TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अस्पताल बना बच्ची के मौत का कारण, परिजनों ने जमकर काटा बवाल

बेटी की मौत से गुस्साये परिजन चिकित्सक की लापरवाही का आरोप लगाते हुए पेट्रोल डालकर अस्पताल को आग के हवाले करने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने विफल कर दिया।

Newstrack
Published on: 19 Nov 2020 6:29 PM IST
अस्पताल बना बच्ची के मौत का कारण, परिजनों ने जमकर काटा बवाल
X
अस्पताल बना बच्ची के मौत का कारण, परिजनों ने जमकर काटा बवाल

जौनपुर: लाइन बाजार थाना क्षेत्र के मुहल्ला उमरपुर स्थित सिटी स्टेशन रोड पर ईशा अस्पताल में भर्ती 9 साल के बच्ची की इलाज के दौरान मौत का मामला अस्पताल के असलियत की जहां पोल खोल रहा है वहीं पर परिजनों द्वारा जबरदस्त हंगामा किया गया। बेटी की मौत से गुस्साये परिजन चिकित्सक की लापरवाही का आरोप लगाते हुए पेट्रोल डालकर अस्पताल को आग के हवाले करने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने विफल कर दिया।

ये भी पढ़ें: आजम पर बड़ा फैसला: इस मामले में सुनवाई पूरी, कोर्ट में 3 घंटे चली बहस

डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

परिजन चिकित्सक पर लंबी रकम लेकर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगा रहे हैं। खबर है कि मडिय़ाहूं कोतवाली क्षेत्र के रामनगर विधमवा गांव निवासी संजय उर्फ विमलेश कुमार तिवारी की 9 वर्षीया पुत्री गोल्डी तिवारी मशीन के पट्टे में फंसकर जख्मी हो गयी सिर में गंभीर चोट आयी थी। बीते 15 नवंबर दोपहर में घायल को उपचार के लिये ईशा अस्पताल में लाया गया था। तब से इसका उपचार चल रहा था। परिजन का कथन है कि बुधवार रात्रि लगभग 11 बजे उक्त घायल की मृत्यु हो गई थी, चिकित्सक उसे मृत घोषित करने के बजाय धनोपार्जन के लिए उसे वेंटीलेटर पर ले गये और दूसरे दिन गुरूवार की सुबह 9 बजे मौत होने की बात बतायी।

परिजनों ने किया हंगामा

गोल्डी की मौत की खबर सुनकर परिजन आक्रोशित हो उठे और अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गये। परिजन ईशा हास्पिटल सहित चिकित्सक के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। परिजन का कथन है कि यदि उसकी हालत गंभीर थी तो चिकित्सक द्वारा उन्हें बताना चाहिये था ताकि कहीं अन्य जगह ले जा कर उसका उपचार कराया जाता। उपचार के नाम पर अस्पताल ने 50 हजार रूपये से अधिक धनराशि लिया लेकिन उपचार में लापरवाही बरता है ऐसा परिजन का आरोप है। लगभग 4 घंटे तक धरने पर जमे रहे परिजन चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर और कार्यवाही की मांग कर रहे थे।

पुलिस ने कही ये बात

मृतक बच्ची के परिवार के मुताबिक सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर लाइन बाजार ने चिकित्सक के खिलाफ तहरीर लिया और लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। वहीं घटना के बाबत थाना प्रभारी से बात हुई तो उन्होने बताया कि अभी कोई तहरीर ही नहीं मिली है जब तहरीर मिलेगी तब विधिक कार्यवाही संभव है। हलांकि सीओ सिटी से मोबाइल पर बात किया तो उन्होने कहा इस मामले की जांच सीएमओ करेंगे हलांकि उन्हें भी पुलिस कार्यवाही की जानकारी सायद नहीं थी। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि मृतक बच्ची के परिजनों को न्याय मिलेगा अथवा नहीं।

ये भी पढ़ें: रतन टाटा ने अपने डॉग का नाम रखा गोवा, जानिए इसके पीछे का दिलचस्प किस्सा

ईशाअस्पताल के न्यूरो सर्जन डा. राहुल श्रीवास्तव का घटना के बाबत कथन सामने आया है कि बच्ची का इलाज जिम्मेदारी एवं मेहनत से किया जा रहा था और होने वाले खतरे के बारे में परिजन को बताया जा चुका था ,फिर भी उपचार किया जा रहा था। हां दुर्घटना अथवा मारपीट के मामले में मेडिकल कराया जाना चाहिए था जो नहीं कराया गया और न ही इस संबंध में संबंधित थाने को अस्पताल द्वारा पुलिस सूचना दिया गया था। ऐसा न करके चिकित्सालय द्वारा नियम का उल्लंघन जरूर किया गया है। जवाब में न्यूरो सर्जन ने बताया कि मै मानवता के तहत इलाज कर रहा था। एक और आश्चर्यजनक बात प्रकाश में आयी कि मृतका के परिजन द्वारा आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाना चाहते थे लेकिन असफल प्रबन्धन ने स्वीकृति नहीं प्रदान किया ऐसा क्यों किया यह जांच का बिषय है।

कपिल देव मौर्य, जौनपुर



\
Newstrack

Newstrack

Next Story