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किसान न हों परेशान: लॉकडाउन में फूलों की बिक्री नहीं हो रही, तो करें ये काम

किसान फूलों की बिक्री न होने पर घर पर ही गुलाबजल, गुलकंद व गुलाब का शर्बत बना कर गुलाब की पंखुड़ियों को संरक्षित कर सकते हैं।

Shivani Awasthi
Published on: 3 May 2020 9:52 PM IST
किसान न हों परेशान: लॉकडाउन में फूलों की बिक्री नहीं हो रही, तो करें ये काम
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कन्नौज। वैश्विक महामारी में लॉकडाउन के चलते किसान भी फूलों की घटती मांग व कीमत के कारण आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। धार्मिक व वैवाहिक आयोजनों पर पाबंदी होने से किसानो के पहले से तय आर्डर भी रद हो गए हैं। ऐसे में गुलाब के फूल या तो सड़ रहे हैं या खेतों में बर्बाद हो रहे हैं। लेकिन महिला वैज्ञानिक ने घाटे से उबरने को सलाह दी है।

केवीके की वैज्ञानिक ने बताया- नुकसान की भरपाई का तरीका

कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी की वैज्ञानिक डॉ. पूनम सिंह ने बताया कि किसान घर पर ही गुलाबजल, गुलकंद व गुलाब का शर्बत बना कर गुलाब की पंखुड़ियों को संरक्षित कर सकते हैं। गुलाब विटामिन सी व एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। गुलकंद का सेवन हड्डियां को मजबूत रखने के साथ ही टीबी जैसी गंभीर बीमारी में भी लाभदायक होता हैं। ये शरीर को ठंडा रखता है व शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।

गुलाब की पंखुड़ियों से बनाएं 'गुलाब जल, गुलकंद व शर्बत'

डॉ. सिंह ने बताया कि साथ ही यह थकान व पाचन से जुड़ी समस्या में भी लाभदायक होता है। घर पर बना गुलाबजल त्वचा के साथ-साथ खाने व आंखों में डालने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन बाजार से खरीदे गुलाब जल को केवल कॉस्मेटिक के लिए ही प्रयोग करें।

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होगा ये फायदा

गुलाब की पंखुड़ियों को संरक्षित कर घर पर गुलाब जल, गुलकंद व गुलाब का शर्बत बनाकर अच्छी कीमत भी मिल सकती है। क्यों कि गर्मियों में इन प्रोडक्ट्स की मांग काफी रहती है। गुलाब की खेती करने वाले किसान कुछ नुकसान की भरपाई कर पाएंगे।

वैज्ञानिक की सलाह- मक्का की सिंचाई रोकें, गेहूं कर दें सुरक्षित

केवीके अनौगी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया ने किसानों से कहा है कि आने वाले दिनों में हल्की बारिश हो सकती है। इसलिए गेहूं की फसल को धूप में सुखाने के बाद उसे सुरक्षित रख लें। खड़ी मक्का के खेत में सिंचाई को स्थगित कर दें।

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डॉ. कनौजिया ने कहा है कि यदि कोई कीट को रसायनों से दूर रखने के लिए स्प्रे करना है तो की योजना बनाते हैं, तो खुले मौसम में दोपहर के बाद एनएसके (नीम के बीज का करेल अर्क) नीम का तेल पांच मिली लीटर प्रति लीटर पानी का प्रयोग करें। मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने बताया कि किसान रथ मोबाइल एप देश भर के किसानों और व्यापारियों को कृषि उत्पाद के परिवहन के लिए परिवहनकर्ताओं से जोड़ देता है। इसलिए यह एप जरूर डाउनलोड कर लाभ उठाएं।

अजय मिश्रा

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Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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