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हाथरस कांड: योगी-मोदी की सरकार गिराने के लिए विदेशों से रची गई थी साजिश!

सुरक्षा एजेंसियों के पास इन सभी वेबसाइट के कंटेंट उपलब्ध हैं। इस बड़ी साजिश की जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार को होते ही वेबसाइट ने अपना संचालन बंद कर दिया है।

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Published on: 5 Oct 2020 9:52 AM GMT
हाथरस कांड: योगी-मोदी की सरकार गिराने के लिए विदेशों से रची गई थी साजिश!
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ये भी पता चला है कि इस तरह की वेबसाइट का मसकद सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार की छवि को खराब करना है।

लखनऊ: हाथरस कांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती जा रही है। वैसे-वैसे नित नये खुलासे हो रहे हैं। यूपी के हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को दलित युवती की बर्बर पिटाई के बाद 29 सितंबर को मौत होने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है।

पता चला है कि प्रदेश सरकार को बदनाम करने के लिए विदेशी ताकतें भी लगी हुई हैं और उनकी तरफ से जमकर धन का प्रयोग किया गया।

Hathras हाथरस कांड के बारे में मीडिया को जानकारी देते पीड़िता के परिजन(फोटो: सोशल मीडिया)

झूठ फैलाने वालों के खिलाफ उतर प्रदेश सरकार ने कसा शिंकजा

जिसके बाद से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर फोटो शॉप के प्रयोग से सरकार विरोधी मूवमेंट चलाने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

इसी कड़ी में कुछ साजिशकर्ताओं के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज कराया गया है। इसके बाद से साजिश करने वाली सभी वेबसाइट बंद हो गई हैं और साजिशकर्ता बचने की कोशिश में लगे हुए हैं।

Yogi Aditynath यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ(फोटो:सोशल मीडिया)

वेबसाइट बनकर फैलाया जा रहा था योगी-मोदी के खिलाफ झूठ

प्रदेश सरकार को बदनाम करने के पीछे एक वेबसाइट justiceforhathrasvictim.carrd.co की भूमिका सामने आई है। जिसको विदेशों से धन मुहैया कराया जा रहा था। इसके माध्यम से लोगों को हाथरस कांड के अभियान से अधिक संख्या में जोड़ने का काम चल रहा था।

नकली आईडी का प्रयोग करके देश के लोगों को गलत फोटो के साथ हिंसा भड़काने वाली सामग्री भेजी जा रही था। जिसमें दिल्ली, कोलकाता व अहमदाबाद से नकली आईडी का उपयोग कर कुछ ही घंटों में हजारों लोगों को जोड़ा गया।

प्रदेश सरकार की ओर से दावा किया गया है कि हाथरस की घटना के बाद राज्य में अचानक कई ऐसी वेबसाइट बनकर तैयार हो गईं। जिनका मकसद जातीय तौर पर लोगों को भड़काना है।

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money रूपये की लेनदेन करते फोटो(सोशल मीडिया)

विदेशों ताकतों और पैसों का भरपूर इस्तेमाल

वेबसाइट justiceforhathrasvictim.carrd.com इसका जो लैंडिंग पेज था उससे पता चला है कि कि वो फ्री में वेबसाइट बनाने के काम आता है। नाम के प्लेटफॉर्म से दुनियाभर के कई प्रोटेस्ट के लिए वेबसाइट बनाती जाई रही हैं, फिर चाहे अमेरिका में चल रहा ब्लैक लाइव मैटर से जुड़ा कोई प्रोटेस्ट हो या फिर इससे जुड़े कुछ और कांड।

सुरक्षा एजेंसियों के पास इन सभी वेबसाइट के कंटेंट उपलब्ध हैं। इस बड़ी साजिश की जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार को होते ही वेबसाइट ने अपना संचालन बंद कर दिया है।

अभी ये वेबसाइट डिलीट कर दी गई है। पता चला है कि इसको इस्लामी देशों से भारी धन मिल रहा था और उनके संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ भारत से हैं। यह लोग नागरिकता विरोधी बिल (सीएए) के विरोध में देश में दंगे फैलाने की साजिश में शामिल थे।

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दंगों के बारे में दी जा रही ट्रेनिंग

वेबसाइट में बताया गया है कि प्रदर्शन के वक्त क्या पहनें, कब किधर भागें। सोशल मीडिया पर कोई रिकॉर्डिंग ना डालें। अगर पुलिस लाठीचार्ज करती है तो क्या करे , प्रदर्शन वाली जगह माहौल भड़के तो कैसे निपटें। इसके साथ ही वेबसाइट पर जानकारी दी गई कि मास्क पहनकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करें, ताकि पहचान ना हो।

Fake Content वेबसाइट पर पीएम मोदी और सीएम योगी के बारे में फैलाया जा रहा था झूठ(फोटो:सोशल मीडिया)

सीएम व पीएम की छवि खराब करने का प्रयास

इतना ही नहीं ये भी पता चला है कि इस तरह की वेबसाइट का मसकद सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार की छवि को खराब करना है।

वेबसाइट पर फर्जी आईडी से कई लोगों को जोड़ा गया। इसके साथ ही इसमें दंगे कैसे करें और फिर दंगों के बाद कैसे बचें, इसके कानूनी उपाय की जानकारी वेबसाइट पर दी गई है।

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