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Gorakhpur University: 'घटना का CCTV फुटेज जारी करे गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन, सब साफ हो जाएगा', ABVP का दावा
ABVP Protests Gorakhpur University: एबीवीपी ने कहा, 'गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन की अराजक संवादहीनता वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार है। भ्रष्ट व तानाशाह कुलपति के रवैए के कारण गोरखपुर विश्वविद्यालय में ऐसी अराजक स्थिति बनी है।।'
ABVP Protests Gorakhpur University: गोरखपुर में दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी (DDU) में बवाल की ख़बरें सुर्ख़ियों में है। कुलपति के साथ मारपीट का वीडियो सबने देखा। पुलिस के बीचबचाव के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ। इस पूरी घटना और वस्तुस्थिति पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का बयान आया है। एबीवीपी का कहना है कि, छात्र-छात्राओं की समस्याओं के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार उदासीनता है। पाठ्यक्रमों की फीस वृद्धि, परीक्षा-परिणामों में विलंब, अंकपत्र और प्रमाणपत्र जारी करने में देरी सहित विषयों के समाधान की मांग का कोई समाधान नहीं निकला है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपनी इन्हीं मांगों को लेकर आंदोलन करती रही है। ABVP का कहना है गोरखपुर यूनिवर्सिटी (Gorakhpur University VC) के कुलपति और प्रशासन की 'अराजक संवादहीनता' तथा उदासीनता की स्थिति की वजह से हिंसा हुई, जिस पर ABVP गहरा क्षोभ व्यक्त करती है।
ABVP पहले भी धरना कर चुकी है
एबीवीपी ने एक दिन पहले हुई हिंसक घटनाओं के बारे में एक विज्ञप्ति जारी की। जिसमें कहा, 'गोरखपुर यूनिवर्सिटी में उपर्युक्त समस्याओं के समाधान के लिए शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा था। शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान दोपहर 03 बजकर 30 मिनट पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे पहले, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा धरना कर रहे छात्रों से किसी भी प्रकार से संवाद करने का कोई प्रयास नहीं हुआ। एबीवीपी शुक्रवार से पहले भी शांतिपूर्ण धरना कर चुकी है। लोकतांत्रिक धरना प्रदर्शन छात्र आंदोलन का भाग है।'
पुलिस लाठीचार्ज के बाद स्थिति अराजक हुई
विद्यार्थी परिषद का कहना है कि, प्रदर्शन स्थल पर यूपी पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और गोरखपुर विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों द्वारा मारपीट करने के बाद स्थिति अराजक हुई। इस घटना के संबंध में वायरल वीडियो और तस्वीरें पुलिस के लाठीचार्ज के बाद की हैं। ABVP का कहना है, गोरखपुर यूनिवर्सिटी घटना का पूरा सीसीटीवी फुटेज जारी करें। तभी पूरी घटना में गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन और उत्तर प्रदेश पुलिस की अलोकतांत्रिक, शर्मनाक भूमिका स्पष्ट हो पाएगी। गोरखपुर यूनिवर्सिटी के भ्रष्टाचार आरोपी तानाशाह कुलपति की संवादहीनता व समस्याओं की अनदेखी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति से पूरा विश्वविद्यालय व्यथित है।'
छात्रों का प्रदर्शन क्या अपराध की श्रेणी में है?
एबीवीपी ने कहा, 'शैक्षणिक संस्थानों में प्रशासन और प्राध्यापकों में संवाद का गुण रहना चाहिए। तभी सभी हितधारक अपनी बात स्वस्थ मानसिकता से कह सकेंगे। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में उपर्युक्त उल्लेखित समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर बीते डेढ़ हफ्ते से अधिक समय से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में छात्रों का आंदोलन चल रहा था। आंदोलन के पूर्व में कुलपति को संबोधित विभिन्न ज्ञापन भी दिए गए, जिसका कोई जवाब गोरखपुर विवि प्रशासन नहीं दिया। गोरखपुर विश्वविद्यालय में बीती 13 जुलाई के प्रदर्शन में शामिल विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान से स्थिति ठीक करने के स्थान पर उन्हें लोकतांत्रिक प्रदर्शन करने के लिए निलंबित कर दिया गया। एबीवीपी पूछती है क्या गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं द्वारा प्रदर्शन करना अपराध की श्रेणी में आता है?'
ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री के कई सवाल
इस पूरे विवाद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल (Yagyavalkya Shukla) ने कहा, 'शिक्षा संस्थान-संवाद, सहयोग, न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों का रचनात्मक केन्द्र हैं। सभी बिना भेदभाव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सामाजिक प्रतिबद्धता की लक्ष्य पूर्ति का माध्यम है। लेकिन, गोरखपुर यूनिवर्सिटी में वर्तमान स्थिति ठीक विपरीत है। विश्वविद्यालय प्रशासन की संवादहीनता, असहयोग, मनमानापन, तानाशाही रवैए के कारण शुक्रवार को दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा, 21 जुलाई की घटना के संदर्भ में ये जांच होनी चाहिए कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने क्यों लाठीचार्ज किया? प्रशासन की छात्रों के साथ संवादहीनता क्यों रही? घटना की पूरी सीसीटीवी फुटेज क्यों छुपाई जा रही है? गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में प्रशासन के रवैए के कारण बनी नकारात्मक स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है।'