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Hardoi News: रेल मंत्री को सांसद ने सौंपा हरदोई गुरसहायगंज रेल लाइन बिछाने के लिए माँग पत्र, जल्द शुरू होने की उम्मीद

Hardoi News: सांडी रेल लाओ अभियान उस समय चर्चा में आया जब खून से लिख कर सांडी में रेल लाइन बिछाने की मांग की गई थी।

Pulkit Sharma
Published on: 11 Aug 2023 11:46 AM GMT
Hardoi News: रेल मंत्री को सांसद ने सौंपा हरदोई गुरसहायगंज रेल लाइन बिछाने के लिए माँग पत्र, जल्द शुरू होने की उम्मीद
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MP Handed Over Demand Letter to Railway Minister, Hardoi

Hardoi News: हरदोई से गुरसहायगंज वाया साड़ी रेल लाइन विधानसभा से लेकर लोकसभा तक चुनाव में एक मुद्दा रहती है। साथ ही लोगों की मांग भी इस रेल लाइन को बिछाने के लिए बढ़ती जा रही है। लोगों की मांग को देखते हुए हरदोई से भाजपा सांसद जयप्रकाश रावत ने दिल्ली में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात कर सांडी रेल लाइन को बिछाने के लिए एक पत्र दिया है। सांसद जयप्रकाश रावत ने कहा कि हरदोई से सांडी वाया गुरसहायगंज रेल लाइन 4 वर्षों से स्वीकृत है, पर इस पर लाइन बिछाने का कार्य नहीं शुरू हुआ है।

इस रेल लाइन के बनने के बाद हरदोई जनपद में व्यापार बढ़ेगा साथ ही व्यापार के नए अवसर भी बनेंगे। जय प्रकाश रावत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से शीघ्र ही इस रेल लाइन को बिछवाने की मांग की है। सांसद की मांग पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द ही इस पर मांगों को पूर्ण किया जाएगा।

10 वर्षों से चली आ रही है मांग, अब पूरी होने की उम्मीद-

10 वर्षों से अधिक समय से रेल यात्रियों की चली आ रही मांग अब पूरी होने की उम्मीद है। सांडी को हरदोई से गुरसहायगंज तक जोड़ने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है। सांडी वासियों ने रेल लाइन बिछवाने को लेकर काफी प्रयास किया है। सांडी में रेल लाओ समिति भी बनी हुई है। इस समिति के अध्यक्ष पंकज त्रिवेदी लगातार रेल प्रशासन को रेल लाओ अभियान के दौरान पत्राचार करते रहते हैं। सांडी रेल लाओ अभियान उस समय चर्चा में आया जब खून से लिख कर सांडी में रेल लाइन बिछाने की मांग की गई थी।

पंकज त्रिवेदी बताते हैं कि सांडी में अंग्रेजी शासकों के समय रेल लाइन थी जिसके अवशेष आज भी सांडी में मौजूद हैं। यह रेल लाइन हरदोई से गुरसहायगंज कन्नौज को जोड़ा करती थी, लेकिन समय बदला और इस रेल लाइन को बंद कर दिया गया, जिसके बाद से यहां सिर्फ अवशेष रह गए हैं। आपको बताते चलें कि सांडी में एक रेलवे स्टेशन भी था। साथ ही कई अन्य अवशेष भी रेल लाइन होने के प्रमाण दे रहे हैं। सांडी रेल लाओ समिति द्वारा हरदोई से सांडी होते हुए गुरसहायगंज रेल लाइन बिछाने की मांग कर रहे हैं। इस रेल लाइन के बिछने के बाद हरदोई से कानपुर, कन्नौज जाने के लिए जनपद के लोगों को अन्य वैकल्पिक संसाधनों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। जनपद के लोग इस रेल मार्ग से कानपुर, कन्नौज यात्रा कर सकेंगे।

2019 में रेल प्रशासन ने जारी की थी स्वीकृति-

सांडी रेल लाओ समिति के द्वारा की जा रही मांग पर रेलवे ने वर्ष 2019 के रेल बजट में हरदोई गुरसहायगंज वाया सांडी रेल लाइन को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। वर्ष 2020 में हरदोई से गुरसहायगंज वाया सांडी रेल लाइन को लेकर सर्वे भी हो चुका है। साथ ही जगह भी चिह्नित कर खंबे भी लगाए गए थे। रेलवे की भूमि पर खेती कर रहे लोगों से रेलवे की भूमि पर खेती न करने को भी कहा गया था। रेल प्रशासन द्वारा हरदोई से गुरसहायगंज वाया सांडी रेल लाइन का कई बार सर्वे कराया है, लेकिन बीते 4 वर्षों से रेल लाइन को बिछाने का कार्य शुरू नहीं हो सका।

बीते चार वर्षों से लगभग 60 किलोमीटर बिछने वाली रेल लाइन को लेकर 1302 करोड रुपए का बजट भी जारी हो रहा है। वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2023 तक रेलवे के कराए जाने वाले कार्यों के लिए जारी होने वाली पिंक बुक में भी हरदोई गुरसहायगंज वाया सांडी रेल लाइन को स्वीकृति मिली हुई है। हरदोई जनपद के लोग लगातार इस रेल लाइन को बिछाने का कार्य शुरू कराने की मांग रेल प्रशासन से कर रहे हैं।

Pulkit Sharma

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