया में गुरूमीत सिंह कालरा के पियानिस्ट पुत्र सरबजीत सिंह के घर पर रूके। सुरेंदर ने शनिवार को शहीदी दिवस पर गुरूद्वारा जाकर मत्था टेका और गुरू तेग बहादुर सिंह को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान उन्होंने लोगों की मांग पर सरबजीत सिंह के साथ तबले की थॉप पर शबद-कीर्तन भी सुनाए। न्यूज़ ट्रैक से बातचीत में सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि पहले वह सेलीब्रिटी को देखने को लालायित रहते थे लेकिन आज जब लोग उनके देखने और मिलने आते हैं तो उन्हें उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने अपनी इस सफलता के पीछे अपने माता-पिता व गुरूओं का आर्शीवाद बताया। वार्ता के दौरान उनके साथ गुरूमीत सिंह कालरा मौजूद रहे।
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