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Hardoi News: जनसेवा केन्द्र संचालकों की मदद से ठगी का खेल, साइबर सिक्योरिटी सेल ने किया खुलासा

Hardoi News: पुलिस टीम द्वारा पकड़े गए अभियुक्तों से साइबर धोखाधडी कूटरचित फिंगर प्रिंट के विषय में कडाई से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि अभियुक्तों द्वारा यूट्यूब पर वीडियों देखकर आवश्यक सामग्री एकत्रित कर कूटरचित फिंगर प्रिंट तैयार किये गए ।

Pulkit Sharma
Published on: 1 Sept 2023 10:14 PM IST
Hardoi News: जनसेवा केन्द्र संचालकों की मदद से ठगी का खेल, साइबर सिक्योरिटी सेल ने किया खुलासा
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Hardoi Police busted a gang of fraudsters

Hardoi News: हरदोई जानपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से जालसाजों द्वारा आधार कार्ड एवं बायोमेट्रिक प्रयोग कर खाता धारक की जानकारी के बिना उनके खातों से रुपये निकाल लिये जा रहे है। प्रकरणों का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक हरदोई के कुशल निर्देशन मी अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी के पर्यवेक्षण व क्षेत्राधिकारी बघौली साइबर अपराध के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया।

ऐसे हुआ खुलाशा

क्षेत्राधिकारी द्वारा गठित टीम नें पूर्व में पंजीकृत अभियोगो एवं ऑनलाइन प्राप्त होने वाली शिकायतों का गहन विश्लेषण कर वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर इस तरह की ठगी करने वाले अपराधियों के संबंध में गहनता से जांच शुरु की गयी।इस प्रकार के साइबर अपराधो के संबंध में मुखबिरो को लगाया गया।इसी क्रम में मुखबिर से सूचना प्राप्त हुआ कि चौकी गोपामऊ थाना टडियावां के जनसेवा केन्द्र में कुछ व्यक्तियों द्वारा अंगूठे में पन्नी चिपकाकर बायोमेट्रिक मशीन से रुपये निकालने का प्रयास किया गया तो जनसेवा केन्द्र संचालक ने इस बात का ऐतराज किया जिसपर उन व्यक्तियों द्वारा जनसेवा केन्द्र संचालक के साथ झगडा विवाद किया गया।

इस प्रकरण से संबंधित थाना टड़ियावां क्षेत्र के रहने वाले 03 शातिर साइबर अपराधियों के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। 31 अगस्त को बघौली पुलिस टीम थाना क्षेत्र में मामूर थी तभी मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी कि लखनऊ रोड स्थित गदनपुर मोड के निकट 03 शातिर साइबर अपराधी मौजूद है। पुलिस द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर घेराबंदी कर वहां पर मौजूद तीनों व्यक्तियों को पकड़ लिया गया।पकड़े गए व्यक्तियों से उनका नाम व पता पूछने पर रामकृपाल उर्फ लालू पुत्र मोहनलाल ,मुकेश पुत्र भूपराम ,सरोज पुत्र मनोज निवासीगण ग्राम थमरवा थाना टडियावां जनपद हरदोई होना ज्ञात हुआ जिनकी जामातलाशी में 04 अदद आधार कार्ड, 01 अदद फेवीगम, एक पैकेट में 03 अदद क्ले मिट्टी, 02 अदद क्ले मिट्टी जिसपर फिंगरप्रिंट लिया गया व 20,000 रुपये बरामद किये गए।

यूट्यूब देखकर एकत्र की सामग्री

पुलिस टीम द्वारा पकड़े गए अभियुक्तों से साइबर धोखाधडी कूटरचित फिंगर प्रिंट के विषय में कडाई से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि अभियुक्तों द्वारा यूट्यूब पर वीडियों देखकर आवश्यक सामग्री एकत्रित कर कूटरचित फिंगर प्रिंट तैयार किये गए। अभियुक्तों द्वारा गिरोह बनाकर अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से आधार कार्ड एवं बायोमेट्रिक प्रयोग कर खाता धारक की जानकारी के बिना उनके खातों से रुपये निकाल लिये जाते थे । अभियुक्तों द्वारा स्वीकार किया गया विगत वर्ष जुलाई माह में उनके द्वारा थाना बघौली क्षेत्रांतर्गत एक महिला के बैंक खाते से 1,70,000 रुपये अलग-अलग दिनों में निकाल लिये गए थे जिसके संबंध में थाना बघौली थाने पार अभियोग पंजीकृत किया गया था। इसी प्रकार थाना टड़ियावां क्षेत्रांतर्गत एक व्यक्ति के बैंक खाते से दो किस्तों में 20,000 रुपये निकाल लिये गए थे जिसके संबंध में दिनांक 18 सितंबर को थाना टड़ियावां अभियोग पंजीकृत किया गया था।अभियुक्तों से बरामद 15,000 रुपये थाना बघौली तथा 5,000 रुपये थाना टड़ियावां पर पंजीकृत अभियोग से संबंधित है।

जनसेवा केंद्र संचालक करते थे मदद

अभियुक्तगणों द्वारा बताया गया कि इनके द्वारा अपने अन्य साथियों व जन सेवा केन्द्र संचालक की मदद से जनसेवा केन्द्र पर आने वाले व्यक्तियों पर नजर रखी जाती थी और किसी व्यक्ति विशेष को टारगेट बनाकर उसका आधार कार्ड नम्बर प्राप्त किया जाता था तथा धोखे से उसके फिंगर प्रिंट क्ले मिट्टी पर ले लिया जाता था। क्ले मिट्टी पर अंगूठे के प्रिंट आने के बाद उस पर फेविकोल लगाकर दो दिन तक धूप में रखकर सुखाया जाता था। उपरोक्त मिश्रण के सूख जाने के बाद अपने अंगूठे पर फेविकोल लगाकर कूटरचित तरीके से तैयार किए गए पीडित व्यक्ति के अंगूठे का प्रिंट अपने अंगूठे पर चिपका लिया जाता था एवं कूटरचित अंगूठे व पीड़ित व्यक्ति के आधार कार्ड नम्बर का प्रयोग कर हुए 'जनसेवा केन्द्र से पीडित व्यक्ति के खाते से उनकी जानकारी के बिना रुपये निकाल लिये जाते थेतीनों शातिर अभियुक्त इस प्रकार बने जाली फिंगर प्रिंट से लगातार कई बार रुपये निकाल चुके है। पूरे घटनाक्रम के दौरान अभियुक्तों द्वारा यह प्रयास किया जाता था कि जिस व्यक्ति को साइबर ठगी का शिकार बनाने के लिए टारगेट किया गया है उसका बैंक खाता मोबाइल नम्बर से लिंक न हो ।



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Pulkit Sharma

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