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जानिए सरकार ने क्यों 26 नवंबर को बुलाया संसद का संयुक्त सत्र
26 नवंबर को को संविधान के 70 वर्ष पूर्ण होने पर संसद संयुक्त सत्र बुलाया गया है। इस सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे। साल 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया गया था।
नई दिल्ली: 26 नवंबर को को संविधान के 70 वर्ष पूर्ण होने पर संसद संयुक्त सत्र बुलाया गया है। इस सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे। साल 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया गया था।
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तो वहीं संविधान दिवस के मौके पर यूपी विधानमंडल का भी विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर 26 नवंबर (संविधान दिवस) से 14 अप्रैल 2020 (आंबेडकर जयंती) तक चलने वाले आयोजनों की तैयारियों की समीक्षा की।
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इस दौरान उन्होंने विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने और उसका दूरदर्शन से सीधा प्रसारण कराने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि इन आयोजनों के दौरान भारतीय संविधान की उद्देशिका तथा संविधान में निहित मूल कर्तव्यों के विषय में जन-जागरूकता लाई जाएगी।
संविधान से जुड़ी कुछ बातें
26 नवंबर को ही डॉ भीमराव आंबेडकर की संविधान समिति ने 1949 में संविधान पूर्ण किया था यानी इसी दिन संविधान बनकर तैयार हुआ था।
भारतीय संविधान दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार हुआ था। भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं और ये 25 भागों में विभाजित हैं। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे फिर दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था।
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संविधान का मसौदा तैयार करने में किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंटिंग का इस्तेमाल नहीं हुआ था। 29 अगस्त 1947 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति की स्थापना की गई थी और इसके अध्यक्ष के तौर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की नियुक्ति हुई थी।
जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।