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गंगा एक्सप्रेसवे: यूपीडा ने जारी की पहली किस्त, रायबरेली को मिले 35 करोड़ रुपये
रायबरेली, मेरठ से प्रयागराज तक करीब 596 किलोमीटर बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहीत करने का काम शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीडा ने 12 जिलों के किसानों से जमीन लेने के लिए 340 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।
रायबरेली: मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर 12 जिलों के डीएम को पत्र मिला है। रायबरेली, मेरठ से प्रयागराज तक करीब 596 किलोमीटर बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहीत करने का काम शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीडा ने 12 जिलों के किसानों से जमीन लेने के लिए 340 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।
15 हजार किसानों की जमीन लेने के लिए मिले 35 करोड़
इसमें रायबरेली को करीब 15 हजार किसानों की जमीन लेने के लिए 35 करोड़ मिले हैं। यह एक्सप्रेस-वे जिले में एक हजार हेक्टेयर जमीन से होकर गुजरेगा। 65 गाँव होंगे सामिल रायबरेली में 77 किलोमीटर का रहेगा सफर। वही रायबरेली के चार तहसील की जमीन है सामिल लालगंज के 15 गाँव, डलमऊ के 25 गाँव ऊँचाहार के21 गाँव सलोन के 4 गाँव शामिल हैं।
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सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक की यात्रा को और सुगम करने के लिए गंगा किनारे एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित किया गया। यह एक्सप्रेस-वे जिले की लालगंज, डलमऊ, ऊंचाहार व सलोन तहसील क्षेत्र के गंगा कटरी के गांवों से होकर निकलेगा। पिछले सप्ताह यूपीडा के विशेष कार्याधिकारी सीआर पटेल ने यहां आकर अब तक जिले स्तर पर की गई तैयारियों की समीक्षा करने के साथ ही किसानों की जमीन चिन्हित करके भूमि अधिग्रहीत करने का काम शुरू करने का आदेश दिया था।
यूपीडा ने जारी किया बजट
मेरठ से प्रयागराज तक गंगा के किनारे के किसानों की जमीन परचेज करने के लिए यूपीडा ने बजट जारी कर दिया है। एक्सप्रेस-वे में आने वाले 12 जिलों के लिए जारी किए गए 340 करोड़ रुपये में जिले को 35 करोड़ दिए गए है। बजट मिलने के साथ ही जिले में किसानों की जमीन अधिग्रहीत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। जिले के गंगा कटरी क्षेत्र की तहसीलों से करीब एक हजार हेक्टेयर की जमीन से होकर गंगा एक्सप्रेस-वे होकर निकलेगा।
एडीएम प्रशासन राम अभिलाष
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इसमें काफी जमीन ऐसी भी जो ग्राम पंचायत व सरकारी है। इन जमीन के लिए प्रशासन से बजट नहीं खर्च करना होगा। एक हजार हेक्टेयर में किसानों की पडऩे वाली जमीन को चिन्हित कराने के लिए तहसीलों से जांच कराई जा रही है। इसी सप्ताह रिपोर्ट आ जाएगी। हालांकि 15 हजार किसानों से गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन ली जाएगी। तहसीलों में किसानों की जमीन चिन्हित करने का काम तेजी से चल रहा है। वही एडीएम प्रशासन राम अभिलाष ने बताया की 15000 किसानों की जमीन सीधे किसानों से खरीदा जाएगा इसमें 65 गांव शामिल हैं 987 हेक्टेयर होगी जमीन ली जायेगी।
रिपोर्ट: नरेन्द्र सिंह रायबरेली