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Hardoi News: हरदोई में स्क्रैप सेंटर के लिए नहीं हुए आवेदन, जानिए क्या है इसकी नीति और किन वाहनों पर पड़ेगा असर
Hardoi News: इस नीति के तहत 20 वर्ष से अधिक के निजी वाहनों व 15 वर्ष से अधिक के व्यावसायिक वाहनों को स्क्रैप कर दिया जाएगा।
Hardoi News: केंद्र सरकार की पुराने वाहनों को लेकर जारी की गई स्क्रैप नीति को उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने उत्तर प्रदेश में भी लागू कर दिया है। इस नीति के तहत 20 वर्ष से अधिक के निजी वाहनों व 15 वर्ष से अधिक के व्यावसायिक वाहनों को स्क्रैप कर दिया जाएगा। स्क्रैप नीति के तहत वाहन के स्क्रैप होने के बाद वाहन स्वामी को एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा उस प्रमाणपत्र का लाभ वाहन स्वामी दूसरे वाहन को लेने में कर सकता है।
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स्क्रैप का प्रमाण पत्र दिखाकर नई गाड़ी लेने पर मिलेंगे कई फायदे
वाहन को स्क्रैप करने पर वाहन की कुल कीमत का 6 फ़ीसदी नगद रुपए मिलेगा। जबकि प्रमाण पत्र दिखाकर नई गाड़ी लेने पर अन्य कई लाभ मिल जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा स्क्रैप नीति को लाने का उद्देश्य देशभर में चल रहे पुराने वाहनों से फैल रहे प्रदूषण को लेकर है। पुराने वाहनों से प्रदूषण ज्यादा फैलता है। वाहन स्वामी भी इस बाबत कोई ध्यान नहीं देते हैं और धड़ल्ले से जर्जर स्थिति के वाहन सड़कों पर फर्राटा भरते रहते हैं, जो आए दिन हादसों का भी कारण बन जाते हैं। ऐसे में यह स्क्रैप नीति 15 वर्ष पुराने व्यवसायिक वाहन व 20 वर्ष पुराने निजी वाहनों को स्क्रैप नीति में लाया गया है।
धुआं देती जर्जर बसें सड़कों से हट जायेंगी
सड़कों पर प्रदूषण फैला रहे हैं पुराने वाहनों और अनफिट वाहनों का रजिस्ट्रेशन समाप्त होते ही वाहन स्क्रैप पॉलिसी में ला दिया जाएगा। इस स्क्रैप नीति में अब संशोधन कर सरकारी बसों को भी शामिल किया गया है। यानी कि अब धुआं देती जर्जर बसें सड़कों से हट जायेंगी। हरदोई जनपद में अभी स्क्रैप नीति के तहत स्क्रैप सेंटर को खोला जाना है। लेकिन कोई भी स्क्रैप सेंटर को खोले जाने में अपनी रुचि नहीं दिखा रहा है। जिसके चलते जनपद के लोगों को पड़ोस के जनपदों में जाकर अपने वाहनों को स्क्रैप कराने जाना पड़ेगा।
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तीन माह बीतने पर भी नहीं आए आवेदन
उप संभागीय परिवहन विभाग द्वारा जनपद में स्क्रैप सेंटर को खोले जाने के लिए आवेदन मांगे गए थे। तीन माह बीतने के बाद भी जनपद में एक भी आवेदन विभाग को प्राप्त नहीं हुए हैं। जनपद में स्क्रैप नीति लागू हो गई है, ऐसे में अब जनपद में स्क्रैप सेंटर ना होने से वाहन स्वामियों को पड़ोस के जनपदों में अपने वाहनों को स्क्रैप कराने की दौड़ लगानी पड़ेगी। हालांकि कोई भी व्यक्ति स्क्रैप सेंटर को खोलने में रुचि क्यों नहीं ले रहा है यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। उप संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि 3 महीने बीतने पर भी कोई भी आवेदन नहीं प्राप्त हुए हैं, जैसे ही कोई आवेदन स्क्रैप सेंटर को खोलने का प्राप्त होगा उस पर शीघ्र ही कार्य कराकर जनपद के लोगों को स्क्रैप पालिसी के तहत उनके वाहनों को स्क्रैप कराना स्टार्ट करा दिया जाएगा।
क्या है स्क्रैप नीति के फ़ायदे
उत्तर प्रदेश में स्क्रैप नीति लागू होने के बाद वाहन स्वामियों के मन में कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर उनके वाहन का क्या होगा और क्या उनको इसका फायदा मिलेगा तो ऐसे में वाहन स्वामियों के लिए यह जानकारी अहम है कि स्क्रब नीति के तहत यदि आप अपने वाहन को स्क्रैप कराते हैं तो आपको आपके वाहन की कुल कीमत जो कि आपके इंश्योरेंस में लिखी होती है, उसका 6 फ़ीसदी नगद भुगतान किया जाएगा, दूसरा वाहन लेने पर आपको स्क्रैप नीति के तहत मिलने वाला प्रमाण पत्र दिखाने पर वाहन पर पांच फ़ीसदी की छूट के साथ 25 फ़ीसदी टैक्स में छूट मिल जाएगी। स्क्रैप पॉलिसी में वाहन स्वामियों का खासा ध्यान रखा गया है। नई गाड़ियों में उन्हें छूट देकर उनकी मुश्किलें हल करने का काम स्क्रैप नीति के तहत किया गया है।