Hardoi News: 68 वर्षीय महिला ने पहली बार में उत्तीर्ण की एलएलबी की परीक्षा, बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

Hardoi News: शहर के आवास विकास के रहने वाली कुमुदनी देवी ने 68 वर्ष की उम्र में युवाओं को मात देते हुए पहली बार में एलएलबी के परीक्षा उत्तीर्ण कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया।

Pulkit Sharma
Published on: 7 Aug 2023 12:07 PM GMT
Hardoi News: 68 वर्षीय महिला ने पहली बार में उत्तीर्ण की एलएलबी की परीक्षा, बना वर्ल्ड रिकॉर्ड
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68 वर्षीय महिला कुमुदनी देवी ने पहली बार में उत्तीर्ण की एलएलबी की परीक्षा, बना वर्ल्ड रिकॉर्ड: Photo- Newstrack

Hardoi News: 68 वर्ष की उम्र में एक महिला ने वह कर दिखाया जिसे देखकर सब हैरान रह गए। कहते हैं अगर मन में कोई चीज ठान लो तो वह पूरी जरूर होती है,इसी सोच के साथ हरदोई की रहने वाली एक 68 वर्षीय महिला ने एलएलबी की परीक्षा पहली बार में उत्तीर्ण कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। साथ ही सबसे ज्यादा उम्र में एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली महिला भी बन गई है। एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली महिला पूर्व में एक शिक्षिका थी। सेवानिवृत्त होने के बाद उनमें सामाजिक कार्य करने की इच्छा जागृत हुई। इस इच्छा को लेकर उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई शुरू की और अधिवक्ता बन गई। 68 वर्षीय महिला के अधिवक्ता बनने पर महिला के परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई।

निर्दोष के लिए निःशुल्क लड़ेगी मुक़दमा

शहर के आवास विकास के रहने वाली कुमुदनी देवी ने 68 वर्ष की उम्र में युवाओं को मात देते हुए पहली बार में एलएलबी के परीक्षा उत्तीर्ण कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। कुमुदनी देवी बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत थी और वह विभाग में प्रधानाध्यापिका के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। कुमुदनी देवी के मन में बिना कसूर के जेल में सजा काट रहे बंदियों, गरीब और असहायों को न्याय दिलाने की ललक जगी। इसी ललक ने कुमुदनी देवी को 68 वर्ष में एलएलबी की परीक्षा को उत्तीर्ण करा दिया। प्रधानाध्यापिका पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होनें सीधे एलएलबी कॉलेज में अपना दाखिला करा दिया और एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी थी।

कुमुदनी देवी का कहना है कि वह जेल में बंद बंदियों को आजाद कराने के लिए उनके केस लड़ेंगी और इसके लिए वह किसी भी प्रकार की कोई भी रक़म निर्दोष कैदियों से नहीं लेंगी। उनका कहना है कि सरकार द्वारा उनको सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन दी जा रही है जिससे वह अपने घर को बखूबी चला रही है साथ ही निर्दोषों पर जेल से बाहर लाने के लिए वहीं रक़म उन पर खर्च कर सकेंगी। उनकी इस पहल की क्षेत्र में जमकर तारीफ हो रही है साथ ही वह युवा व युवतियों के लिए एक मिसाल बन गई हैं। 68 वर्षीय कुमुदनी देवी अब पीएचडी करने का भी विचार कर रही हैं।

Pulkit Sharma

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