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Hardoi News: बाल चिकित्सा विभाग में धूल फाँक रहे आधुनिक उपकरण, दो बच्चों की हो चुकी है मौत, ज़िम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
Hardoi News: जिला चिकित्सालय के बाल चिकित्सा विभाग एक ओर जहां बच्चे बीमारी में दम तोड़ रहे हैं वहीं लगी आधुनिक मशीनें धूल फांक रही हैं।
Hardoi News: हरदोई का स्वास्थ्य महकमा शायद ही किसी मामले को लेकर सुर्खियों में ना रहता हो। इस बार स्वास्थ्य महकमा बच्चों के मामले को लेकर सुर्खियों में है। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला चिकित्सालय के बाल चिकित्सा विभाग के कारण है। जिला चिकित्सालय के बाल चिकित्सा विभाग एक ओर जहां बच्चे बीमारी में दम तोड़ रहे हैं वहीं लगी आधुनिक मशीनें धूल फांक रही हैं। कई दिनों से यह मशीनें वार्ड में रखी हुई है इन मशीनों को चालू नहीं किया गया है।
इस विभाग में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व वेंटिलेटर व अन्य कई मशीनें पर धूल की परत जमी हुई है।इन मशीनों का उपयोग बच्चों की देखभाल के लिए ना करके महज़ शोपिस के लिए रखा गया है।बाल चिकित्सा विभाग में करीब 4 वर्ष पहले वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी लेकिन वेंटिलेटर आज तक बच्चों के जीवन बचाने को लेकर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।जिला अस्पताल में मशीनों पर धूल जमी रहती है तो कहीं मशीनें सुचारू रूप से संचालित नहीं हो होती है। आए दिन मशीनों के खराब होने की जानकारी भी निकल कर सामने आती रहती है ।
दो बच्चो की हो चुकी है मौत
हरदोई जिला चिकित्सालय के बाल शिक्षा विभाग में बीते कई दिनों में बुखार, बदन दर्द के साथ निमोनिया से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़ गई है।गंभीर संक्रमण से बच्चों को जिला चिकित्सालय में बंद पड़ी मशीनों की सख्त आवश्यकता है लेकिन जिम्मेदार इस बाबत अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं।हाल ही में बाल चिकित्सा विभाग में भर्ती दो मासूम बच्चों के निमोनिया के चलते मौत हो गई है। जिला चिकित्सालय निमोनिया से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़ रही है यदि जिला चिकित्सालय में रखें वेंटिलेटर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जिम्मेदारों ने समय रहते चालू नहीं किया तो ना जाने कितने मासूम जिम्मेदारों लचर कार्यशैली के चलते दम तोड़ देंगे।
देहात के ग्राम मढ़िया के रहने वाले भैया लाल का 8 महीने का पुत्र पीयूष सांस लेने में समस्या हो रही थी भैया लाल अपने पुत्र को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां कुछ देर बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया।डॉक्टरों ने बताया कि ए आर डी एस से ग्रसित था जिसके चलते उसकी मौत हो गई वही लोनार के ग्राम सकरा से नौ माह की रानी ने दम तोड़ दिया।डॉक्टर ने बताया की रानी को निमोनिया की शिकायत थी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ दीपक ने कहा कि दोनों बच्चे गंभीर हालत में चिकित्सालय आए थे जहां उनकी जान को बचाने का प्रयास डॉक्टरों द्वारा किया गया लेकिन गंभीर बीमारी होने के चलते उन्हें बचाने में डॉक्टर कामयाब नहीं रहे।इन सब के बीच सवाल उठता है कि यदि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वेंटीलेटर चालू होता तो हो सकता है दोनों बच्चों की जान बचाई जा सकती है।