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Hardoi News: निजी अस्पताल में मरीज की मौत, परिजनों का आरोप- गलत इंजेक्शन लगाते ही गई जान, डॉक्टर हॉस्पिटल छोड़ भागे!
Hardoi News: शिवानी के पिता राजेश और उसकी मां राजमती का कहना है कि बुधवार को शिवानी को इंजेक्शन लगाया गया था। आरोप है कि इंजेक्शन लगते ही शिवानी की हालत और बिगड़ गई, कुछ ही देर बाद उसकी वहीं मौत हो गई।
Hardoi News: जनपद के जहानी खेड़ा रोड पर स्थित एक निजी हॉस्पिटल में किशोरी की मौत होने पर वहां काफी हंगामा हुआ। बुधवार की दोपहर हुए इस हंगामे के दौरान डॉक्टर और वहां का स्टाफ कुर्सी छोड़ कर भाग निकला। किशोरी के घर वाले गलत तरीके से लगाए गए इंजेक्शन से मौत होने का आरोप लगा रहे हैं। इस बारे में एसएचओ सुनील दत्त कौल का कहना है कि तहरीर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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बुखार से पीड़ित किशोरी को लाया गया था अस्पताल
बताया गया है कि पिहानी कोतवाली के पिहानी हसैयामऊ निवासी राजेश की 13 पुत्री शिवानी की तबीयत खराब चल रही थी, उसे बुखार था। पिता राजेश अपनी पुत्री शिवानी को जहानीखेड़ा रोड पर स्थित एक निजी हास्पिटल ले गए। जहां खून की जांच कराने के नाम पर 1650 रुपये लिए गए। शिवानी के पिता राजेश और उसकी मां राजमती का कहना है कि बुधवार को शिवानी को इंजेक्शन लगाया गया था। आरोप है कि इंजेक्शन लगते ही शिवानी की हालत और बिगड़ गई, कुछ ही देर बाद उसकी वहीं मौत हो गई।
परिजनों ने किया जमकर हंगामा
गलत तरीके से लगाए गए इंजेक्शन से मौत होने से वहां हंगामा होने लगा। इसी बीच वहां मौजूद डॉक्टर और स्टाफ अपनी-अपनी कुर्सी छोड़ कर भाग निकला। इसका पता होते ही वहां पहुंची पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर लोगों का गुस्सा शांत कराया। इस बारे में एसएचओ पिहानी सुनील दत्त कौल का कहना है कि तहरीर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉक्टर बोले- नो कमेंट
निजी हास्पिटल के डॉ. वीके तिवारी का कहना है कि उन्होंने मरीज़ को नहीं देखा। इस बारे में पूछने पर डॉ.तिवारी नो कमेंट कहकर कुछ कहने से बच निकले। लेकिन अगर नियम की बात की जाए तो निजी हास्पिटल के रजिस्ट्रेशन में डॉ.वीके तिवारी का नाम दिया गया था। लेकिन डा.तिवारी वहां कब पहुंचते? इसका किसी को कुछ भी नहीं पता। लोगों की माने तो बस इसी तरह से नियमों को तार-तार कर निजी हास्पिटल खोले जा रहें हैं। जिस डॉक्टर के नाम रजिस्ट्रेशन में दिया जाता है, वह फिर दोबारा कभी घूम कर नहीं देखता। वहां का स्टाफ ही सारा कुछ संभालता है, लेकिन इस बारे में हॉस्पिटल की ओर से कोई कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।