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मजदूरों को आर्थिक पैंकेज का लाभ, बनेगा आत्मनिर्भर भारत : सुनील भराला

भराला ने बताया कि आज से अनाज व चना वितरण कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है तथा श्रमिकों और जरूतदमंद परिवारों के लिए एक देश एक राशन कार्ड योजना प्रारम्भ हो गयी।

Aradhya Tripathi
Published on: 15 May 2020 1:38 PM GMT
मजदूरों को आर्थिक पैंकेज का लाभ, बनेगा आत्मनिर्भर भारत : सुनील भराला
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मेरठ: मेरठ में विडियों कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के सदस्य एवं श्रमिक नेताओं की बैंठक की गई। बैंठक में पं० सुनील भराला अध्यक्ष , दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री ने जागरूक करते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा 20 लाख करोड़ का पैकेज दुनिया के देशों में आर्थिक पैकेंज का 5वें पायदान पर स्थापित हुआ। देश की जी.डी.पी. का 10 प्रतिशत (लगभग) हिस्सा करोना वायरस आपदा के चलते आवंटित किये जाने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। जिसमे आत्मनिर्भर भारत की भव्य, इमारत पांच स्तम्भ पर खड़ी होगी।

राज्यमंत्री ने बताए राहत पैकेज से मिलने वाले लाभ

पांचों स्तंभों का वर्णन करते हुए राज्यमंत्री भराला ने बताया कि पहला स्तंभ अर्थव्यवस्था दूसरा आधार मूत ढांचा तीसरा सिस्टम जो 21 वीं शताब्दी की तकनीकि संचालित व्यवस्था पर आधारित हो। चौथा डेमोग्राफी जो आत्मनिर्भरता का ऊर्जा स्त्रोत है और पांचवा आपूर्ति श्रृखंला। यह पांचो स्तम्भ पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कल श्रमिकों के लिए विस्तार से आर्थिक संकट की हिस्सेदारी का वर्णन करते हुए बताया कि रेहड़ी, ठेला, पटरी, मोची आदि को पांच हजार करोड़ रूपये की सुविधा दी जायेगी। जिसमें 5 करोड़ का प्रावधान किया है। जिसमें 50 लाख परिवार लाभन्वित होंगे। मनरेगा श्रमिकों के लिए 10 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। जिसमें पूरे उत्तर प्रदेश में लाखों जरूरतमंद श्रमिकों को लाभ मिलेगा, और पूरे भारत में अब तक 2 करोड़ 33 लाख श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार मिला है।

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भराला ने आगे बताया कि आज से अनाज व चना वितरण कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है तथा श्रमिकों और जरूतदमंद परिवारों के लिए एक देश एक राशन कार्ड योजना प्रारम्भ हो गयी। देश में 67 करोड़ लोग व प्रदेश में लगभग 1 करोड़ लाभन्वित होंगे। श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 182 रूपये से बढ़ाकर 202 रूपये करने का प्रावधान किया गया है। जिसमें मनरेगा श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी, मिलनी प्रारम्भ हो जायेगी। 10 कर्मकारों वाली कारखानें को ई.एस.आई. से जोड़ दिया गया है। यह योजना भी श्रमिकों के लिए रामबाण साबित होगी। भारत में 3500 करोड़ रूपये का प्रावधान प्रवासी श्रमिकों के लिए किया गया है। जिसमें 8 करोड़ श्रमिक पूरे भारत व लगभग 50 लाख श्रमिक उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को लाभ मिलेगा।

राज्य मंत्री ने वीडयो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक में श्रमिक नेताओं को दिए निर्देश

भराला ने श्रमिक नेताओं और सभी सदस्यों को बताया कि एम.एस.एम.ई. का लाभ उत्तर प्रदेश के तमाम ऐसें परिवारो को रोजगार सृजन के रूप में मिलगा। पूर्व में लगु उद्योग के लिए 25 लाख रूपये तक की सीमा थी इसे बढाकर 1 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससें भी श्रमिकों को लाभ मिलेगा, तथा मुद्रा शिशु लोन योजना जरूरतमंदो और श्रमिक परिवारो को 50 हजार रूपये का लोन 2 प्रतिषत की ब्याज की छूट के आधार पर मिलेगा। वहीं वीडियो कांफ्रेंस बैंठक में श्रमिक नेताओं व परिषद के सदस्यों को जनजागरण अभियान को तेज करने के लिए आदेश देते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि जरूरतमंद श्रमिक परिवारों को अत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाओं का लाभ दिलाया जाये।

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साथ ही साथ उत्तर प्रदेश में जो भी श्रमिक अन्तर राज्य तथा अन्तर जनपदीय से रास्ते मे पैदल चल रहे हैं। उन्हें गणतत्व पहुंचाने के लिए संकल्प लेकर साहयता करनी चाहिए। 12 लाख से अधिक पर श्रमिक राज्य में अपने घर सकुशल पहुंच गये है। बैंठक में गन्ना मिलों में कार्य कर रहे श्रमिकों की वेतन काटने का मुद्दा उठा उसे संज्ञान लेकर प्रमुख सचिव सुरेश चन्द्रा एवं श्रम आयुक्त सुधीर बोबड़े जी को निर्देष देते हुए कहा कि जो उद्योगों में काम कर रहें श्रमिकों का वेतन न काटा जायें।

सादिक़ खान

Aradhya Tripathi

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