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जनसुनवाई पोर्टल पर नहीं हो रहा शिकायतों का निस्तारण, हो रहा खेल पर खेल
उत्तर प्रदेश सरकार का जनसुनवाई पोर्टल मजाक बन कर रह गया है, क्योंकि पोर्टल पर तो मामलों का निस्तारण दिखाकर अधिकारी शासन से अपनी पीठ थपथपा लेते हैं, लेकिन पीड़ित की समस्या जस की तस बनी रहती है।
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश सरकार का जनसुनवाई पोर्टल मजाक बन कर रह गया है, क्योंकि पोर्टल पर तो मामलों का निस्तारण दिखाकर अधिकारी शासन से अपनी पीठ थपथपा लेते हैं, लेकिन पीड़ित की समस्या जस की तस बनी रहती है। चाहे जमीन के पट्टे, रास्ते पर अवैध कब्जे या फिर तालाबों पर अबैध कब्जे का मामला हो अथवा आवासों के आवंटन फर्जीवाड़े की शिकायत हो, सभी का हाल एक जैसा है।
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मुख्यमंत्री पोर्टल पर हो रहा समस्याओं का अदला बदली को खेल
आपको बता दें कि बाराबंकी के गांव बनार पुरवा, पोस्ट काजी बेहटा, तहसील फतेहपुर के बाबूराम यादव ने गांव के ही तालाब गाटा संख्या-183/0.629 पर रामसिंह, शिवकुमार, सियाराम और देशराज आदि द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर उस पर पक्के मकान बनवाने को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की थी।
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शिकायत संदर्भ संख्या 40017619036042 है, शिकायत दर्ज हुई, एक सप्ताह का समय भी गया, लेकिन अंत मे उनके द्वारा की गई शिकायत का निस्तारण नही हुआ। लेकिन एक नया खेल जरूर देखने को मिला।
बाबूराम यादव ने जो शिकायत की थी उसकी जगह महिला द्वारा की गई शिकायत का पत्र संदर्भ संख्या 40017619036472 है, मुख्यमंत्री पोर्टल पर जरूर अपलोड कर दिया।