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गोरखपुर बसपा MLA के खिलाफ ED का एक्शन, करोड़ों की धोखा-धड़ी का आरोप
ईडी ने विनय, उनकी पत्नी रीता, गंगोत्री इंटरप्राइजेज सहित अन्य के खिलाफ अपनी ईसीआईआर दर्ज करने के लिए पिछले साल अक्तूबर में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी का अध्ययन किया।
गोरखपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह से 750 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी मामले में गोरखपुर के चिल्लूपार से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। विनय शंकर पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं। ईडी द्वारा मामला दर्ज होने के बाद पूर्वांचल में रसूख रखने वाले तिवारी परिवार में हलचल तेज हो गई है। मामले को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
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ईडी ने विनय, उनकी पत्नी रीता, गंगोत्री इंटरप्राइजेज सहित अन्य के खिलाफ अपनी ईसीआईआर दर्ज करने के लिए पिछले साल अक्तूबर में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी का अध्ययन किया। सीबीआई ने शिकायत दर्ज करने के बाद लखनऊ और नोएडा में छापे भी मारे थे। कथित धोखाधड़ी बैंक ऑफ इंडिया नीत बैंकों के समूह के खिलाफ की गई, जो 754.25 करोड़ रुपये की है। ईडी की जांच के दायरे में ऐसे कम से कम चार मामले हैं, जिनके चलते बैंक के धन को दूसरे मद में ले जाया गया और उसमें अनियमितता बरती गई।
दो दर्जन खातों को लेकर सीबीआई कर सकती है पूछताछ
बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेस के तकरीबन 2 दर्जन बैंक खाते सीबीआई के रडार पर हैं। सीबीआई इन बैंक खातों में हुए लेनदेन को लेकर आरोपियों से पूछताछ भी कर सकती है।
19 अक्तूबर को सीबीआई ने विधायक और पत्नी के खिलाफ दर्ज किया था मुकदमा
सीबीआई ने 19 अक्तूबर को दो निजी कंपनियों मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज व मेसर्स रॉयल एंपायर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ ही उनसे जुड़े निदेशकों विनय शंकर तिवारी, उनकी पत्नी रीता तिवारी व अजीत पांडेय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही कंपनी के लखनऊ में महानगर स्थित कार्पोरेट कार्यालय व नोएडा में सेक्टर 72 स्थित कार्यालय पर छापा मारा था। छापों के दौरान सीबीआई ने कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए थे। उसने ऐसे 20 बैंक खातों का पता भी लगाया, जिनके जरिए बैंक से लोन के रूप में लिए गए 754. 24 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है।
सीबीआई लोन देने वाले बैंकों के अफसरों से भी पूछताछ कर सकती है
बैंक आफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज की गई इस एफआईआर में कंपनी को दिए गए 754.24 करोड़ रुपये के लोन में धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि सीबीआई लोन देने वाले बैंकों के अफसरों से भी पूछताछ कर सकती है, क्योंकि लोन देने में नियमों की अनदेखी किए जाने की भी आशंका जताई जा रही है। जिन संपत्तियों को बंधक रखकर लोन मंजूर किए गए हैं, उनकी वास्तविक कीमत उतनी नहीं है।
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पहले भी जारी हो चुका है नोटिस
पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के पुत्र और उनके करीबियों के खिलाफ इससे पहले आईडीबीआई बैंक ने 200 करोड़ रुपये के लोन की वसूली को लेकर 33 लोगों के खिलाफ यह नोटिस जारी किया था। इसमें पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी, पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी, विधायक विनय शंकर तिवारी और विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय का नाम भी शामिल था।
रिपोर्ट- पूर्णिमा श्रीवास्तव
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