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UP Transfer Policy: शासन ने जारी की नई स्थानांतरण नीति, जानिए कैसे अंकों के अनुसार दी जाएगी वरीयता
UP Transfer Policy: अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्राप्त अंक के आधार पर उन्हें ट्रांसफर के लिए वरीयता दी जाएगी।
UP Transfer Policy: उत्तर प्रदेश सरकार में सेवारत कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए स्थानांन्तरण नीति जारी कर दिया गया है। अब स्थानांतरण मेरिट के आधार पर किया जाएगा। अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्राप्त अंक के आधार पर उन्हें ट्रांसफर के लिए वरीयता दी जाएगी। यह सूचना प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा जारी पत्र में दी गई है।
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ऐसे होगा अंकों निर्धारण
- दिव्यांग होने के स्थिति में-20 अंक मिलेंगे
- पति पत्नी के राजकीय सेवा में होने पर साथ तैनाती के लिये भी 20 अंक मिलेंगे।
- गम्भीर रूप से स्वंय के बीमार अथवा बच्चों के दिव्यांग होने की स्थिति में 15 दिया जाएगा।
- सेवानिवृत्ति के 2 वर्ष से की अवधि होने की स्थिति में 15 अंक मिलेंगे।
- पिछले 3 वर्ष की प्रविष्टियों में प्राप्त अंक का औसत अंक 10 होगा।
- लघु दण्ड होने की स्थिति में नकारात्मक -5 अंक मिलेंगे।
- पिछले वर्ष में वृहद दण्ड होने की स्थिति में नकारात्मक -10 अंक मिलेंगे।
- विभाग की विशेष कार्य प्रकृति के अनुसार 25 अंक दिए जाएंगे। यह वैकल्पिक होगा।
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उपर दिए गए अंकों के अनुसार प्रत्येक विभाग द्वारा प्रतिवर्ष अप्रैल माह तक विभागीय कार्य प्रकृति के अनुसार मेरिट फार्मूला तैयार करते हुये मेरिट बेस्ड स्थानान्तरण किया जाएगा। इसके लिए अंक के अनुसार मेरिट पहले से ही निर्धारित कर ली जाएगी।
बता दें कि सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों स्थानांतरण में परदर्शिता लाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। स्थानांतरण को लेकर अक्सर सवाल खड़े होते रहें हैं। इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए सरकार नई स्थानांतरण पोलिसी लाई गई है। अब कर्मचारियों को इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उनके अंको के आधार पर स्थानांतरण की वरीयता सुनिश्चित की जाएगी।