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Hardoi News: सालों से ख़ुद को जीवित साबित करने के लिये अधिकारियों के चौखट की ठोकरें खा रहा वृद्ध, सीएम से भी लगाई गुहार
Hardoi News: वृद्ध ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उसको अभिलेखों में जिंदा करने की गुहार लगाई है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री के यहां से भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
Hardoi News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे हरदोई जनपद में एक वृद्ध अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए 27 सालों से अधिकारियों की चौखट के चक्कर काट रहा है लेकिन जिम्मेदारों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। थक हार कर वृद्ध ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उसको अभिलेखों में जिंदा करने की गुहार लगाई है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री के यहां से भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
वृद्ध का कहना है कि यदि अभिलेखों में शासन प्रशासन द्वारा उसे जीवित नहीं किया गया तो वह अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर लेगा अपने को अभिलेखों में जीवित दिखाने के लिए अधिकारियों के चौखट पर चक्कर काटकर वह अब थक चुका है। यदि शासन प्रशासन ने नहीं सुना तो वह आत्महत्या के लिए विवश होगा। वृद्ध ने बताया कि वर्ष 1996 से वह लगातार अधिकारियों की चौखट पर दरखास्त लगा रहा है फिर भी कोई सुनने वाला नहीं है।उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से को उम्मीद जगी थी लेकिन योगी सरकार में भी उस की दरखास्त ऊपर सुनवाई नहीं हुई।
मृत दिखाकर गाँव के दबंगों ने खेत व मकान पार किया क़ब्ज़ा
हरदोई जनपद के ग्राम पंचायत बहोरवा के निवासी आशुतोष पांडे वर्ष 1996 से अपने आप को अभिलेखों में जिंदा साबित करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।आशुतोष पांडे लगातार जिला प्रशासन से अपने आप को अभिलेखों में भी जीवित करने की गुहार लगा चुके हैं साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगाई है।आशुतोष पांडे ने बताया कि उनके पिता अंधे और माता गूँगी थी जिसका लाभ उठाकर गांव के कुछ शातिर दबंगों द्वारा उनकी 13 बीघा की खेत व मकान पर कब्जा कर लिया गया और अधिकारियों की मिलीभगत से परिवार रजिस्टर में उनको मृत घोषित कर दिया गया।आशुतोष पांडे ने बताया कि वर्ष 1996 में उनको परिवार रजिस्टर में मृत घोषित किया गया था तब से वह अपने आप को ज़िंदा साबित करने के लिए लगातार अधिकारियों की चौखट के चक्कर काट रहे हैं।आशुतोष पांडे का आरोप है कि गांव के दबंगों के साथ जिला प्रशासन के कुछ लोग भी मिले हुए हैं जिसके चलते उनके खेत वह मकान पर कब्जा हुआ और उन्हें मृत घोषित किया गया।उन्हीं अधिकारियों के चलते उनको परिवार रजिस्टर में भी मृत घोषित करा दिया गया।
नहीं मिला न्याय तो आत्महत्या के लिए होंगे विवश
आशुतोष पांडे ने बताया कि वह स्वयं को जीवित साबित करवाने में अब थक गए हैं अधिकारियों के कई बार चक्कर काटने के साथ मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के बाद भी कोई कार्यवाही शासन जिला प्रशासन स्तर पर नहीं हुई है, साथ ही उन दोषियों पर भी कार्रवाई नहीं हुई है जिन्होंने इस कृत्य को अंजाम दिया। आशुतोष पांडे ने कहा कि यदि उनको परिवार रजिस्टर में जीवित नहीं किया गया और भ्रष्ट अधिकारियों व दबंगों पर कार्यवाही ना हुई तो वह अपने बच्चों के साथ आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगे यदि वह आत्महत्या करते हैं तो उसका सीधे जिम्मेदार प्रशासन और शासन होगा।