TRENDING TAGS :
Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना
Mukhtar Ansari: गाजीपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अफजाल पर दो बजे तक फैसला आएगा।
Mukhtar Ansari: गाजीपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को कृष्णानंद राय हत्याकांड में गैंगस्टर एक्ट के तहत 10 साल की सजा सुनाई है। पांच लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही गाजीपुर से अफजाल पर दो बजे फैसला आएगा। गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट आज फैसला सुना दिया। अफजाल अंसारी कोर्ट पहुंचे वहीं, मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए जुड़े। इसके मद्देनजर अदालत के बाहर भारी बल में पुलिस की तैनाती की गई। एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को कृष्णानंद राय हत्या मामले में 10 साल की सजा सुनाई और पांच लाख जुर्माना लगाया।
पूर्व डिप्टी सीएम में किया कोर्ट के फैसले का स्वागत
उत्तर प्रदेश पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि कोर्ट के फैसले क स्वागत है। प्रदेश में माफियाओं और अपराधियों पर कानून का शिकंजा कस रहा है। अपराध करने वालों की खैर नहीं है। न्यायालय में हर अपराध की सजा सुनाई जाएगी।
Also Read
गवाहों के अभाव में बरी हो चुके हैं दोनों भाई
बता दें कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दर्ज केस के आधार पर अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था। वहीं, माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खिलाफ भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या के मामले में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज है। दोनों भाईयों के खिलाफ 22 नवंबर 2007 को मुहम्मदाबाद थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। 2019 में अफजाल अंसारी गवाहों के मुकर जाने के चलते कृष्णानंद राय हत्या के मामले में बरी हो चुके हैं। जबकि मुख्तार अंसारी कृष्णानंद राय और नंदकिशोर रुंगटा दोनों ही हत्याकांड में बरी हो गया था। दोनों भाई गवाहों के अपने बयान से मुकर जाने के चलते बरी हुए थे।
2005 में हुई थी भाजपा विधायक की हत्या
मुख्तार अंसारी और उसके बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी पर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। 29 नवंबर 2005 के मुहम्मदाबाद थाने के बसनिया चट्टी में बीजेपी विधायक समेत 7 लोगों को गोलियों से भून दिया गया था। बताया जाता है कि ये हत्या माफिया मुख्तार के इशारे पर ही हुई थी। दरअसल, गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर अंसारी परिवार का वर्चस्व रहा करता था, जिसे 2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने खत्म कर दिया था। राय ने उस चुनाव में मौजूदा सांसद और मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को हरा दिया था। बताया जाता है कि भाई की हार पर मुख्तार बौखला गया था और जिसके बाद ये घटना हुई। हत्याकांड के समय मुख्तार जेल में बंद था। लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद सीबीआई ने सभी आरोपियों जिसमें अफजाल अंसारी, संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी, राकेश पांडे को बरी कर दिया था। बाद में मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कर दी गई थी। गैंगस्टर एक्ट के तहत एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे इस केस में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड केस गैंग चार्ट में शामिल है। जबकि नन्दकिशोर रूंगटा के अपहरण और हत्या का केस भी गैंग चार्ट में शामिल है।