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मदर्स डे- घुटने की समस्या से परेशान महिला की एक साथ हुई कई सर्जरी फिर भी नहीं हारी हिम्मत

Hapur News: महिला के 2 महीने के फॉलोअप ट्रीटमेंट में पता चला कि वो प्रेग्नेंट हैं, जिसके चलते कोई एक्स-रे नहीं कराया गया। मां बनने की खुशी ने उनके दर्द को और भी कम कर दिया और अब वो 90 डिग्री तक अपना घुटना घुमा पाने में सफल हो गईं।

Avnish Pal
Published on: 14 May 2023 11:27 PM IST
मदर्स डे- घुटने की समस्या से परेशान महिला की एक साथ हुई कई सर्जरी फिर भी नहीं हारी हिम्मत
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(Pic: Newstrack)

Hapur News: घुटने की समस्या से परेशान एक 26 वर्षीय महिला मरीज की एक ही बार में कई सर्जरी की गई। हापुड़ निवासी महिला की सर्जरी गुरुग्राम के सीके बिरला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा की गई। महिला पिछले 13 सालों से घुटने से जुड़ी अलग-अलग गंभीर बीमारियों से पीड़ित थी। नी-अलाइनमेंट (वैल्गस नॉक नी), नी-कैप डिस्लोकेशन करेक्शन, एमपीएफएल लिगामेंट रिकंस्ट्रक्शन, टिबियल ट्यूबरकल ट्रांसफर और कार्टिलेज ट्रांसप्लांट सर्जरी जैसी सर्जरी एक ही सिटिंग में सफलतापूर्वक की गई। इसी बीच महिला गर्भवती हुईं और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म भी दिया। वर्ल्ड मदर्स डे पर आपको बता रहे हैं इसी महिला के दर्द और उसके इलाज की कहानी.

हापुड़ के मोहल्ला आदर्श नगर निवासी सरिता के 13 वर्षों से घुटने में दर्द हो रहा था। उनके घुटने का कैप अपनी जगह से हट गया था। इसका तब पता लगा जब महज 13 साल की थीं। काफी इलाज कराया गया लेकिन हालात जस के तस रहे और उन्हें बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें लगने लगा था कि उनकी ये समस्या सही नहीं होने वाली है और अब जिंदगीभर उन्हें इसी समस्या के साथ वक्त गुजारना पड़ेगा।
एक बार जब अचानक से रोजमर्रा के काम के दौरान उनका घुटना मुड़ा तो दर्द इतना ज्यादा बढ़ गया कि उनका चलना तक मुश्किल हो गया। उस वक्त ये मरीज घुटने में गंभीर दर्द और और घुटने के कैप के अपनी जगह से हट जाने की शिकायत लेकर गुरुग्राम के सीके बिरला अस्पताल पहुंचीं। जहां उनका सफल इलाज किया गया। ऑर्थोपेडिक डॉक्टर देबाशीष चंदा ने सर्जरी के बारे में बताया, मरीज के घुटने का कैप हटा हुआ था, जांच में सामने आया कि उनके घुटने पूरी तरह से ऐंठ चुके थे और बहुत ही कम मूवमेंट था। अन्य कुछ रिपोर्ट्स में ये भी पता चला कि उनके घुटने की वैल्गस में समस्या थी, अलाइनमेंट सही नहीं था और कार्टिलेज घिस गई थी। हालांकि, महिला शुरुआत में सर्जरी को लेकर घबराई। ये सर्जरी लंबी रही, लेकिन एक ही बार में सभी समस्याओं का समाधान हो गया। क्योंकि महिला की हड्डियां काफी मजबूत थीं, इसके चलते वो सर्जरी के अगले दिन से ऐसी गतिविधियां करने लगीं जिनमें लोड पड़ता है। एक हफ्ते के अंदर वो वॉकर की मदद से चलने लगीं और दो हफ्ते में वो अपना घुटना मोड़ पाने में सक्षम थीं।

महिला के 2 महीने के फॉलोअप ट्रीटमेंट में पता चला कि वो प्रेग्नेंट हैं, जिसके चलते कोई एक्स-रे नहीं कराया गया। मां बनने की खुशी ने उनके दर्द को और भी कम कर दिया और अब वो 90 डिग्री तक अपना घुटना घुमा पाने में सफल हो गईं। गायनी के परामर्श के साथ उनकी प्रेग्नेंसी चलती रही और महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।

डॉक्टर देबाशीष ने आगे बताया, महिला की डिलीवरी के बाद उनका एक्स-रे कराया गया जिसमें पता चला कि उनके जिस घुटने की सर्जरी की गई वो पूरी तरह सही हो चुका था और स्टेबल था। महिला 120 डिग्री तक बिना किसी परेशानी व दर्द के अपना घुटना घुमा पा रही थी। वहीं अब वह अपने बच्चे के साथ खुश है।



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