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गिरीश चंद्र त्रिपाठी बोले, किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं है गीता, सभी धर्माों का मूल है

प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं है। वो सभी धर्माों का मूल है। महामना मालवीय पर विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे।

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Published on: 25 Dec 2020 4:33 PM GMT
गिरीश चंद्र त्रिपाठी बोले, किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं है गीता, सभी धर्माों का मूल है
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प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं है। वो सभी धर्माों का मूल है। उन्होंने कहा कि मालवीय बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे।

लखनऊ: राजधानी गोमती नगर के महामना मालवीय विद्या मंदिर में आज महामना मालवीय मिशन द्वारा 5159वीं श्रीमद्भगवद्गीता जयंती, 159वीं मालवीय जयंती तथा 96वीं अटल जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लगभग 3 घंटे तक श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ हुआ जिसमें उपस्थित समस्त दर्शकों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी, पूर्व कुलपति, बीएचयू तथा वर्तमान में अध्यक्ष, उच्च शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश एवं मुख्य वक्ता प्रभु नारायण, राष्ट्रीय अध्यक्ष, महामना मालवीय मिशन थे।

समारोह की अध्यक्षता महामना मालवीय मिशन, लखनऊ के अध्यक्ष डाॅ एके त्रिपाठी ने किया। डाॅ एके त्रिपाठी राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक हैं और वर्तमान में वह केजीएमयू में प्रोफेसर हैं। एके त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि महामना मालवीय मिशन का उद्येश्य शिक्षा, सेवा तथा संस्कृति की रक्षा करना है।

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इस अवसर पर मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रभु नारायण ने गीता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह जीवन के हर क्षेत्र में रास्ता दिखाती है किसी विषय पर कोई रास्ता न मिले तो गीता का स्मरण करें तो उसमें उसका हल मिल जाएगा। इसके बाद मालवीय मिशन, लखनऊ शाखा के महासचिव डाॅ पीके सिंह तथा राष्ट्रीय सचिव आरएन वर्मा ने महामना के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु स्थापित मालवीय मिशन का परिचय एवं गतिविधियों की जानकारी दी। दोनों ने बताया कि मालवीय मिशन महामना के बताए रास्तों के अनुरूप सेवा, शिक्षा और संस्कार को विकसित करने हेतु संकल्पित है और तद्नुसार उन क्षेत्रों में कार्य कर रही है।

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मुख्य अतिथि प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं है। वो सभी धर्माों का मूल है। महामना मालवीय पर विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे जिन्होने समाज सेवा, शिक्षा, संस्कार, पत्रकारिता, वकालत तथा राजनीति सहित अनेक क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी और आदर्श प्रस्तुत किए। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमें वे चरम उत्कर्ष पर न पहुचें हो। समाज सेवा हो, वकालत हो, शिक्षा का क्षेत्र हो या राजनीति हो सभी में वे क्षेत्र के शिखर पर पहुंचे। उन्होंने मालवीय मिशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी संस्थाएं ही भारतीय संस्कृति की रक्षा करने में सक्षम हैं।

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इस अवसर पर डाॅ आरके वर्मा एमबीबीएस, एमएस, एफआईसीएस, एलएलबी का नागरिक अभिनंदन भी किया गया। उनके निस्वार्थ सेवा भाव को देखते हुए मिशन द्वारा उनका अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए एवं वार्षिक पत्रिका ‘जागृति’ का विमोचन भी हुआ।

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