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चमकी बुखार का कहर: कितनी तैयार नीतिश सरकार, जा चुकी है कईयों की जानें

कोरोना वायरस के संकट के बीच बिहार में एक बार फिर से एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानि चमकी बुखार ने दस्तक दे दी है। चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर के SKMCH में दो बहनों का मौत हो गई।

Shreya
Published on: 29 April 2020 10:56 AM GMT
चमकी बुखार का कहर: कितनी तैयार नीतिश सरकार, जा चुकी है कईयों की जानें
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चमकी बुखार का कहर: कितनी तैयार नीतिश सरकार, जा चुकी है कईयों की जानें

पटना: कोरोना वायरस के संकट के बीच बिहार में एक बार फिर से एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानि चमकी बुखार ने दस्तक दे दी है। यहीं नहीं चमकी बुखार ने मुजफ्फरपुर में बच्चों पर अपना कहर बरसाना शुरु कर दिया है। मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेमोरियल कॉलेज एंड अस्पताल (SKMCH) में इसके चलते दो बहनों का मौत हो गई। इसके साथ ही चमकी बुखार से राज्य में बच्चों की मौत की संख्या 3 हो चुकी है।

राज्य में चमकी बुखार से पीड़ित हुए 15 बच्चे

वहीं इस वक्त राज्य में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या 15 है। इनमें से 10 बच्चों का इलाज SKMCH और सदर हॉस्पिटल में चल रहा है। वहीं राज्य में पीड़ित बच्चों की संख्या देखते हुए स्वास्थ्य विभाग (health Department) की तरफ से अलर्ट जारी किया गया है।

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CM नीतीश कुमार ने की समीक्षा बैठक

चमकी बुखार को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग और संबंधित जिलों के डीएम के साथ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि JE का पूर्ण टीकाकरण कराया जाए।

लोगों को जागरुक करें आशा और आंगनबाड़ी कर्मी

CM नीतीश कुमार की ओर से निर्देश दिया गया कि आशा और आंगनबाड़ी कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को जागरुक करें कि बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण दिखाई देने पर उन्हें तुरंत हॉस्पिटल ले जाएं। लोगों के बीच इस बीमारी के संबंध में जागरुकता फैलाएं। साथ ही बच्चों के माता-पिता को बताएं कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरुर खिलाएं।

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सीएम ने दिए ये निर्देश

सीएम ने कहा कि विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर AES और JE की रोकथाम के लिए मिलकर काम करें। CM नीतीश कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर में PICU जल्द शुरु करें और संबंधित जिलों में पूरी तरह से पैडियाट्रिक वार्ड तैयार रहे।

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का हॉस्पिटल्स में 24 घंटे रहना जरूरी है। हॉस्पिटल्स में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए, दवाओं की उपलब्धता व अन्य सुविधाओं पर विशेष नजर बनाए रखें।

मुजफ्फरपुर में खुलेगा नया हॉस्पिटल

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी कहा है कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानि चमकी बुखार से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार है। मंत्री ने बताया कि मुजफ्फरपुर के SKMCH परिसर में एक हफ्ते में नया हॉस्पिटल खुल जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 बेड का नया पीकू वार्ड भी तैयार किया जा चुका है। साथ ही 150 बेड का ICU पहले से कार्यरत है।

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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि चमकी बुखार से प्रभावित क्षेत्रों में 18 एंबुलेंस भेजे गए हैं। अभी और 30 एंबुलेंस भेजे जाने हैं। इसके अलावा भाड़े पर गाड़ी लाने पर गरीबों को अब अधिक राशि दी जाएगी। अब उन्हें दूरी के हिसाब से पैसे दिए जाएंगे।

मुजफ्फरपुर से चमकी के आते हैं 60 फीसदी मामले

जानकारी के मुताबिक, चमकी बुखार के अधिक मामले बूढ़ी गंडक नदी से सटे जिलों में आते हैं। चमकी बुखार के 60 प्रतिशत मामले मुजफ्फरपुर से और पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर जैसे अन्य जिलों से 40 प्रतिशत मामले आते हैं। वहीं गया के आसपास के जिलों में JE के मामले सामने आते हैं।

स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद गया में भी ASE व JE रोकथाम और इलाज के लिए तैयारी तेज कर दी गई है। यहां पर ICU के अलावा 60 बेड का वार्ड ASE व JE के लिए बनाया गया है। डॉक्टरों की ड्यूटी भी शिफ्ट वाईज लगाई गई है। साथ ही दवाइयों की भी व्यवस्था कर ली गई है।

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बिहार में पिछले साल भी इस बुखार का प्रकोप देखने को मिला था। पूरे बिहार में इस बीमारी की वजह से 200 बच्चों की मौत हुई थी।

क्या होता है चमकी बुखार?

चमकी बुखार एक एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम है। इसे दिमागी बुखार भी कहा जाता है। यह इतनी खतरनाक और रहस्यमयी बीमारी है कि अभी तक विशेषज्ञ भी इसकी सही-सही वजह का पता नहीं लगा पाए हैं। चमकी बुखार में वास्तव में बच्चों के खून में सुगर और सोडियम की कमी हो जाती है। सही समय पर उचित इलाज नहीं मिलने की वजह से मौत हो सकती है। गर्मियों में तेज धूप और पसीना बहने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इस वजह से डिहाइड्रेशन, लो ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, थकान, लकवा, मिर्गी, भूख में कमी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।

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