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राज्यपाल व उप मुख्यमंत्री ने किया प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का शुभारम्भ

इस योजना का फायदा घर से ही काम करने वाले, घरेलू नौकर, रेहड़ी-फड़ ठेली लगाने वाले, कुली, भट्टा मजदूर, मोची, धोबी, श्रमिक, रिक्शा वाले, बीड़ी मजदूर, हैंडलूम मजदूर, लेदर का काम करने वाले, कृषि श्रमिक, निर्माण में लगे मजदूर समेत अन्य शामिल हैं।

Shivakant Shukla
Published on: 5 March 2019 7:44 PM IST
राज्यपाल व उप मुख्यमंत्री ने किया प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का शुभारम्भ
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को लोकभवन में प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का शुभारम्भ किया। इस मौके पर श्रम मंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राज्यमंत्री धुन्नी सिंह व मुख्यसचिव अनूम चन्द्र पाण्डेय भी उपस्थित थे।

इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि यह सबको सम्मान देने की योजना है। उन्होंने कहा कि यह असंगठित क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। मजदूरों को 60 साल उम्र पूरी होने पर किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि यह केन्द्र की एक सुरक्षा योजना है। उन्होंने कहा कि जनधन योजना से अब इस योजना में कोई परेशानी नही होगी।

प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए कदम उठाए: केशव मौर्य

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीबों के कल्याण के लिए कदम उठाए हैं। भाजपा सरकार ने किसानों को प्राथमिकता देते हुए किसान मजदूर के लिए मानधन योजना शुरू की है। केशव ने कहा कि मजूदरों को तीन हजार मासिक पेंशन दुख हरने जैसा है लेकिन खुशहाली विपक्ष को बर्दाश्त नहीं होती।

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केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर जितना पाकिस्तान नहीं बिलबिला रहा उससे ज्यादा विपक्ष उंगली उठाकर सेना का अपमान कर रहा है। देश की जनता इसे कभी नहीं बर्दाश्त करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों के चेहरे पर मुस्कान कमल के फूल की तरह लाये हैं। श्री मौर्य ने कहा कि आज हम जिस लोकभावन में बैठे हैं वह ऐसे मजदूरों की मेहनत के कारण ही है। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में विश्व मे भारत नंबर एक तथा यूपी भारत मे नंबर एक बन रहा है।

प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार ने गरीब व कमजोर वर्ग की हर आशा को पूरा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के बारे में विश्व मे कोई सोच भी नही सकता था। देश मे 45 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मजदूर है। लोकतंत्र की परिभाषा को प्रधानमंत्री मोदी ने साकार कर समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाकर महापुरुषों के सपनों को साकार किया है।

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उन्होंने कहा कि गरीबों का मसीहा बनकर वोटों को नीलामी करने का पूर्व सरकारों ने खूब काम किया। अब समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम मोदी-योगी सरकार ने काम किया। श्री मौर्य ने कहा कि 46 लाख निर्माण मजदूरों में से 25 लाख मजदूर जिनकी आयु 40 साल तक है, उनको भी इस दायरे में लाकर सरकार उनकी मदद करेगी।

ऐसे मिलेगी पेंशन

योजना में शामिल होने के लिए जितनी कम उम्र होगी, उतना ही कम हिस्सा जमा करना होगा। जितनी रकम श्रमिक जमा करेगा, उतनी रकम केंद्र सरकार पेंशन फंड में देगी। पेंशन के लिए 60 वर्ष की उम्र तक अंशदान करना होगा। फिर तीन हजार रुपये पेंशन मिलेगी। 18 वर्ष की उम्र में आवेदन करने पर महीने के 55 रुपये जमा करने होंगे, जबकि 40 वर्ष की उम्र में योजना में शामिल होने पर 60 साल तक हर महीने 200 रुपये देने होंगे।

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पारिवारिक पेंशन का प्रावधान

योजना में शामिल श्रमिक की मौत 60 वर्ष के बाद होती है तो आश्रित को 1500 रुपये पारिवारिक पेंशन मिलेगी। जबकि 60 साल से पहले मृत्यु पर इस योजना में अंशदान का सीधे हक पत्नी को मिल जाएगा और पत्नी को 60 साल के बाद पेंशन मिलेगी।

ये श्रमिक होंगे शामिल

इस योजना का फायदा घर से ही काम करने वाले, घरेलू नौकर, रेहड़ी-फड़ ठेली लगाने वाले, कुली, भट्टा मजदूर, मोची, धोबी, श्रमिक, रिक्शा वाले, बीड़ी मजदूर, हैंडलूम मजदूर, लेदर का काम करने वाले, कृषि श्रमिक, निर्माण में लगे मजदूर समेत अन्य शामिल हैं।

Shivakant Shukla

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