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झारखंड के किसान सीमैप में सीख रहे औषधीय खेती के गुर

केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) में झारखंड के ब्लाक परियोजना अधिकारी सहित 28 किसान औषधीय पौधों का प्रशिक्षण लेने के लिए लखनऊ पहुंचे। मंगलवार को पहले दिन सीमैप के कार्यकारी निदेशक डाॅक्टर अब्दुल समद ने घटते जल स्तर और जानवरों से होने वाले नुकसान के कारण औषधीय खेती की बढ़ी मांग के बारे में विस्तार से बताया।

Dharmendra kumar
Published on: 9 July 2019 9:11 PM IST
झारखंड के किसान सीमैप में सीख रहे औषधीय खेती के गुर
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लखनऊ: केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) में झारखंड के ब्लाक परियोजना अधिकारी सहित 28 किसान औषधीय पौधों का प्रशिक्षण लेने के लिए लखनऊ पहुंचे। मंगलवार को पहले दिन सीमैप के कार्यकारी निदेशक डाॅक्टर अब्दुल समद ने घटते जल स्तर और जानवरों से होने वाले नुकसान के कारण औषधीय खेती की बढ़ी मांग के बारे में विस्तार से बताया। मंगलवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम में नीबूघास, रोशाघास, खस एवं तुलसी के उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीकी पर विस्तार से जानकारी दी गयी।

डाॅक्टर समद ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कहा कि औषधीय एवं सगंध पौधों की विश्व स्तरीय मांग को देखते हुए इनकी खेती करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों द्वारा किसानों के लिये औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत प्रजातियाँ विकसित की गयी हैं जिनसे किसानों को अधिक पैदावार से अधिक लाभ मिलेगा।

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उन्होंने आगे कहा कि अगले दो दिन चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीमैप के वैज्ञानिक झारखंड राज्य के लिए उपयुक्त आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती पर विस्तार से चर्चा करेंगे तथा साथ ही प्रसंस्करण एवं भंडारण की तकनीकियों पर भी चर्चा करेंगे जिससे किसानों के उत्पादन को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता को बनाया जा सके और उसका अधिक तथा उचित मूल्य किसानों को मिल सके। इन औषधीय एवं सगंध फसलों में मुख्यतः नीबूघास, पामारोजा, जिरेनियम, तुलसी इत्यादि हैं। वर्तमान में इनके तेलों की मांग विश्व बाज़ार में अधिक है।

झारखंड राज्य आजीविका प्रमोशन सोसाइटी, ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड राज्य सरकार के द्वारा जोहार परियोजना के अंतर्गत तीन दिवसीय प्रशिक्षण झारखंड राज्य आजीविका प्रमोशन सोसाइटी के सदस्य सहित 28 किसानों ने भाग लिया। तीन दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन सीमैप के कार्यकारी निदेशक डॉ. अब्दुल समद ने किया।

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मंगलवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम में नीबूघास, रोशाघास, खस एवं तुलसी के उत्पादन के साथ ही साथ सगंध तेलों एवं औषधीय पौधों की आसवन विधियों पर महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियों से अवगत कराया गया तथा आसवन विधियों का प्रदर्शन किया गया।

इस अवसर पर सीमैप के वैज्ञानिक ई मनोज सेमवाल, डॉ. सौदान सिंह, डॉ. संजय कुमार, डॉ. राम सुरेश शर्मा, इ. सुदीप टंडन, डॉ. आर. के. श्रीवास्तव एवं झारखंड राज्य आजीविका प्रमोशन सोसाइटी, झारखंड के अंकित श्रीवास्तव उपस्थित थे।

Dharmendra kumar

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