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ये है उस महिला अधिवक्ता की कहानी जिसे फूल मालाएं पहनाई जा रही थी और हो गई हत्या

दो दिन से जिस महिला अधिवक्ता दरवेश यादव को बधाई मिल रही थी, रास्ते में रोक कर फूल मालाएं पहनाई जा रही थी क्या उस हस्ती को ये जरा सा भी एहसास था कि ये दिन उनकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा।

Anoop Ojha
Published on: 13 Jun 2019 7:27 AM GMT
ये है उस महिला अधिवक्ता की कहानी जिसे फूल मालाएं पहनाई जा रही थी और हो गई हत्या
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आगरा: दो दिन से जिस महिला अधिवक्ता दरवेश यादव को बधाई मिल रही थी, रास्ते में रोक कर फूल मालाएं पहनाई जा रही थी क्या उस हस्ती को ये जरा सा भी एहसास था कि ये दिन उनकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा।

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जिस शहर में रहकर महिला अधिवक्ता दरवेश यादव ने नाम कमाया। पहचान बनाई, उसी शहर में बुधवार को उसकी ​जिंदगी का आखिरी दिन होगा।

दर असल सम्मान समारोह के बाद दरवेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा के चैंबर में बैठी थीं। तभी एडवोकेट मनीष शर्मा वहां पहुंचा और पिस्तौल निकालकर दरवेश पर तीन गोलियां दाग दी। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता, उसने खुद को भी एक गोली मार ली और सब खत्म हो गया।

दरवेश को एक गोली सिर में और एक गोली सीने में लगी थी, वो खून लथपथ जमीन पर गिर पड़ी थीं। हॉस्पिटल में ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इस तरह से दो दिन पहले ही यूपी बार काउंसिल की चेयरमैन बनी दरवेश की जिंदगी अंतिम सफर के लिए चल पड़ी।

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कौन थी दरवेश सिंह यादव

दरवेश मूल रूप से यूपी के एटा जिले की रहने वाली थीं। उनके पिता पुलिस में डिप्टी एसपी रहे थे। दरवेश सिंह ने आगरा कॉलेज से पहले एलएलबी किया और फिर एलएलएम। वर्ष 2004 से ही दरवेश यादव आगरा की दीवानी कचहरी में प्रैक्टिस कर रही थीं। 2016 में वह बार काउंसिल की उपाध्यक्ष भी रही थीं। 2017 में दरवेश बार काउंसिल की कार्यकारी चेयरमैन भी रह चुकी थीं। इसके बाद साल 2018 में हुए बार काउंसिल के चुनाव में दरवेश दूसरी बार सदस्य चुनी गईं थी।

यूपी बार काउंसिल की पहली महिला चेयरमैन एडवोकेट दरवेश

9 जून को प्रयागराज में यूपी बार काउंसिल का चुनाव हुआ। जिसमें चेयरमैन पद के लिए आगरा की एडवोकेट दरवेश और हरिशंकर सिंह को 12-12 बराबर वोट मिले। इसके बाद बराबर मत के आधार पर दोनों को छह-छह माह के लिए चुन लिया गया। परंपरा और सहमति के आधार पर दरवेश सिंह यादव को पहले छह माह और हरिशंकर सिंह को शेष छह माह के लिए चेयरमैन निर्वाचित किया गया था। बताया जा रहा है कि वह यूपी बार काउंसिल की पहली महिला चेयरमैन थीं।

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क्यों बन बैठा मनीष कातिल ?

आरोपी अधिवक्ता मनीष शर्मा और दरवेश सिंह यादव के बीच बहुत पुरानी दोस्ती थी। तो फिर आखिर मनीष ने दरवेश का कत्ल क्यों किया।ये सवाल उठना लाजिमी है।

तस्वीरों में दरवेश के साथ दिख रहा था. वो आधे घंटे में ही कातिल कैसे बन गया। कैसे वो अपनी जान का भी दुश्मन बन गया। इन सभी सवालों के जवाब मिलना अभी बाकी है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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