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यहां चार बच्चों के पिता लावारिस की तरह जिन्दगी बिताने को हैं मजूबर!

राष्ट्रीय गौ रक्षा संघ के जिलाध्यक्ष की मदद के बाद बुजुर्ग को अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। अस्पताल के डॉ. करन सिंह का कहना है कि बुजुर्ग को भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। उनको खाने पीने का भी इंतजाम करा दिया गया है।

Aditya Mishra
Published on: 23 March 2019 2:59 PM IST
यहां चार बच्चों के पिता लावारिस की तरह जिन्दगी बिताने को हैं मजूबर!
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शाहजहांपुर: शाहजहांपुर में इंसानियत को शर्मशार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बुजर्ग बेसहारा हालात में शहर की सड़कों पर बीते रहने को मजबूर है। बताया जा रहा है कि उन्हें यहां उनके किसी अपने ने लाकर छोड़ दिया। वे ठीक से अपने बारें में कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है। उन्हें केवल इतना पता है कि उनके चार बेटे है। वे उनका नाम भी बता पा रहे है। कही से कोई मदद न मिलता देख राष्ट्रीय गौरक्षा संघ उनकी सहायता के लिए आगे आया है। फ़िलहाल बुजुर्ग को तिलहर सीएचसी पर भर्ती कराकर इलाज शुरू कर दिया गया है।

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ये है पूरा मामला

तिलहर सीएचसी मे बेड पर लेटे इस बुजुर्ग को अपना नाम नही पता है। ये भी नही पता कि वह कहां रहते है। बस इतना पता है कि उनके चार जवान बेटे है। बङे दुर्भाग्य की बात है कि ये बुजुर्ग नैशनल हाइवे 24 पर रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज के सामने झाड़ियों मे पिछले तीन दिन से पङे थे। बीते शुक्रवार को शाम मे बुजुर्ग को राष्ट्रीय गौ रक्षा संघ के जिला अध्यक्ष मनोज कश्यप की नजर पड़ी। तब उन्होंने बुजुर्ग से बात करने की कोशिश की लेकिन वह कुछ बता पाने की स्थिति मे नही थे।

उसके बाद उन्होंने बुजुर्ग को सामने मेडिकल कॉलेज मे भर्ती कराने का सोचा। लेकिन वहां पर उन्होंने भर्ती करने से इंकार कर दिया। उसके बाद मनोज कश्यप ने सोचा कि पुलिस प्रशासन तो मदद करेगा। उन्होंने इंस्पेक्टर तिलहर को फोन कर बताया तो उन्होंने कोई ध्यान नही दिया। उसके बाद एसडीएम सदर, बीजेपी विधायक मानवेंद्र सिंह, 108 नंबर एंबुलेंस को सूचना दी वहां से भी कोई मदद नही मिली। फिर उन्होंने एसपी एस चिनप्पा को फोन किया।

सोचा यहां से तो मदद इस बुजुर्ग को मिल ही जाएगी। लेकिन वहां से भी कोई मदद नही मिली। क्या पता था कि इंसानियत मर चुकी है। उसके बाद उन्होंने बुजुर्ग को रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज पर बनी पुलिस चौकी पर बुजुर्ग को छोड़ दिया और चौकी इंचार्ज को बता दिया। उन्होंने भरोसा भी दिया कि वह बुजुर्ग का ख्याल रखेंगे। लेकिन आज सुबह वह बुजुर्ग चौकी से कई किलोमीटर दूर तिलहर सीएचसी के अंदर एक कोने मे बेंच पर लेटे मिले। उनको वहां भी एक बेड तक नसीब नही हुआ।

हालांकि मनोज कश्यप को बुजुर्ग की काफी फिक्र थी। वह बुजुर्ग सीएचसी पर पहुचे और देखा कि बुजुर्ग एक कोने पर बेंच पर लेटे है। उसके बाद उन्होंने डाक्टर से बात कर बुजुर्ग को अस्पताल के अंदर भर्ती कराया। मनोज कश्यप ने मानवता को जिंदा रखते हुए बुजुर्ग को खाना पानी का इंतजाम कराया।

राष्ट्रीय गौरक्षा संघ के जिला अध्यक्ष मनोज कश्यप ने बताया कि जब उन्होंने बुजुर्ग को झाड़ियों में पड़ा देखा तब उन्होंने काफी मदद करने की कोशिश की। लेकिन बुजुर्ग को अपना और बेटों के नाम तक नही पता था। ये भी नही पता था कि वह रहते कहां है। इसके बाद उन्होंने बुजुर्ग की मदद के लिए उनको रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज मे भर्ती कराने के लिए ले गए। लेकिन वहां पर इंकार कर दिया गया। उसके बाद इंस्पेक्टर तिलहर संजय राय को फोन किया तो उन्होंने फोन पर कहे दिया कि क्यों मेरी परेशानी बङा रहे हों। आज होली की छुट्टी है। इसलिए उनको अस्पताल मे भर्ती करा दों। उसके बाद उन्होंने एसडीएम सदर को फोन किया उन्होंने कहा कि बुजुर्ग को रोडवेज बस पर बैठाकर जिला अस्पताल मे भर्ती करा दो।

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उसके बाद मनोज कश्यप ने 108 नंबर एंबुलेंस को फोन किया। वहां से जवाब मिला कि एंबुलेंस इन कामों के लिए नही है। उसको बाद मनोज कश्यप ने सोचा कि चुनाव का वक्त है नेता तो जरूर मदद करेंगे। तभी उन्होंने ददरौल विधानसभा से बीजेपी विधायक मानवेंद्र सिंह को फोन किया। कहा कि एक एक वोट जरूरी है। ऐसे मे ये बुजुर्ग रोड पद पङा है इसको इलाज के लिए अस्पताल मे भर्ती करा दो। लेकिन वहां से भी जवाब मिला कि देखते है। उसके बाद मनोज कश्यप ने एसपी को फोन किया।

लेकिन वहां से जवाब मिला कि आप उनको रोडवेज बस से लाकर जिला अस्पताल मे भर्ती करा दो। फिर पुलिस के जरिए उनके परिवार को ढुंढवा लेंगे। आखिर जब कहीं से कोई मदद नही मिली तब मनोज कश्यप ने बुजुर्ग को रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज मे बनी चौकी पर छोङ दिया। इतना ही नही चौकी पर तैनात पुलिस ने कहा कि हम इनका ख्याल रखेंगे। लेकिन सुबह जब मनोज कश्यप सीएचसी पर पहुचे तो बुजुर्ग वहां पर कोने पर बनी बेंच पद भूखे प्यासे लेटे थे। तब उन्होंने डाक्टर से बात कर बुजुर्ग को अस्पताल मे भर्ती कराया। इसके बाद उन्होंने बुजुर्ग को पानी पिलाया और खाने का इंतजाम कराया।

जिस बुजुर्ग पिता के चार जवान बेटे हो। उस पिता की ये हालत होना बङे दुर्भाग्य की बात है। उन बेटों ने ये भी जानने की कोशिश नही की कि आखिर उनके पिता तीन से कहां है। फिलहाल अब राष्ट्रीय गौ रक्षा संघ के जिलाध्यक्ष की मदद के बाद बुजुर्ग को अस्पताल मे भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया है। उनकी मदद करने के लिए पुलिस प्रशासन से लेकर विधायक तक कोई आगे नही आया। डाक्टर करन सिंह का कहना है कि बुजुर्ग को भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। उनको खाने पीने का भी इंतजाम करा दिया गया है।

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