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झांसी: अच्छी पैदावार के लिए बेहद जरूरी ये, जानें क्या है भूमि का हीमोग्लोबिन
जिस तरह हमारे शरीर के खून में हीमोग्लोबिन होता है, ठीक उसी तरह से भूमि का हीमोग्लोबिन जीवांश कार्बन/ ह्यूमस है। यदि हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाए ,तो हम कमजोर हो जाते हैं, और कोई काम नहीं कर पाते।
झांसी: जिस तरह हमारे शरीर के खून में हीमोग्लोबिन होता है, ठीक उसी तरह से भूमि का हीमोग्लोबिन जीवांश कार्बन/ ह्यूमस है। यदि हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाए ,तो हम कमजोर हो जाते हैं, और कोई काम नहीं कर पाते। ठीक इसी तरह यदि भूमि में जीवांश कार्बन/ ह्यूमस कम हो जाए तो भूमि भी कमजोर हो जाती है। जिसकी वजह से अच्छी पैदावार नहीं दे पाती। फिर चाहे हम कितना भी उर्वरक क्यों न डालें , तब भी अच्छी पैदावार नहीं होगी। बुंदेलखंड की माटी की कमोबेश यही स्थिति है। यहां की भूमि का हीमोग्लोबिन यानि जीवांश कार्बन अति न्यून स्तर पर पहुंच गया है। यदि समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो स्थिति बहुत बिगड़ सकती है।
पौधों को खुराक उपलब्ध कराने में जीव सहायक
कृषिविद् रागिब अली का कहना है कि अच्छी पैदावार लेने के लिए ही हम भूमि में मुख्यत: डीएपी., यूरिया व पोटाश उर्वरक डालते हैं। जड़ें नमी की अवस्था में घोल के रूप में अपनी खुराक भूमि से लेती हैं। पौधों को खुराक उपलब्ध कराने में भूमि में मौजूद जीवांश कार्बन व सूक्ष्म जीव सहायक होते हैं। अब यदि भूमि में जीवांश कार्बन व सूक्ष्म जीव पर्याप्त मात्रा में है, तो पौधों को खुराक आसानी से मिलती रहती है। और पैदावार अच्छी होती है। याद रहे सूक्ष्म जीव भूमि में जीवांश कार्बन और नमी की उपलब्धता में ही सक्रिय रहते हैं।
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इस कारण नहीं हो पाती अच्छी पैदावार
हमने पहले से ही किया यह है कि भूमि में शोधन करने में, व कीट/ रोग नियंत्रण करने में इतना रसायन भूमि में डाला है, कि भूमि में रहने वाले सूक्ष्म जीव मर चुके हैं। भूमि में ऐसे बहुत से पोषक तत्व (खुराक) पहले से मौजूद हैं , जो सूक्ष्म जीवों द्वारा पौधों को प्राप्त होते हैं। परंतु सूक्ष्म जीव मर जाने के कारण भूमि में उपलब्ध खुराक पौधों को नहीं मिल पाती, जिस कारण पैदावार अच्छी नहीं होती है।
पैदावार बढ़ाने के लिए हम यूरिया, डीएपी व पोटाश इत्यादि उर्वरकों की मात्रा बढ़ाते चले जाते हैं ,परन्तु भूमि में जीवांश कार्बन और सूक्ष्म जीवों की संख्या बढाने व उन्हें जीवित रखने की तरफ हमारा कोई ध्यान नहीं जाता है। याद रहे, यदि हम उर्वरकों कि मात्रा बढ़ाते रहेंगे , तो एक स्तर पर आकर पैदावार रुक जाएगी ।फिर चाहे हम कितना ही उर्वरक क्यों न डालें, पैदावार नहीं बढ़ेगी। पैदावार नहीं बढ़ने का कारण भूमि में जीवांश कार्बन/ ह्यूमस और सूक्ष्म जीवों का पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होना ही है। पैदावार बढ़ाने के लिए हमें रसायनिक उर्वरकों की मात्रा बढ़ाने के बजाए भूमि में जीवांश कार्बन और सूक्ष्म जीवों की उपलब्धता बढ़ाने की तरफ ध्यान देना चाहिए।
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इस उपाए को अपनाए
किसानों भाइयों को चाहिए, कि वह अपने खेतों में जीवांश कार्बन/ ह्यूमस की मात्रा को बढ़ाएं और सूक्ष्म जीवों की उपलब्धता को भी बढ़ाएं। इसके लिए हमें अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट, हरी खाद, गोबर की खाद, जैविक खाद के प्रयोग के साथ- साथ खेत में फसल अवशेषों को भी छोड़ना होगा। इसके अलावा अपने खेतों की मोटी -मोटी मेड बनाकर उन पर पेड़ लगाए। फसल चक्र अपनाएं व जलाशयों का निर्माण करें, साथ ही रासायनिक उर्वरकों व फसल सुरक्षा रसायनों का प्रयोग धीरे- धीरे कम करके बंद करें, तभी फसल पैदावार बढ़ सकती है।
बीके कुशवाहा
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