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विकास दुबे ने US आर्मी की राइफल से चलाई थी गोलियां, प्रथम विश्वयुद्ध में हुई थी इस्तेमाल?

जिस राइफल के दम पर अमेरिकी सेना ने पहले विश्वयुद्ध में अपने दुश्मन देशों से लोहा लिया था, उसी राइफल से गैंगस्टर विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों पर कहर बरपाया था। जिसमें आठ पुलिसवालों की जान गई थी।

SK Gautam
Published on: 5 March 2021 4:04 PM IST
विकास दुबे ने US आर्मी की राइफल से चलाई थी गोलियां, प्रथम विश्वयुद्ध में हुई थी इस्तेमाल?
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विकास दुबे ने US आर्मी की राइफल से चलाई थी गोलियां, प्रथम विश्वयुद्ध में हुई थी इस्तेमाल

लखनऊ: पिछले साल जुलाई के महीने में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए बिकरु कांड ने पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया था। उस कांड से संम्बंधित एक नया खुलासा हुआ है जिसमें बताया जा रहा है कि जिस राइफल के दम पर अमेरिकी सेना ने पहले विश्वयुद्ध में अपने दुश्मन देशों से लोहा लिया था, उसी राइफल से गैंगस्टर विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों पर कहर बरपाया था। जिसमें आठ पुलिसवालों की जान गई थी। अब सवाल यह उठता है कि अमेरिका की ये राइफल विकास दुबे और उसके साथियों तक कैसे पहुंची?

गनहाउस संचालक ने राइफल के ऑटोमेटिक फंक्शन को निष्क्रिय नहीं किया था

बता दें कि बिकरू कांड में इस्तेमाल हुई विकास दुबे के भांजे शिव तिवारी की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड राइफल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार गनहाउस संचालक ने राइफल के ऑटोमेटिक फंक्शन को बिना निष्क्रिय किए ही उसे बेचा था। एसटीएफ ने शिव तिवारी की जो राइफल बरामद की है उसमें ऑटोमेटिक फंक्शन सक्रिय मिला है। यानी कि इस राइफल को विकास दुबे और उसके साथियों ने गनहाउस के माध्यम से हासिल किया था।

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एसटीएफ ने जिला प्रशासन और पुलिस को संचालक पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी है। पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि अमेरिकी स्प्रिंगफील्ड राइफल को गन हाउस से कैसे बेचा गया जबकि इसे विशेष परिस्थितियों में ही लाइसेंसधारी को बेचा जा सकता है।

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सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड राइफल प्रतिबंधित हथियार है

सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड राइफल प्रतिबंधित हथियार है। लाइसेंसी हथियार के रूप में उसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है।विशेष परिस्थियों में बेचने से पहले इस राइफल का ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रिय कर दिया जाता है जिसके बाद यह साधारण राइफल बनकर रह जाती है और तब इसे लाइसेंसी हथियार के रूप में रखा जा सकता है

सक्रिय स्प्रिंगफील्ड राइफल की मैग्जीन में एक बार में 10 कारतूस

अमेरिकी सेना प्रथम विश्वयुद्ध में इसी राइफल के साथ उतरी थी। सक्रिय स्प्रिंगफील्ड राइफल की मैग्जीन में एक बार में 10 कारतूस भरकर लगातार इन्हें चलाया जा सकता है। माना जा रहा है कि इसीलिए बिकरू में विकास दुबे का गैंग पुलिस पर भारी पड़ी और विकास दुबे और उसके साथियों के पास मौजूद दो-दो स्प्रिंगफील्ड राइफल ने पुलिस को कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिए।

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गन हाउस संचालक के ऊपर कार्रवाई की जाएगी

डीआईजी कानपुर प्रीतिन्दर सिंह का कहना है कि इस बात की जांच की जा रही है कि गन हाउस संचालक ने जब इस राइफल को बेचा, तब इसका ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रि‍य था या नहीं। अगर विकास ने खुद राइफल को मॉडिफाइड कराया तो ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

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