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बाढ़ में फंसा यूपीः उफनाती नदियों की चपेट में सैकड़ों गांव
राज्य सरकार ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए बांधों का निरीक्षण करने तथा तटबंधों को सुरक्षित करने के उपाय समय से सुनिश्चित करने को कहा है
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: राज्य सरकार ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए बांधों का निरीक्षण करने तथा तटबंधों को सुरक्षित करने के उपाय समय से सुनिश्चित करने को कहा है, ताकि नदी के किनारे के गांवों को बाढ़ की विभीषिका से बचाया जा सके।
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने आज यहां लोकभवन में प्रेस वार्ता में बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारी को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिये गये हैं। जनपदों द्वारा ऊपरी क्षेत्रों में स्थित विभिन्न बांधों जलाशय से पानी छोड़े जाने की सूचना निरन्तर जानकारी रखने के साथ-साथ बाढ़ से बचाव के लिए सभी तैयारियां पूर्व से ही सुनिश्चित करें।
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फ़िलहाल सभी तटबंध सुरक्षित
गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित हैं। प्रदेश में बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 7 टीमें इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी हैं। 644 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
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गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। 262 मेडिकल टीम लगायी गयी हैं। बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 300 बाढ़ शरणालय तथा 735 बाढ़ चैकी स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर) के 517 गांवों बाढ़ से प्रभावित है।
ये नदिया खतरे के निशान से ऊपर
शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुर खीरी, सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार बलिया में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 200 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6,17,920 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 1608 कुंतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है।
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