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होनी थी आज शादी, देश सेवा के लिये सिपाही ने नहीं लिये फेरे

कोरोना संक्रमण काल को रोकने में पुलिस की मुस्तैदी का अहम रोल है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ड्यूटी पर तैनात एक सिपाही अपनी खुशियों को दरकिनार कर इस आपातकाल में ड्यूटी करके ज्यादा खुश है।

Vidushi Mishra
Published on: 29 April 2020 6:19 PM IST
होनी थी आज शादी, देश सेवा के लिये सिपाही ने नहीं लिये फेरे
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औरैया। कोरोना संक्रमण काल को रोकने में पुलिस की मुस्तैदी का अहम रोल है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ड्यूटी पर तैनात एक सिपाही अपनी खुशियों को दरकिनार कर इस आपातकाल में ड्यूटी करके ज्यादा खुश है। जी हां हम बात कर रहे है औरैया नगर में तैनात एक सिपाही अजय प्रताप सिंह की जिसकी आज शादी की तारीख पहले से निश्चित थी लेकिन उस सिपाही ने शादी की खुशियों का त्याग कर देश की सेवा करना बेहतर समझा।

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इस संकट की घड़ी में अपने शादी को फर्ज के आड़े नही

इस शादी के फैसले को टालने में सिपाही अजय प्रताप की होने वाली पत्नी का भी अहम रोल है क्योंकि वह भी अन्य जिले में एक महिला सिपाही के पद पर तैनात है।

जिसकी वजह से उसने इस संकट की घड़ी में अपने शादी को फर्ज के आड़े नही आने दिया। फिलहाल दोनों अपनी-अपनी ड्यूडी पर तैनात होकर देश की सेवा करने का कार्य बखूबी करते नजर आ रहे है।

जनपद जालोंन के थाना गड़गवा निवासी सिपाही अजय प्रताप ने जानकारी देते हुए बताया कि उसका विवाह करीब 8 माह पूर्व जनपद जालौन के ग्राम प्रतापपुरा निवासी रबता चौधरी के साथ तय हो गया था जिसे 29 अप्रैल को होना था।

बताया कि घर वालों द्वारा उनकी शादी की तैयारियां पूरी कर ली गई थी मगर देश में आए इस संकट के कारण लाक डाउन सरकार को करना पड़ा।

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जिस पर उन दोनों लोगों ने एकजुट होकर यह कसम खाई कि पहले वह देश की सेवा करेंगे उसके बाद अपना विवाह करेंगे। अजय प्रताप ने बताया कि उसकी पत्नी जनपद ललितपुर में महिला सिपाही के पद पर तैनात हैं।

लॉक डाउन होने की सूचना मिलने पर उसके द्वारा मुझसे बात की गई और कहा गया कि जब तक देश इस संकट की घड़ी से पूरी तरह से उबर नहीं आता तब तक हम दोनों लोग विवाह संबंधों में न बंध कर देश की सेवा करेंगे।

सिपाही अजय प्रताप ने बताया कि उसके पिता द्वारा यह कहा गया था कि चंद रिश्तेदारों के सामने वह उसका विवाह करा देंगे मगर वर वधु दोनों ने इस स्थिति में शादी किए जाने से इनकार कर दिया और यह कहा पहले देश सेवा होगी फिर वह शादी की रस्में अदा करेंगे।

कहा कि निहित स्वार्थ से जब कर्तव्य बड़ा हो जाता है तो कर्तव्य पथ पर चलने वाला व्यकि का भी कद बड़ा हो जाता है और उसका सम्मान भी लोग दिल से करते है।

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रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी



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Vidushi Mishra

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