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माया-अखिलेश का बड़ा घोटालाः अब सीएम योगी कसेंगे शिकंजा, नहीं बचेगा कोई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार में एक और घोटाला सामने आया है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद अप्रैल 2017 में लिए गए एक निर्णय के बाद बड़ी अनियमितता सामने आई है।

Newstrack
Published on: 9 Sep 2020 7:51 AM GMT
माया-अखिलेश का बड़ा घोटालाः अब सीएम योगी कसेंगे शिकंजा, नहीं बचेगा कोई
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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में हुआ 572.48 करोड़ का घोटाला, सीएम कसेंगे कसा शिकंजा (file photo)

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मायावती व अखिलेश सरकारों का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यह घोटाला प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद अप्रैल 2017 में ऑडिट कराने के निर्णय के चलते उजागर हुआ है। इसमें पिछली सरकारों के दौरान विकासकर्ताओं को पहुंचाए गए लाभ से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को 572.48 करोड़ रुपए की हानि हुई है। यह सभी मामले 2010 से 2013 के दौरान तीन साल में हुए हैं। योगी सरकार अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

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योगी सरकार महा लेखाकार की रिपोर्ट के आधार कार्यवाही करने की तैयारी में है

यह सभी मामले 2010 से अक्टूबर, 2013 के पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल का है। अब योगी सरकार महा लेखाकार की रिपोर्ट के आधार कार्यवाही करने की तैयारी में है। भू उपयोग परिवर्तन शुल्क लगाए बिना महायोजना में इंगित भू उपयोग में परिवर्तन करके पूर्ववर्ती राज्य सरकारों ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की लागत पर विकासकर्ताओं को 572.48 करोड़ रुपए का अनुचित लाभ अनुमन्य किया।

भूमि के लिए विकासकर्ताओं की लेआउट योजनाओं को अनुमोदित किया था

महा लेखाकार की ऑडिट में विकासकर्ताओं को पहुंचाए गए अनुचित लाभ से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को हुई 572.48 करोड़ रुपए की हानि का प्रकरण अक्टूबर, 2010 से अक्टूबर, 2013 के पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल का है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण सहित आवास एवं शहरी नियोजन विकास के अधीन गठित प्राधिकरणों, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण तथा उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की महालेखाकार (आर्थिक एवं राजस्व सेक्टर ऑडिट) से सम्परीक्षा कराने के सम्बन्ध में लेखा परीक्षा में यह तथ्य उजागर हुआ कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने 4722.19 एकड़ भूमि के लिए विकासकर्ताओं की लेआउट योजनाओं को अनुमोदित किया था।

Ghaziabad Development Authority Ghaziabad Development Authority (social media)

इसमें उप्पल चड्ढा हाइटेक डेवलपर्स प्रा0लि0 (अक्टूबर, 2010 से अक्टूबर, 2013) के लिए 4004.25 एकड़ तथा सन सिटी हाई-टेक इन्फ्रा प्रालि (जुलाई, 2011) के लिए 717.94 एकड़ की जमीन शामिल थी। इसमें से 3702.97 एकड़ भूमि (उप्पल चड्ढा हाइटेक डेवलपर्स प्रा0लि0 की 2985.03 एकड़ तथा सन सिटी हाई-टेक इन्फ्रा प्रा0लि0 की 717.94 एकड़) महायोजना 2021 में हाई-टेक टाउनशिप के रूप में सांकेतिक रूप से चिन्हित थी, जिस पर विकासकर्ताओं द्वारा 572.48 करोड़ रुपए का भूउपयोग परिवर्तन शुल्क देय था।

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तत्कालीन राज्य सरकार के 23 अप्रैल, 2010 के आदेश के कारण यह शुल्क नहीं लगाया गया

तत्कालीन राज्य सरकार के 23 अप्रैल, 2010 के आदेश के कारण यह शुल्क नहीं लगाया गया। इस प्रकार कृषि भूमि का भू उपयोग बिना भू उपयोग परिवर्तन शुल्क लगाए आवासीय भूमि में परिवर्तित कर दिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि विकासकर्ताओं को अनुचित लाभ दिया गया और प्राधिकरण को 572.48 करोड़ रुपए की हानि हुई।

गौरतलब है कि 2010 में मायावती की सरकार थी तथा 2012 से अखिलेश यादव की सरकार आ गई थी।

श्रीधर अग्निहोत्री

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