Etah News: देश के पहले रेल राज्यमंत्री का बेटा जमीन घोटाले में फंसा, 73 साल बाद दर्ज हुआ एफआईआर

Etah News: लेखपाल की तरफ से दर्ज कराए गए एफआईआर के मुताबिक करीब 70 हेक्टेयर से अधिक जमीन की हेराफेरी कर जमीन को बेच दिया। तहसील सदर के लेखपाल राधेश्याम की ओर से कोतवाली नगर में दायर कराए गए मुकदमें में कहा गया है कि सर्वोदय आश्रम ट्रस्ट के सर्वराकार रोहनलाल चतुर्वेदी के नाम वर्ष 1939 में 1189.28 एकड़ भूमि थी।

Durgesh Bhatt
Published on: 6 April 2023 10:49 PM GMT
Etah News: देश के पहले रेल राज्यमंत्री का बेटा जमीन घोटाले में फंसा, 73 साल बाद दर्ज हुआ एफआईआर
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(Pic: Social Media)

Etah News: रेल राज्यमंत्री रोहनलाल चतुर्वेदी के बेटे मनोज चतुर्वेदी सहित दो लोगों पर जमीन घोटाले का केस दर्ज हुआ है। लेखपाल की तरफ से दर्ज कराए गए एफआईआर के मुताबिक करीब 70 हेक्टेयर से अधिक जमीन की हेराफेरी कर जमीन को बेच दिया। तहसील सदर के लेखपाल राधेश्याम की ओर से कोतवाली नगर में दायर कराए गए मुकदमें में कहा गया है कि सर्वोदय आश्रम ट्रस्ट के सर्वराकार रोहनलाल चतुर्वेदी के नाम वर्ष 1939 में 1189.28 एकड़ भूमि थी। हाल में रोहनलाल चतुर्वेदी के पुत्र मनोज चतुर्वेदी के नाम 70.595 हेक्टेयर जमीन है। इसमें से काफी जमीन बेच दी गई है। डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया हैं।

सर्वोदय आश्रम ट्रस्ट की जमीन की कागजी जांच तहसील एटा से करायी गयी। शेष गाटों में भूलेखीय स्थिति की जांच अभिलेखागार में मौजूद दस्तावेजों तथा तहसील में उपलब्ध कागजों की जांच की गई। सर्वोदय आश्रम एटा के नाम वर्तमान खतौनी में बतौर संक्रमणिय भूमिधर अंकित है, जबकि 1347 फसली में सभी गाटे बंजर की श्रेणी में दर्ज है। इसके बाद इन गाटों पर कोई चकबन्दी नहीं हुई। इससे स्पष्ट है कि 1347 के दर्ज गाटा संख्या में ही स्वामित्व का ही हेर फेर किया गया है। जांच कमेटी को 19 फरवरी 1951 को निस्पादित एक डीड की छायाप्रति की एक संलग्न कॉपी मिली। इसमें रोहनलाल पुत्र ज्वालाप्रसाद की तरफ से उक्त सारणी के सभी गाटो को डीड के माध्यम से ट्रस्ट सर्वोदय आश्रम को दे दिया गया है।

कूंचा में बेची की गई जमीन भी अवैध

नॉन जेडए गाटा संख्या 1035 में रोहनलाल चतुर्वेदी के पुत्र के तौर पर मनोज चतुर्वेदी की ओर से भूमि के जो मोहल्ला तिवारियान चतुर्वेदी कम्पाउण्ड, पटियाली गेट एटा में स्थित है के बैनामा किये गये। इसमें न्यायालय ने स्टॉम्प कमी की जांच तहसील को भेजी। एटा शहर में जमीन आबादी के तौर पर दर्ज है तथा नॉन जेडए भूमि के रूप में अंकित है। इसलिए इस जमीन का बैनामा कानून के विरूद्ध है।

यह है नरेंद्र और मनोज चतुर्वेदी पर आरोप

मनोज चतुर्वेदी तथा उनके गुजर चुके पिता की ओर से एटा में मौजूद उपरोक्त जमीन जोकि गांवसभा या बंजर जमीन थी। इस अवैध रूप से कब्जा कर कृषि कार्य चल रहा था। मंत्री नरेन्द्र देव उपाध्याय पुत्र बहोरीलाल उपाध्याय निवासी सुनहरी नगर की तरफ से उक्त सरकारी जमीन का बैनामा करवाया। इस अपराध में मनोज चतुर्वेदी और नरेन्द्र देव उपाध्याय मुख्य रूप से दोषी है। इस सरकारी जमीन पर अवैध रूप से क्रय-विक्रय करने के सम्बन्ध में को नोटिस जारी किया गया।

नोटिस के बाद तथा न्यायालय एएसडीएम के आदेशों के बाद भी उक्त व्यक्तियों की ओर सरकारी जमीन से अपना अवैध कब्जा नहीं हटाया गया। विक्रय पत्रों में विक्रेता सर्वोदय आश्रम एटा की तरफ अधिकृत प्रतिनिधि एवं मन्त्री नरेन्द्र देव उपाध्याय की ओर से सम्पत्ति का ट्रांसफर किया गया है। नरेन्द्र देव उपाध्याय को ट्रस्ट का अधिकृत प्रतिनिधि नियुक्त किये जाने के सम्बन्ध में कोई कागजी साक्ष्य नही दिए गए है।

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