TRENDING TAGS :
गायत्री प्रजापति पर FIR, अब फंसे आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में
प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की मुसीबतें कम नहीं हो पा रही हैं। अब एक और मुसीबत सामने खडी हो गयी है। विजिलेंस ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है।
लखनऊ: प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की मुसीबतें कम नहीं हो पा रही हैं। अब एक और मुसीबत सामने खडी हो गयी है। विजिलेंस ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। गायत्री पर करोडों की सम्पत्ति अपने नाम करने के आरोप लग चुके हैं।
ये भी पढ़ें: दिखी योगी की सादगी: आंवले के पेड़ के नीचे किया भोजन, रवि किशन भी रहे मौजूद
21 बेनामी संपत्तियों के मालिक
इसके बाद विजिलेंस ने अपनी खुली जांच की रिपोर्ट शासन को सौंपी थी जिसके बाद शासन से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज की है। जानकारी के अनुसार जांच के दौरान गायत्री के पास 21 बेनामी संपत्तियों को उनके नाम से बताया जा रहा हे। प्रजापति से संबंधित बताई जा रही हैं। इसमें से 11 कंपनियां गायत्री प्रजापति के नाम पर बताई जा रही हैं, तो बाकी कंपनियां पत्नी और बेटे के नाम पर हैं।
दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती गयी गायत्री प्रजापति की संपत्ति
साल 2002 में गायत्री प्रजापति ने विधायक का चुनाव लड़ने के लिए जो हलफनामा दिया था उसमें उनकी कुल संपत्ति 91,436 बताई थी। साल 2012 में सपा से अमेठी के लिए टिकट जीतने के बाद से प्रजापति अरबों के मालिक बन गए हैं। वर्ष 2012 में जीत के बाद 28 जुलाई 2013 को प्रजापति को खनन मंत्री बना दिया गया। इसके बाद से गायत्री प्रजापति की सम्पत्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती गयी।
ये भी पढ़ें: भड़के UP के किसान: पंजाब-हरियाणा के बाद यहां तैयारी, दिल्ली की ओर करेंगे कूच
साल 2012 के विधानसभा चुनाव के लिए भरे पर्चे के साथ लगे हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 1.81 करोड़ बताई। यह संपत्ति बाद में बढकर 942.57 करोड़ रुपए तक हो गई। उनके पास कई बंगले, गाडी, फार्म हाउस सहित सैकड़ों करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति भी बताई गयी है। इसके अलावा गायत्री प्रजापति के बेटे पर आरोप है कि उन्होंने शेल कंपनियों के जरिए मोहनलालगंज में करोड़ों की संपत्तियां खरीदी हैं। इसके अलावा खनन घोटाले के मामले में भी उनसे पूछताछ हो चुकी है।
श्रीधर अग्निहोत्री